International News: पाक के बड़बोले गृह मंत्री ने कबूल लिया सच, तालिबानी आतंकियों को मदद पहुंचाने की बात मानी

Islamabad News: पाकिस्तान के गृह मंत्री शेख राशिद ने चैंकाने वाला खुलासा करते हुए कहा है कि अफगान तालिबान आतंकवादियों के परिवार राजधानी इस्लामाबाद के फेमस इलाकों में रहते हैं। और कभी-कभी स्थानीय अस्पतालों में उनका इलाज भी किया जाता है। साक्षात्कार में राशिद ने कहा कि पूर्व सैन्य तानाशाह परवेज मुशर्रफ दुश्मनों के उन इलाकों में ड्रोन हमलों को प्रभावी मानते थे, जो पाकिस्तानी बलों की पहुंच से बाहर हैं।

Written By :  Anshuman Tiwari
Published By :  Pallavi Srivastava
Update: 2021-06-29 08:36 GMT

Islamabad News: अपने बड़बोलेपन के लिए जाने जाने वाले पाकिस्तान के गृह मंत्री शेख राशिद ने एक बार फिर अपने देश की किरकिरी कराई है। उन्होंने एक टीवी चैनल को दिए साक्षात्कार के दौरान इस बात को कबूल किया है कि अफगानिस्तान में सक्रिय तालिबानी आतंकवादियों के परिवार पाकिस्तान में ही रह रहे हैं। शेख राशिद ने खुलासा किया कि तालिबानी आतंकियों के परिजन राजधानी इस्लामाबाद के लोकप्रिय उपनगरों में रह रहे हैं जहां उन्हें हर प्रकार की सुविधा उपलब्ध है। उन्होंने यह भी खुलासा किया कि कई बार जरूरत पड़ने पर तालिबानी आतंकी पाकिस्तान के अस्पतालों में इलाज की सुविधा का भी लाभ उठाते हैं।

पाकिस्तान हमेशा अफगानिस्तान में सक्रिय तालिबानी आतंकियों को मदद देने के आरोपों को खारिज करता रहा है। दूसरी ओर अफगानिस्तान के नेताओं का आरोप है कि तालिबानी आतंकियों को पाकिस्तान से पूरी मदद मिलती है और वे अपनी गतिविधियों का संचालन करने के लिए पाकिस्तानी जमीन का ही इस्तेमाल करते हैं। अब शेख राशिद के खुलासे से एक बार फिर पाकिस्तान बेनकाब हो गया है।

तालिबानी आतंकियों के परिजन राजधानी इस्लामाबाद के लोकप्रिय उपनगरों में रह रहे हैं pic(social media)

पाक में आराम से रह रहे हैं आतंकियों के परिजन

पाकिस्तान के गृह मंत्री राशिद ने पाकिस्तान के चर्चित टीवी न्यूज चैनल जियो न्यूज को दिए एक साक्षात्कार में तालिबानी आतंकियों को मदद देने का बड़ा खुलासा किया। उन्होंने इस बात को खुलकर कबूल किया कि तालिबानी आतंकियों के परिजन पाकिस्तान में आराम की जिंदगी जी रहे हैं। आतंकियों के परिजन इस्लामाबाद के पॉश इलाकों रवात, लोई बेर, बारा काहू और तरनोल जैसे इलाकों में रहते हैं जहां हर प्रकार की सुविधा उपलब्ध है। उन्होंने यह बात भी कबूल की कि जरूरत पड़ने पर तालिबानी आतंकियों का पाकिस्तान के अस्पतालों में इलाज भी होता है। यहां तक कि मारे जाने के बाद कई लड़ाकों के शव भी यहां पाकिस्तान में लाए जाते हैं।

पाक हमेशा करता रहा है खंडन

पाक के गृह मंत्री के इस बयान को बड़ा कबूलनामा माना जा रहा है क्योंकि पाकिस्तान हमेशा तालिबानी आतंकियों को मदद पहुंचाने की बात को नकारता रहा है। तालिबानी आतंकियों ने करीब दो दशक से अफगानिस्तान की सरकार के खिलाफ संघर्ष छेड़ रखा है और पाकिस्तान पर हमेशा इन आतंकियों की मदद करने का आरोप लगता रहा है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर घेरेबंदी से बचने के लिए पाकिस्तान इस मामले में दोहरा खेल खेलता रहा है। अब पाकिस्तान के ही एक बड़े मंत्री ने ही अपने देश की कलई खोलकर रख दी है। अफगानिस्तान में अमेरिकी अगुवाई वाली अंतरराष्ट्रीय सेना की एक मई से वापसी शुरू हो चुकी है। इस बीच तालिबानी आतंकियों ने अफगानिस्तान की सरकार के खिलाफ हमले तेज कर दिए हैं। हाल के दिनों में किए गए हमलों में कई लोग मारे जा चुके हैं। ऐसे में पाक के एक प्रमुख मंत्री की स्वीकारोक्ति से समझा जा सकता है कि तालिबानी आतंकियों को इस मामले में पाकिस्तान से कितनी मदद मिल रही है।

ड्रोन हमले को लेकर भी कही बड़ी बात

जियो न्यूज को दिए इंटरव्यू के दौरान राशिद ने एक और बड़ी बात कही है। उन्होंने कहा कि पूर्व सैन्य तानाशाह परवेज मुशर्रफ का मानना था कि ऐसे इलाकों में ड्रोन से हमला काफी प्रभावी हो सकता है जहां पाकिस्तानी सेना चाहकर भी कुछ नहीं कर पाती। हाल में जम्मू के एयरबेस पर ड्रोन के जरिये ही हमला किया गया था। इस हमले के पीछे भी पाकिस्तानी एजेंसियों की मदद की बात सामने आ रही है। सेना की ओर से आतंकियों की घुसपैठ रोके जाने के बाद अब पाकिस्तानी सेना और खुफिया एजेंसी आईएसआई की ओर से आतंकी संगठनों को उपकरण और तकनीक मुहैया कराकर ड्रोन हमले की साजिश रची जा रही है। भारतीय एजेंसियों की जांच पड़ताल में भी इस बात का खुलासा हुआ है।

आतंकियों की मदद पर ही लगा था झटका

फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने अभी हाल में आतंकवादियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई न किए जाने पर पाकिस्तान को एक बार फिर ग्रे लिस्ट में बरकरार रखा है। एफएटीएफ के अध्यक्ष मार्कस प्लीयर ने इस बाबत घोषणा करते हुए कहा था कि हाफिज सईद और मसूद अजहर जैसे संयुक्त राष्ट्र में सूचीबद्ध आतंकियों के खिलाफ पाकिस्तान की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। ऐसे में पाकिस्तान को आगे भी ग्रे लिस्ट में ही बरकरार रखने का फैसला किया गया है। एफएटीएफ का यह भी मानना है कि मनी लांड्रिंग और टेरर फंडिंग के खतरे को रोकने में भी पाकिस्तान पूरी तरह विफल रहा है। एफएटीएफ के मुताबिक इस महत्वपूर्ण बिंदु पर काम किए बिना पाकिस्तान ग्रे लिस्ट से बाहर नहीं हो सकेगा।

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