Google से तेज दिमाग: इस छात्र ने ऐसे ढूंढा गलती, मिले लाखों रुपये

श्री नारायण गुरुकुलम कॉलेग ऑफ इंजिनियरिंग का प्रतीश नारायणन B.Tech फाइनल इयर के स्टूडेंट हैं। केरल का ये छात्र बग ढूंढकर लाखों की कमाई कर रहा है। इस छात्र ने हाल ही में गूगल के एक बग को रिपोर्ट किया है, जिसके बाद कंपनी ने उन्हें 10,000 डॉलर यानी कि करीब 7.6 लाख रुपये का इनाम दिया है।

Update:2020-04-12 14:44 IST

नई दिल्ली: कंप्यूटर की खोज ने बहुत सारे काम आसान कर दिए हैं और इसमें समय-समय पर हुए बदलावों ने कंप्यूटर को हमारी हथेली पर फिट कर दिया है। सबसे पहले 90s के दशक के लोगों ने कंप्यूटर (computer) का इस्तेमाल किया। उस समय इंटरनेट एक्सप्लोरर, ब्राउज़र, CD गेम में अक्सर कमियां आती थीं लेकिन साल गुज़रने के बाद इस तरह की परेशानी ठीक होने लगी और कंप्यूटर पर काम करने का एक्सपीरिएंस तेज और आसान होता चला गया। लेकिन अब भी कई ऐसे बग यानी कि दिक्कत होती है, जिसका हमें पता ही नहीं चलता है।

प्रतीश नारायणन को मिले 10,000 डॉलर

श्री नारायण गुरुकुलम कॉलेग ऑफ इंजिनियरिंग का प्रतीश नारायणन B.Tech फाइनल इयर के स्टूडेंट हैं। केरल का ये छात्र बग ढूंढकर लाखों की कमाई कर रहा है। इस छात्र ने हाल ही में गूगल के एक बग को रिपोर्ट किया है, जिसके बाद कंपनी ने उन्हें 10,000 डॉलर यानी कि करीब 7.6 लाख रुपये का इनाम दिया है। गूगल के बग CVE-2019-2232 को अब फिक्स कर दिया गया है।

कॉन्टैक्ट कार्ड भेजने पर ये बग किसी दूसरे के फोन को कर देता है क्रैश

नारायणन ने अपने लिंक्डइन पेज पर बग के बारे में बताते हुए पोस्ट लिखा और बताया कि ‘इस बग से एंड्रॉयड डिवाइसेज़ पर सेवा हमलों का स्थायी निषेध के लिए रिमोट अटैकर को अनुमति देता है’। आसान भाषा में कहा जाए तो किसी को कॉन्टैक्ट कार्ड भेजने पर ये बग किसी दूसरे के फोन को क्रैश कर देता है। जानकारी के लिए बता दें कि यहां किसी आम कॉन्टैक्ट कार्ड की बात नहीं हो रही है, बल्कि ये हरकत में तब आता है जब किसी भी keys के साथ कैरेक्टर की सीरीज़ लगाकर भेजी जाती है।

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उदाहरण के अनुसार नाम के साथ ‘dbjaduhhudsahdshjdsayugdasgusadbhjdshbasdgttsdgsdbhjdsnjdsjndsjdsjjdsnjdsmjds’ और फिर इसमें कई नंबर ऑफ फील्ड (Home, Work)। ऐसा इसलिए कि कॉन्टैक्ट कार्ड भेजते हुए फोन n-कैरेक्टर के नाम को नहीं पहचानता है और इसके बाद फोन क्रैश होने लगता है।

कॉन्टैक्ट स्पेस भरने के बाद सिस्टम में दिक्कत आनी शुरू हो जाती है

दिए एक इंटरव्यू में प्रतीश ने बताया कि ऑपरेटिंग सिस्टम से एक कॉन्टैक्ट सेव करने के लिए एक फिक्स स्पेस दी जाती है, जिसके भरने के बाद सिस्टम इसे सहन नहीं कर पाता और दिक्कत आनी शुरू हो जाती है।

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अब तक नारायनन ने 13 बग रिपोर्ट किए हैं

जानकारी के लिए बता दें कि ऐसा पहली बार नही हुआ है जब नारायनन ने ऐसा ढूंढा है। फेसबुक और गूगल जैसी कंपनियों को ऐसे बग के बारे में नारायनन दो-तीन सालों से रिपोर्ट कर कर रहा है, जिसके लिए उसे इनाम भी मिलते आए हैं। अब तक नारायनन ने 13 बग रिपोर्ट किए हैं, जिसमें 9 फेसबुक के WhatsApp का, 3 गूगल का और 1 माइक्रोसॉफ्ट गिथहब के लिए था।

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इस तरह से नारायणन ने लाखों की कमाई की है और इसे आगे भी जारी रखने की बात कहता है। नारायणन का कहना है, ‘मेरी तरह कई ऐसे स्टूडेंट हैं, जो इस तरह के काम फ्रीलैंस की तरह करते हैं, और मैं शायद अपना कोर्स खत्म करने के बाद भी इसे जारी रखूंगा।’

 

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