बीजिंग : चीन के एक दैनिक अखबार ने मंगलवार चेतावनी देते हुए कहा कि चीन युद्ध के लिए तैयार है और वह भारत से युद्ध करने से डरता नहीं है। भारत को विवादित सीमा पर टकराव का सामना करना पड़ेगा।
चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स के एक लेख में कहा गया है कि चीन को भारत से लगी सीमा पर ज्यादा सैनिकों की तैनाती करनी चाहिए और डोकलाम में सड़क निर्माण को तेज करना चाहिए, जहां दोनों पक्षों के बीच करीब महीने भर से गतिरोध बना हुआ है।
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यह गतिरोध तब शुरू हुआ, जब भारतीय जवानों ने डोकलाम में चीनी सैनिकों को सड़क निर्माण करने से रोका। डोकलाम क्षेत्र को लेकर चीन व भूटान में विवाद है। डुओ म्यू द्वारा लिखे गए इस लेख में कहा गया है, "चीन अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए युद्ध करने से नहीं डरता और खुद को लंबे समय के टकराव के लिए तैयार करेगा।" उन्होंने कहा, "चीन को भविष्य के विवाद और टकराव के लिए तैयार होना चाहिए, ताकि चीन आगे वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत के किसी कदम का मुकाबला कर सके।"
उन्होंने कहा, "यदि भारत कई जगहों पर संघर्ष कर रहा है तो इसे पूरे एलएसी पर चीन के साथ लगी सीमा पर टकराव का सामना करना होगा।" डुओ ने कहा, "3,500 किमी लंबी सीमा कभी भी विवादों से खाली नहीं रही। वर्ष 1962 के युद्ध के बाद से भारतीय पक्ष ने बार-बार उकसावापूर्ण कार्रवाई की है।"
चीन और भारत के बीच 3,488 किमी लंबी सीमा है, जिसमें से 220 किमी सिक्किम में पड़ती है, जहां डोकलाम स्थित है। डोकलाम भारत, चीन व भूटान के बीच तिराहा है। चीन डोकलाम को अपना बताता है, जबकि भारत व भूटान इसे खारिज करते हैं और डोकलाम के स्वामित्व को एक लंबित मुद्दा बताते हैं।
यह टिप्पणी तिब्बत में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के युद्धाभ्यास के बाद आई है, जो भारत की सीमा पर है। लेख में कहा गया है, "भारतीय मीडिया के अनुसार, भारतीय सैनिकों ने सीमांत इलाके में डेरा डाल रखा है। भारतीय सैनिकों का दावा है कि भारत तबतक सिक्किम में चीन-भारत सीमा पर चीन के साथ मुकाबले के लिए मौजूद रहेगा, जबतक चीनी सेना वहां से नहीं हट जाती।"
लेख में कहा गया है, "इसके जवाब में चीन को सीमा पर निर्माण को मजबूत करना चाहिए और सैनिकों की तैनाती और डोकलाम में निर्माण को तेज करना चाहिए। यह संप्रभु राष्ट्र की जायज कार्रवाई है।"