बांग्लादेशी मदरसों में यौन उत्पीड़न 

Update:2023-05-19 21:33 IST
बांग्लादेशी मदरसों में यौन उत्पीड़न ...................................

ढाका : बांग्लादेश के मदरसों में हाल में बलात्कार की घटनाएं सामने आई हैं। वैसे, पहले यहां के मदरसों में बाल यौन उत्पीडऩ की घटनाओं का जिक्र दबे-छिपे स्वरों में होता था लेकिन अपने एक शिक्षक पर यौन उत्पीडऩ का आरोप लगाने वाली एक किशोरी की हत्या के बाद लोग इस विषय पर बात करने के लिए आगे आने लगे हैं। इस साल जुलाई में ही देश के विभिन्न मदरसों के कम से कम पांच शिक्षकों को उनके संरक्षण में रहने वाले लड़कों और लड़कियों के साथ बलात्कार के आरोप में गिरफ्तार किया जा चुका है।

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बीते मार्च में 18 वर्षीय छात्रा नुसरत जहां रफी ने अपने मदरसे के प्रिंसिपल सिराजुद्दौला के खिलाफ यौन उत्पीडऩ की शिकायत की थी। नुसरत जहां का आरोप था कि प्रिंसिपल अपने कमरे में बुलाकर उसे गलत तरीके से छूता था। उसकी शिकायत पर प्रिंसिपल को गिरफ्तार कर लिया गया लेकिन इसके कुछ दिनों बाद छह अप्रैल को चार बुर्काधारी हमलावरों ने उस छात्रा के शरीर पर किरासन तेल छिड़ कर उसे जिंदा जला दिया। चार दिनों तक जीवन और मौत के बीच संघर्ष करने के बाद 10 अप्रैल को उसने दम तोड़ दिया था। उसके बाद राजधानी ढाका समेत पूरे देश में विरोध-प्रदर्शनों का लंबा सिलसिला चलता रहा। उसकी हत्या के मामले में 15 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

बांग्लादेश मदरसा शिक्षा बोर्ड (बीएमईबी) के अध्यक्ष प्रोफेसर ए.के.एम. सैफउल्लाह कहते हैं, शिक्षा विभाग इन घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए दिशानिर्देशों को लागू करने की कड़ी निगरानी करेगा।

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इससे पहले ढाका हाईकोर्ट ने वर्ष 2009 में तमाम स्थानों में पांच-सदस्यीय यौन उत्पीडऩ विरोधी समिति के गठन का निर्देश दिया था। जुलाई में लड़कों व लड़कियों के साथ बलात्कार के आरोप में पांच मदरसा शिक्षकों की गिरफ्तारी से साफ है कि तमाम कवायद के बावजूद मदरसों में यौन उत्पीडऩ की घटनाएं थमने की बजाय बढ़ती ही जा रहीं हैं।

मानवाधिकार संगठनों का दावा है कि ऐसी इक्का-दुक्का घटनाएं ही सामने आ पाती हैं। इस वजह से यौन उत्पीडऩ करने वालों के हौसले मजबूत होते रहे हैं। ऐसे एक संगठन बांग्लादेश शिशु अधिकार फोरम के अध्यक्ष अब्दुस शाहिद कहते हैं, यह मामला इतना संवेदनशील है कि बरसों से कोई इस पर बात तक नहीं करता था।

हालांकि मदरसा शिक्षकों ने इसे नकारात्मक प्रचार करार देते हुए कहा है कि यह उनकी छवि खराब करने की साजिश है। एक मदरसे के प्रिंसिपल महफजूल हक कहते हैं, अपवाद के तौर पर एकाध ऐसी घटनाएं हो सकती हैं. लेकिन सबको एक ही चश्मे से देखना उचित नहीं है। उनका कहना था कि जिन छात्रों को मदरसे की जीवनशैली पसंद नहीं है वही लोग ऐसी अफवाहें फैला रहे हैं। लगभग एक हजार मदरसों का प्रतिनिधत्व करने वाला कट्टरपंथी इस्लामी संगठन हेफाजते-ऐ-इस्लामी के एक प्रवक्ता कहते हैं, हाल में एक सम्मेलन में 1,200 मदरसा प्रमुखों को यौन अपराधों के खिलाफ कड़ा रुख अख्तियार करने का निर्देश दिया गया था।

एक गैर-सरकारी संगठन मानुषेर जन्यो (लोगों के लिए) फाउंडेशन ने दावा किया है कि बीते अप्रैल से अब तक 18 साल से कम उम्र के बच्चों के यौन शोषण की 39 शिकायतें सामने आई हैं।

 

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