सिलाकैप/नई दिल्लीः इंडोनेशिया ने ड्रग तस्करी से जुड़े मामलों में दोषी ठहराए गए एक स्थानीय और तीन नाइजीरियाई नागरिकों को शुक्रवार तड़के मौत की सजा दे दी। ड्रग तस्करी के आरोपियों में पंजाब के गुरदीप सहित 10 लोगों की सजा फिलहाल टल गई है। विदेश मंत्रालय और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज गुरदीप को बचाने की कोशिश कर रहे हैं।
बता दें कि गुरदीप को 300 ग्राम ड्रग्स के साथ साल 2004 में इंडोनेशिया में गिरफ्तार किया गया था। इंडोनेशिया के सामान्य अपराध मामलों के उप अटॉर्नी जनरल नूर राचमाद ने बताया कि सभी 4 दोषियों को मध्यरात्रि के ठीक बाद मौत की सजा दी गई। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया गुरदीप सिंह सहित 10 अन्य दोषियों को मौत की सजा क्यों नहीं दी गई।
उधर, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने गुरुवार शाम 48 वर्षीय गुरदीप सिंह के परिवार से फोन पर बात की और आश्वस्त किया कि गुरदीप को बचाने के लिए वे अपनी ओर से पूरे प्रयास कर रही हैं। गुरदीप जालंधर से है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने बताया कि हमारे अधिकारियों ने गुरदीप से मुलाकात की है और हमारे दूतावास ने इंडोनेशिया की सरकार से सभी कानूनी विकल्प देखने को कहा है। उन्होंने कहा कि सिंह के पास इंडोनेशिया के राष्ट्रपति के पास दया याचका की अपील करने का अधिकार है।
मौजूदा समय में इंडोनेशिया के अधिकारियों ने मादक द्रव्यों के बढ़ते इस्तेमाल के खिलाफ मौत की सजा देने के फैसले का बचाव किया है और 14 दोषियों की मौत की सजा टालने की संयुक्त राष्ट्र और यूरोपीय यूनियन की अपील खारिज कर दी है। इन दोषियों में नाइजीरिया, पाकिस्तान और जिम्बाब्वे के नागरिक भी शामिल हैं।
फोटोः मौत की सजा देने से पहले दोषियों से बात करता इंडोनेशियाई पुलिस अफसर