Israel : इजरायल में 3 साल में 5वीं बार होंगे आम चुनाव, जानें क्यों बार-बार यहां होते हैं इलेक्शन
इजराइल में 2019 से लेकर अब तक वहां चार आम चुनाव हो चुके हैं, लेकिन अब तक कोई स्थिर सरकार नहीं बन सकी है। अक्टूबर में होने वाला चुनाव तीन साल में पांचवां चुनाव होगा।
Israel: यहूदी देश इजरायल (Israel) एकबार फिर आम चुनाव के दहलीज पर खड़ा है। आज रात चुनाव को लेकर संसद से एक अहम बिल पास कराया जाएगा, जिसके बाद देश में चुनाव का रास्ता साफ हो जाएगा। दरअसल मध्य – पूर्व का यह छोटा देश अपनी राजनीतिक अस्थिरता के लिए जाना जाता रहा है। 2019 से लेकर अब तक वहां चार आम चुनाव हो चुके हैं, लेकिन अब तक कोई स्थिर सरकार नहीं बन सकी है। अक्टूबर में होने वाला चुनाव तीन साल में पांचवां चुनाव होगा।
केयरटेकर पीएम बनेंगे लैपिड
इजरायल के प्रधानमंत्री नेफ्ताली बेनेट (Israeli Prime Minister Naftali Bennett) जल्द अपने पद से इस्तीफा देंगे। उनकी जगह लेंगे मौजूदा विदेश मंत्री येर लैपिड (Foreign Minister Yer Lapid), जो सरकार में नंबर दो की भूमिका में हैं। हालांकि, वह केयरटेकर पीएम होंगे, उनके पास निर्वाचित प्रधानमंत्री के इतना पावर नहीं होगा। वह अगले आम चुनाव तक इस पद पर बने रहेंगें। इसे लेकर बेनेट और लैपिड में बात बन चुकी है। इस सियासी उथलपुथल के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन (US President Joe Biden) अगले माह इजरायल आ रहे हैं। ऐसे में उनकी आगवानी मौजूदा पीएम नेफ्ताली बेनेट की बजाय केयरटेकर पीएम बनने जा रहे येर लैपिड करते नजर आएंगे।
बेमेल था सत्तारूढ़ गठबंधन
इजरायली मीडिया के मुताबिक, प्रधानमंत्री नेफ्ताली बेनेट (Israeli Prime Minister Naftali Bennett), पूर्व पीएम बेंजामिन नेतन्याहू की तरह ही गठबंधन सरकार चलाने में असफल रहे। बेनेट को इजरायल में हार्ड लाइन रखने वाले दक्षिणपंथी नेता के तौर पर देखा जाता है। जबकि उनके दूसरे सहोयोगी येर लैपिड को लिबरल नेता माना जाता है। बेनेट के गठबंधन में दक्षिणपंथी पार्टियों के साथ ही लिबरल्स और अरब पार्टीज भी शामिल थीं। इसलिए इसे शुरू से ही बेमेल गठबंधन कहा जाता था। सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल अरब पार्टी का बेनेट सरकार पर आरोप था कि वह फिलिस्तीनियों के इलाकों में यहूदियों को बसा रही है।
नेतन्याहू वापसी की कोशिश में
इजरायल में लंबे समय तक सत्ता में रहे पूर्व प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (Former Prime Minister Benjamin Netanyahu) आसन्न चुनाव में सत्ता में वापसी की जोरदार कोशिश करते नजर आएंगे। उन्होंने सत्ता में लौटने की कसम खा रखी है। बीते दिनों उनकी सरकार सहयोगी दल के समर्थऩ वापस ले लेने के कारण गिर गई थी। इजरायल की मौजूदा सियासी हालत को देखते हुए वहां उनका अपने बल पर सरकार में आना मुश्किल है। ऐसे में माना जा रहा है कि वह एकबार फिर गठबंधन के सहारे सत्ता में वापसी की कोशिश करेंगे। बता दें कि मौजूदा पीएम नेफ्ताली बेनेट नेतन्याहू सरकार का हिस्सा रह चुके हैं।
बार – बार क्यों यहां होते हैं इलेक्शन ?
इजरायल मध्य – पूर्व का एक बेहद छोटा देश है। यहां की संसद में कुल 120 सीटें हैं और बहुमत का आंकड़ा 61 है। लेकिन आज तक इस जादुई आंकड़े को कोई भी पार्टी अकेले हासिल नहीं कर सकी है। इसका कारण यह है कि यहां मल्टी पार्टी सिस्टम है। छोटी – छोटी पार्टियां भी सीट जीतने में सफल हो जाती हैं, जिसके कारण बड़े सियायी दल बहुमत से दूर रह जाते हैं।
यही कारण है कि यहां अक्सर प्री या पोस्ट पोल अलायंस होते हैं। यहां के सियासी दलों में भी काफी मतभेद बने रहते हैं, जिसके कारण गठबंधन सरकारें अधिक समय तक टिक नहीं पाती है। राजनीतिक अस्थिरता के बावजूद इजरायल की सुरक्षा व्यवस्था पर कोई आंच नहीं आती है। क्योंकि इस देश ने सुरक्षा और शासन व्यवस्था के लिए एक प्रॉपर मैकेनिज्म बना रखा है, जो राजनीतिक उथलपुथल से प्रभावित नहीं होती हैं।