अमेरिका के खिलाफ ईरान बनाएगा एटम बम! तोड़ा न्यूक्लियर डील 2015
अमेरिका और ईरान के बीच बढ़े विवाद और आये दिन हो रहे हवाई हमले के बाद अब ईरान ने अमेरिका के साथ न्यूक्लियर डील 2015 का समझौता तोड़ दिया। ईरानी मीडिया ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि ईरान अब 2015 के अपने परमाणु समझौते की किसी भी सीमा का पालन नहीं करेगा।
अमेरिका और ईरान (Iran) के बीच बढ़े विवाद और आये दिन हो रहे हवाई हमले के बाद अब ईरान ने अमेरिका के साथ न्यूक्लियर डील 2015 (Nuclear Deal 2015) का समझौता तोड़ दिया। ईरानी मीडिया ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि ईरान अब 2015 के अपने परमाणु समझौते की किसी भी सीमा का पालन नहीं करेगा। इसके तहत ईरान पर ये प्रतिबन्ध लगाया गया था कि यूरेनियम संवर्धन के क्षेत्र में आगे काम नहीं करेगा, लेकिन इस बाबत ईरान ने कहा कि अब इस समझौते का कोई मतलब नहीं रह जाता है।वह इस समझौते को मानने के लिए बाध्य नहीं है।
बता दें कि ईरान परमाणु समझौते से पीछे हटने के पांचवें चरण को अंतिम रूप दे चुका था। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अब्बास मौसवी ने रविवार को कहा, पांचवें चरण के संबंध में निर्णय पहले ही हो चुका था, मगर मौजूदा हालात को देखते हुए रविवार रात एक महत्वपूर्ण बैठक में अहम बदलाव किए गए। ईरान और वैश्विक ताकतों के बीच 2015 में परमाणु समझौते पर सहमति हुई थी, मगर अमेरिका 2018 में इससे पीछे हट गया था।
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जानें परमाणु कार्यक्रम के बारे में :
दरअसल, परमाणु कार्यक्रम के तहत कोई भी देश शांतिपूर्ण इस्तेमाल के लिए अंतर्राष्ट्रीय मानदंडों के साथ उत्पादन कर अपना परमाणु कार्यक्रम चला सकता है। इसमें परमाणु ऊर्जा का उपयोग बिजली उत्पादन के लिए होता है।हालाँकि कई देश इसका चोरी छुपे इस्तेमाल बम बनाने के लिए करते हैं।
अमेरिका-ईरान के बीच न्यूक्लियर डील 2015:
जुलाई 2015 में बराक ओबामा के कार्यकाल के दौरान अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, चीन, फ्रांस और जर्मनी के साथ मिलकर ईरान ने परमाणु समझौता किया था। इस समझौते के मुताबिक, ईरान को अपने संवर्धित यूरेनियम के भंडार को कम करना था और अपने परमाणु संयंत्रों को निगरानी के लिए खोलना था। इसके बदले में उस पर लगे आर्थिक प्रतिबंधों में आंशिक रियायत दी गई थी। लेकिन बाद में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आरोप लगाया कि ईरान ने छिपकर अपने परमाणु कार्यक्रम को जारी रखा।
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ऐसे बनता है परमाणु बम:
बता दें कि परमाणु बम बनाने के लिए कई चरणों से गुज़रना पड़ता है। यूरेनियम धातु का खनन, कुटाई-पिसाई और फिर सफ़ाई के बाद इसे केक यलो में परिवर्तित किया जाता है, जिसे बाद में गैस की शक्ल में परिवर्तित किया जाता है। परमाणु हथियार बनाने के लिए यूरेनियम के अधिक सीमा तक संवर्धन की आवश्यकता होती है और गैस (यूएफबी) को धातु (मेटल) की शक्ल दी जाती है और इन्हीं धातु छड़ों को हथियारों में प्रयोग के लिए उपयुक्त बनाया जाता है और आख़िर में परमाणु हथियारों को चलाने के लिए उनका भूमिगत परीक्षण किया जाता है।