इजराइल पर हमास ने दागे 3150 रॉकेट, नेस्तनाबूद हो जाता देश, आयरन डोम ने बचाया
हमास ने अब तक इजराइल पर हजारों रॉकेट बरसाए, लेकिन उसके आयरन डोम सिस्टम ने देश को बचाने का काम किया है।
नई दिल्ली: 3150 रॉकेट से हमास ने इजराइल (Israel) पर भीषण हमला (Attack) किया है। अग्निबाणों की तरह इजराइल पर बरस रहे रॉकेट अब तक पूरा देश नेस्तनाबूद कर चुके होते लेकिन इजराइल के आयरन डोम सिस्टम (Iron Dome System) ने उसे बचा लिया। इस सिस्टम के बूते पर इजराइल ने लगभग 90 प्रतिशत रॉकेट को हवा में ही नष्ट कर दिया। इसके बावजूद कई रॉकेट उसके शहरी इलाकों में गिरे, जहां तबाही के निशान अब भी मौजूद हैं। भारतीय नर्स सौम्या की मौत भी ऐसे ही हमले में हुई है।
इजराइल और फिलीस्तीन की जंग (Israeli-Palestinian War) में अब तक गाजा में तबाही की तस्वीरें ही सामने आ रही हैं। फिल्म अभिनेत्री से लेकर बच्चों के घायल होने की फोटो वायरल हो रही है लेकिन दो देशों की इस जंग में इजराइल अब तक पूरी तरह बर्बाद हो चुका होता अगर उसके पास आयरन डोम सिस्टम (Iron Dome System) यानी लौह कवच नहीं होता। बीते एक सप्ताह की जंग में हमास ने इजराइल पर छोटी-बड़ी दूरी वाले 3150 रॉकेट छोड़े हैं। विस्फोटकों से भरे यह रॉकेट इजराइल के रिहाइशी इलाकों को निशाना बनाकर छोड़े गए थे।
अग्निबाणों की तरह एक के बाद एक सैकड़ों रॉकेट एक साथ इजराइल की राजधानी तेल अवीव समेत अन्य शहरों की ओर भेजे गए। इनमें से अधिकांश रॉकेट को इजराइल ने हवा में ही मार गिराया। इसके बावजूद कई रॉकेट अपने निशाने पर पहुंचने में कामयाब रहे। ऐसा ही एक रॉकेट इजराइल के एश्केलॉन शहर में एक रिहाइशी अपार्टमेंट पर गिरा। इस हमले में भारतीय नर्स सौम्या संतोष मारी गईं। इजराइल का दावा है कि हमास की ओर से लगातार उसके नागरिकों को निशाना बनाया जा रहा है। गाजा की ओर से छोड़े जाने वाले रॉकेट का निशाना सैन्य ठिकानों के बजाय रिहाइशी इलाके हैं। इसमें उसके कई नागरिकों को जान गंवानी पड़ी है।
आयरन डोम सिस्टम ने बचाया
हमास ने पहले दो दिन में 2300 रॉकेट इजराइल की ओर दागे। इसमें भी सैकड़ों रॉकेट तो एक साथ यानी एक मिनट से भी कम समय में छोड़े गए। हमास के इस भीषण हमले से इजराइल को आयरन डोम सिस्टम ने बचाया। अगर यह सिस्टम इजराइल के पास नहीं होता तो हमास के हमले के बाद इजराइल का नामोंनिशान मिट चुका होता। इजराइल के आयरन डोम सिस्टम ने फिलीस्तीन, लेबनान, सीरिया की ओर से छोड़े गए ज्यादातर रॉकेट और मिसाइल को हवा में ही नष्ट कर दिया।
क्या है आयरन डोम सिस्टम
इजराइल का आयरन डोम सिस्टम उसका अत्याधुनिक रक्षा कवच है। इस सिस्टम के तहत इजराइल की सेना अपनी ओर आने वाले खतरे को भांपकर उसका समुचित जवाब देने में सक्षम है। आयरन डोम सिस्टम दरअसल अलग-अलग रेंज की मिसाइलों का मिला जुला रूप है। इसमें लांग रेंज, मीडियम रेंज, शॉर्ट रेंज और वेरी शॉर्ट रेंज मिसाइलों का सिस्टम है। मीडियम रेंज यानी 50 किमी तक मार करने वाली स्पाइडर एमआर, शॉर्ट रेंज यानी 20 किमी मारक क्षमता के स्पाइडर एसआर, वेरी शॉर्ट रेंज यानी 10 किमी रेंज में मार करने वाली मिसाइलों का सिस्टम है। लॉंग रेंज के लिए इजराइल के पास डेविड स्लिंग मिसाइल सिस्टम है। वेरी शॉर्ट रेंज को ही आयरन डोम सिस्टम कहा गया है।
मोर्टार, आर्टिलरी सिस्टम, रॉकेट की पहचान करने और उसे नष्ट करने में सक्षम है। क्योंकि इजराइल का दुश्मन उसके बिल्कुल बगल में है। गाजा में एक सड़क ही इजराइल और फिलीस्तीन की सीमा रेखा है। इसलिए उसे आयरन डोम सिस्टम की जरूरत पड़ती है जो महज दस किमी के अंदर ही हवा में रॉकेट या मोर्टार हमले को बेकार कर सके। इजराइल के रक्षा इंजीनियरों ने इसे खास तौर पर अपनी जरूरत के अनुसार विकसित किया है। एक आयरन डोम सिस्टम में एक साथ 80 रॉकेट या मोर्टार हमलों को नष्ट करने की क्षमता है। इसलिए जब भी हमास की ओर से रॉकेट दागा जाता है तो आयरन डोम सिस्टम उसके छोड़े जाते ही उसकी गति और दिशा का आकलन कर सीधे उस पर अटैक कर देता है।
आयरन डोम की मदद से ही इजराइल की सेना हमास के हमलों को नाकाम कर रही है। हालांकि हमास ने भी इजराइल की क्षमता को भांपते हुए उसपर एक साथ सैकड़ों रॉकेट इसीलिए दागे हैं कि उसका आयरन डोम सिस्टम फेल हो जाए। इसमें उसे कामयाबी भी मिली जब उसकी ओर से छोड़े गए सिस्टम इजराइल के रिहाइशी इलाकों में जाकर गिरे हैं।
इजराइल सेना ने जारी किया है हमास के हमले का वीडियो
इजराइल की सेना ने अपने आयरन डोम सिस्टम से हमास के हमलों को नाकाम करने वाला वीडियो पूरी दुनिया में साझा किया है। इजराइल ने बताया कि अगर उसका आयरन डोम सिस्टम नहीं होता तो हमास ने जिस तरह हजारों रॉकेट हमले उसके रिहाइशी इलाकों की ओर किए हैं उनसे पूरा इजराइल तबाह और बर्बाद हो सकता था।
इजराइल केवल इसलिए बच पाया कि उसके पास लगभग दस आयरन डोम सिस्टम है। यही वजह है कि हमास ने एक सप्ताह में जब 3150 रॉकेट हमले किए तब भी वह इजराइल को बर्बाद करने के अपने मंसूबे में कामयाब नहीं हो सका। दूसरी ओर इजराइल ने फिलीस्तीन पर जो हमले किए उनसे वह अपना बचाव नहीं कर सका। इससे उसका नुकसान सभी को दिखाई दे रहा है।