UN में उल्टा पड़ा पाकिस्तान का दांव, कश्मीर मुद्दे पर मिला झटका!
कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान (Pakistan) विश्व के अन्य देशों के हस्तक्षेप कराने का प्रयास कर रहा है। इसी कड़ी में पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने हाल में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को पत्र लिख कर कश्मीर में भय का माहौल और तनाव होने की शिकायत की थी। लेकिन अब संयुक्त राष्ट्र ने इस मुद्दे पर करतारपुर कॉरिडोर (Kartarpur) खोलने के प्रस्ताव का स्वागत किया है।
कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान (Pakistan) विश्व के अन्य देशों के हस्तक्षेप कराने का प्रयास कर रहा है। इसी कड़ी में पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने हाल में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को पत्र लिख कर कश्मीर में भय का माहौल और तनाव होने की शिकायत की थी। लेकिन अब संयुक्त राष्ट्र ने इस मुद्दे पर करतारपुर कॉरिडोर (Kartarpur) खोलने के प्रस्ताव का स्वागत किया है।
अब पाकिस्तान का यह कदम उसपर ही उल्टा साबित हो रहा है। दरअसल संयुक्त राष्ट्र ने पाकिस्तान के पत्र के बाद अंतरधार्मिक बातचीत और शांति पर एक प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इसी प्रस्ताव के तहत यूएन ने करतारपुर कॉरिडोर खोलने के फैसले का स्वागत किया। संयुक्त राष्ट्र ने इसे अंतरधार्मिक भावनाओं का सम्मान और पडोस में शांति कायम करने की दिशा में अच्छी पहल बताई।
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क्या है करतारपुर कॉरिडोर:
भारत में पंजाब के डेरा बाबा नानक से अंतर्राष्ट्रीय सीमा तक कॉरिडोर का निर्माण किया गया है और वहीं पाकिस्तान भी सीमा से नारोवाल जिले में गुरुद्वारे तक कॉरिडोर का निर्माण हुआ है। इसी को करतारपुर साहिब कॉरिडोर कहा गया है।
आखिर क्यों खास है करतारपुर साहिब कॉरिडोर?
करतारपुर साहिब को सबसे पहला गुरुद्वारा माना जाता है जिसकी नींव श्री गुरु नानक देव जी ने रखी थी और यहीं पर उन्होंने अपने जीवन के अंतिम साल बिताए थे। हालांकि बाद में यह रावी नदी में बाढ़ के कारण बह गया था। इसके बाद वर्तमान गुरुद्वारा महाराजा रंजीत सिंह ने इसका निर्माण करवाया था।
सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों के बीच चर्चा का केंद्र बना कश्मीर मुद्दा:
जानकारी के मुताबिक़, कश्मीर मुद्दा सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों के बीच चर्चा का केंद्र बन गया है। लेकिन इस मसले में पाकिस्तान को अब बड़ा झटका मिला है। कश्मीर मुद्दे पर फ्रांस और रूस भारत का समर्थन कर रहे हैं, हालाँकि चीन ने पाकिस्तान के समर्थन में 17 दिसंबर को सुरक्षा परिषद् से मीटिंग की मांग की थी। लेकिन अब भारत के समर्थन में आये रूस और फ्रांस ने कश्मीर मुद्दे को द्विपक्षीय स्तर का मामला बताया है और दोनों देशों को मिलकर इसे सुलझाने का सुझाव दिया है।