Gun Law in Japan: दुनिया में सबसे सख्त बंदूक कानून वाला देश है जापान

Gun Law in Japan: जापान, दुनिया के सबसे सख्त बंदूक नियंत्रण कानून वाले देशों में शामिल है। यहां बंदूकों के प्रति ऐसा सख्त रुख है कि कुख्यात आपराधिक गिरोह तक इन हथियारों का इस्तेमाल नहीं करते हैं।

Written By :  Neel Mani Lal
Update: 2022-07-08 11:31 GMT

Japan Gun Law। (Social Media)

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Japan Gun Law: जापान, दुनिया के सबसे सख्त बंदूक नियंत्रण कानून वाले देशों में शामिल है। यहां बंदूकों के प्रति ऐसा सख्त रुख है कि कुख्यात आपराधिक गिरोह तक इन हथियारों का इस्तेमाल नहीं करते हैं। बंदूकों के प्रति ऐसा नजरिया रखने वाले देश में पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे (Former Prime Minister Shinzo Abe) की गोली मार कर हत्या ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। 12 करोड़ 70 लाख की आबादी वाले जापान में बंदूकों से मौतों की संख्या बहुत ही कम रहती है। 2018 में जापान में बंदूकों से सिर्फ 9 मौतें हुईं, जबकि उसी साल अमेरिका में 39,000 से अधिक लोग बंदूक हिंसा में मारे गए थे।

समाज में आग्नेयास्त्रों की जगह नहीं

जापान (Japan) में बंदूकों से कम मृत्यु दर सांस्कृतिक और कानूनी दोनों कारकों का परिणाम हैं। एक तरफ जहां अमेरिकी संविधान लोगों की बंदूकों तक पहुंच बनाता है, वहीं जापान (Japan) का संविधान (Japan Constitution) इसे मना करने के आधार के साथ शुरू होता है। 1958 में जापानी कानून में लिखा गया था कि "किसी भी व्यक्ति के पास एक बन्दूक या आग्नेयास्त्र या तलवार या तलवार नहीं होगी।" वहीं, अमेरिकी संविधान (US Constitution) के दूसरे संशोधन में "लोगों के हथियार रखने और धारण करने के अधिकार" की पुष्टि की गई है।

बहुत कठिन है लाइसेंस पाना

जापान में हैंडगन यानी पिस्तौल निषिद्ध है, जबकि 1971 के बाद से छोटी-कैलिबर की राइफलें खरीदने, बेचने या स्थानांतरित करने को अवैध बना दिया गया है। एकमात्र बंदूकें जो जापानी नागरिक कानूनी रूप से खरीद सकते हैं और उपयोग कर सकते हैं, वह शॉटगन और एयर राइफल हैं। लेकिन ऐसा करने के लिए लोगों को जबर्दस्त लिखा पढ़ी करनी पड़ती है। लोगों को एक पूरे दिन की कक्षा में उपस्थिति की आवश्यकता होती है, एक लिखित परीक्षा पास करनी होती है और शूटिंग-रेंज परीक्षण के दौरान कम से कम 95 प्रतिशत सटीकता प्राप्त करनी होती है।

इसके बाद एक अस्पताल में मानसिक स्वास्थ्य का मूल्यांकन किया जाता है। फिर एक पृष्ठभूमि की जांच होती है जिसमें पुलिस रिकॉर्ड चेक किये जाते हैं। इसके बाद दोस्तों और परिवार का इंटरव्यू लिया जाता है। इतना सब होने पर ही बन्दूक रखने का लाइसेंस मिलता है। लाइसेंसधारी को हर तीन साल में एक क्लास में शामिल होना और एक परीक्षा को फिर से पास करना पड़ता है। देश के अधिकांश 40 प्रान्तों में से प्रत्येक में तीन से अधिक बंदूक की दुकानें नहीं हो सकती हैं। लाइसेंसधारी को नए कारतूस तभी मिलते हैं जब वह खर्च किए गए कारतूस को वापस करता है।

सख्त कानून वाला पहला देश

जापान आग्नेयास्त्रों (japan firearms) के खिलाफ कानूनों को लागू करने वाला पहला देश था। उसने यह आधार बनाया है कि एक नागरिक समाज में बंदूकों की कोई भूमिका नहीं होती है। जापान की पुलिस के पास भी 1946 तक आग्नेयास्त्र नहीं थे। जब द्वितीय विश्वयुद्ध में जापान पर अमेरिकी नियंत्रण हुआ तब अमेरिकी प्रशासन ने जापानी पुलिस को हथियारबंद करने का आदेश दिया।

1993 के एशिया पैसिफिक लॉ रिव्यू में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, जापानी पुलिस को अपने अमेरिकी समकक्षों की तुलना में आग्नेयास्त्रों के प्रशिक्षण के लिए अधिक समय मिलता है। जापानी पुलिस को मार्शल आर्ट और हथियार का बराबर प्रशिक्षण दिया जाता है। पुलिसवालों को ड्यूटी के बाद हथियार रखने की मनाही होती है। यहां तक कि जापान के कुख्यात "याकूज़ा" आपराधिक संगठन भी बंदूकों का उपयोग नहीं करते हैं। इन स्थितियों में किसी के द्वारा बन्दूक का इस्तेमाल बेहद हैरान करने वाली बात है।

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