नशा मुक्ति दिवस मनाते हर साल, फिर भी नहीं रखते सेहत का ख्याल

26 जून को हर साल दुनियाभर में अंतर्राष्ट्रीय नशा निषेध दिवस (इंटरनेशनल डे अगेन्स्ट ड्र्ग अब्यूस एंड इलिसिट ट्रैफिकिंग) के रूप में मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र के सहयोग से इस इस दिवस की स्थापना वर्ष 1987 में हुई थी।

Update:2019-06-26 15:04 IST

नई दिल्ली: 26 जून को हर साल दुनियाभर में अंतर्राष्ट्रीय नशा निषेध दिवस (इंटरनेशनल डे अगेन्स्ट ड्र्ग अब्यूस एंड इलिसिट ट्रैफिकिंग) के रूप में मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र के सहयोग से इस इस दिवस की स्थापना वर्ष 1987 में हुई थी। लोगों को नशे से मुक्त कराने और उन्हें जागरुक करने के उद्देश्य से यह दिवस मनाया जाता है।

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नशीली दवाओं या पदार्थों का सेवन करने वालों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ते देख संयुक्त राष्ट्र ने 7 दिसंबर 1987 को अंतरराष्ट्रीय नशा निषेध दिवस मनाने की घोषणा की थी। इस दिवस के माध्यम से लोगों को नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध व्यापार के प्रति जागरुक किया जाता है।

पूरे विश्व में इस दिन विभिन्न समुदायों और संगठन लोगों को नशीली दवाओं के प्रति क्षेत्रीय स्तर लोगों को जागरुक करने के लिए तमाम तरह के कार्यक्रम चलाते हैं। इस दौरान उन्हें नशीले पदार्थों से होने वाले नुकसान और खतरों के बारे में बताया जाता है।

ये है इस वर्ष की थीम

इस वर्ष अंतरराष्ट्रीय नशा निषेध दिवस की थीम ‘न्याय के लिए स्वास्थ्य, स्वास्थ्य के लिए न्याय’ (हेल्थ फॉर जस्टिस एंड जस्टिस फॉर हेल्थ) है। जाहिर सी बात है कि इस बार की थीम लोगों से अपनी हेल्थ के साथ न्याय करने की अपनी करती है।

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