Russia Ukraine War: जॉर्जिया मेलोनी का बड़ा बयान, बोलीं- भारत रुकवा सकता है रूस-यूक्रेन युद्ध
Russia Ukraine War: पीएम मोदी ने अपनी यूक्रेन यात्रा के दौरान जेलेंस्की से रूस के साथ सीधी बातचीत में शामिल होने का आग्रह किया था और कहा था कि दोनों देशों को युद्ध को समाप्त करने में अब देरी नहीं करनी चाहिए।
Russia Ukraine War: रूस और यूक्रेन युद्ध को लेकर इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि यूक्रेन युद्ध को खत्म कराने में भारत महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। यही बात रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी कुछ दिन पहले कही थी। फरवरी 2022 से ही रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध चल रहा है। मेलोनी ने यह बात शनिवार को सेर्नोबियो में एम्ब्रोसेटी फोरम में अपने संबोधन के दौरान कही। उन्होंने इससे कुछ देर पहले ही यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से मुलाकात की थी। जब इटली की पीएम ने यह टिप्पणी की उस समय भी जेलेंस्की उनके साथ मंच पर मौजूद थे।
होगा तो संघर्ष और संकट बढ़ेगा
अपने संबोधन में मेलोनी ने कहा कि यह स्पष्ट है कि यदि अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन होगा तो संघर्ष और संकट बढ़ेगा। लेकिन यह भी तय कि संकट के बढ़ने के साथ वैश्विक अर्थव्यवस्था भी प्राकृतिक रूप से प्रभावित होगी। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय कानूनों और नियमों का उल्लंघन और इकोनॉमिक ग्लोबलाइजेशन एक साथ नहीं चल सकते हैं। उन्होंने कहा, मेरा मानना है कि संघर्ष को सुलझाने में चीन और भारत की भूमिका महत्वपूर्ण हो सकती है।
यह एक ऐसा विकल्प है जो नहीं बदलेगा
मेलोनी ने कहा, इटली के लिए यूक्रेन का समर्थन करने का विकल्प सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण राष्ट्रीय हित का विकल्प रहा है। यह एक ऐसा विकल्प है जो नहीं बदलेगा।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 23 अगस्त को अपनी यूक्रेन की यात्रा के दौरान, वोलोदिमीर जेलेंस्की से रूस के साथ सीधी बातचीत में शामिल होने का आग्रह किया था और इस बात पर जोर दिया कि दोनों देशों को युद्ध को समाप्त करने में अब देरी नहीं करनी चाहिए।1991 में सोवियत संघ से अलग होकर अगल यूक्रेन देश बनने के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यूक्रेन की यह पहली यात्रा थी। यूक्रेन से लौटने के तुरंत बाद पीएम मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और फिर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से फोन पर बातचीत की थी।
भारत निभा सकता है भूमिका-पुतिन
दो दिन पहले ही व्लादिमीर पुतिन ने भी यह माना था कि भारत इस क्षेत्र में जारी संकट का समाधान खोजने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। व्लादिवोस्तोक में ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम में बोलते हुए पुतिन ने कहा था कि इस्तांबुल वार्ता के दौरान जिन समझौता पर सहमति बनी थी और जिन्हें लागू नहीं किया जा सका, वे भविष्य की शांति चर्चा के लिए आधार बन सकते हैं। पुतिन ने यूक्रेन संघर्ष पर उनके साथ संपर्क में रहने वाले तीन देशों का नाम लिया, जिसमें भारत भी शामिल था और कहा कि वे इस सकंट को सुलझाने के लिए ईमानदारी से प्रयास कर रहे हैं।
पुतिन ने कहा था, क्या हम उनके (यूक्रेन) साथ बातचीत करने के लिए तैयार हैं? हमने ऐसा करने से कभी इनकार नहीं किया है। लेकिन वार्ता कुछ अल्पकालिक मांगों के आधार पर नहीं होगी, बल्कि उन दस्तावेजों के आधार पर होगी जिन पर सहमति बनी थी और वास्तव में इस्तांबुल में इसकी पहल की गई थी। इसके अलावा, पुतिन ने सुझाव दिया कि चीन, भारत और ब्राजील संभावित रूप से यूक्रेन से संबंधित भविष्य की शांति वार्ता में मध्यस्थ के रूप में कार्य कर सकते हैं।