जनवरी 2021 से पहले पाकिस्तान में गिर जाएगी इमरान खान की सरकार! सेना के उड़े होश

20 सितंबर को पाकिस्तान के 11 विपक्षी दलों ने एक नया गठबंधन बनाया। जिसका मकसद केवल और केवल इमरान की सरकार को गिराना है। ये तीनों दल सरकार गिराने के लिए तीन चरणों में काम कर रहे हैं।

Update: 2020-10-11 08:51 GMT
बता दें कि सफदर की गिरफ्तारी के हालात की सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा द्वारा जांच का आदेश दिए जाने के बाद पुलिस प्रमुख ने अधिकारियों से यह अनुरोध किया है।

इस्लामाबाद: इस वक्त की बड़ी खबर पाकिस्तान से आ रही है। पाकिस्तान के अंदर विपक्षी पार्टियों ने मिलकर पाकिस्तानी सेना के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

विपक्ष के नेताओं ने पीएम इमरान खान पर भी जोरदार हमला बोला है। तमाम विपक्षी पार्टियां मिलकर इमरान खान की सरकार को तख्त से नीचे गिराना चाहती हैं। इसलिए ये सब किया जा रहा है।

इस वक्त पकिस्तान के अंदर सियासी भूचाल आया हुआ है। ऐसा कहा जाता है कि पाकिस्तान के अंदर सेना को चुनौती देने की हिम्मत किसी राजनैतिक पार्टी में नहीं है लेकिन अब समय के साथ सब बदलता जा रहा है।

जगह-जगह विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं और विपक्षी पार्टियों के बीच बैठकों का दौर शुरू हो चुका है। बिलावल और नवाज इमरान खान को सिलेक्टेड प्राइम मिनिस्टर कह रहे हैं।

पाकिस्तान में विपक्ष के नेता बिलाबल भुट्टो की फोटो(सोशल मीडिया)

पहली बार विपक्ष के निशाने पर आई सेना

पाकिस्तान के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है कि जब विपक्षी पार्टियां पाकिस्तानी सेना को ही अपने निशाने पर ले रही हैं। उसके खिलाफ पहले तो पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के युवा अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ही बोला करते थे लेकिन अब उन्हें साथ पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने भी खड़े हो गये हैं।

इन दोनों को अब विपक्ष के ताकतवर नेता मौलाना फजल-उर-रहमान का भी साथ मिल गया है। ये तीनों विपक्षी नेता एक साथ इमरान खान की सरकार पर हमला बोल रहे हैं।

ये बस किसी तरह से इमरान खान की सरकार को गिरा देना चाहते हैं। जब वर्ष 2018 में इमरान खान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की कुर्सी पर काबिज हुए थे। उसके पहले से ही इमरान खान पर ये आरोप लगते रहे हैं कि उन्हें सेना ने कुर्सी पर जानबूझकर बैठाया है।

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विपक्ष के निशाने पर सेना और इमरान खान

ये आरोप बीते दो वर्षों से विपक्ष के नेता बिलावल भुट्टो अपने भाषणों में लगाते आ रहे हैं। उनका आरोप है कि जो भी लोग इमरान खान की सरकार के खिलाफ आवाज उठाने की कोशिशें करते हैं उन्हें वो जेल में डाल देते हैं।

ऐसी ही कुछ आरोप पूर्व पीएम नवाज शरीफ का भी है।नवाज शरीफ ने लंदन में आयोजित एक संयुक्त रैली को संबोधित करते हुए कहा कि पाकिस्तानी सेना ने पिछले चुनाव में धोखाधड़ी की है।

नवाज ने कहा कि इमरान खान से इतनी दिक्कत नहीं है लेकिन सेना से है। नवाज यही नहीं रुके बल्कि आगे कहा कि सेना को राजनीति से अलग रहना चाहिए। उन्होंने आईएसआई को भी जमकर कोसा।

उसके बाद बिलावल भुट्टो ने सेना को धमकी देते कि अगर सेना इमरान खान का सपोर्ट करना बंद नहीं करेगी तो विधानसभाओं और संसद से सभी चुने हुए प्रतिनिधि इस्तीफा दे देंगे।

पाकिस्तान के पूर्व पीएम नवाज शरीफ और विपक्ष के नेता बिलाबल भुट्टो की फोटो(सोशल मीडिया)

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जनवरी 2021 में विपक्षी पार्टियों का इस्लामाबाद में बड़ा मार्च

बिलावल यही नहीं रुके बल्कि आगे कहा कि गिलगित-बाल्टिस्तान को पांचवां राज्य बनाने में हमे एतराज है लेकिन यह काम देश की सेना कैसे कर सकती है। ये काम उसका नहीं है।

इससे पहले ये भी बता दें कि 20 सितंबर को पाकिस्तान के 11 विपक्षी दलों ने एक नया गठबंधन बनाया। जिसका मकसद केवल और केवल इमरान की सरकार को गिराना है। ये तीनों दल सरकार गिराने के लिए तीन चरणों में काम कर रहे हैं।

उन्होंने आपसी सहमति से इस गठबंधन को पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट का नाम दिया है। अब बताया जा रहा है कि यह गठबंधन जनवरी 2021 में इस्लामाबाद में बड़ा मार्च करेगा। माना जा रहा है कि इससे पहले पाकिस्तान की सियासत में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है।

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