ब्राजील: मच्छर का एक दंंश आपको जिंदगी भर के लिए बिस्तर पर धकेल सकता है। यहां तक कि हिलने डुलने के लिए मजबूर कर सकता है। ब्राजील के रैमंडो वषों से इसकी टीस महसूस कर रहे हैं। वह एलिफंटाइसिस नाम की बीमारी से जूझ रहे हैं। हिंदुस्तान में इसे फीलपांव या हाथीपांव के नाम से बेहतर जाना जाता है।
रैमंडो का दर्द
-ब्राजील के रैमंडो को 20 साल पहले मच्छर ने काट लिया था।
-बड़े होने पर पहले उसका एक और फिर दूसरा पैर सूजना शुरू हुआ।
-धीरे धीरे वह चलने फिरने से भी मजबूर हो गया।
-डॉक्टरों ने पाया कि वह लिम्फैटिक फाइलेरिआसिस रोग से ग्रस्त हो गया है। इसे आम भाषा में एलिफैंटिआसिस या फीलपांव कहा जाता है।
-यह बीमारी बेहद दर्दभरी और स्थायी रूप से विकलांग कर सकती है।
कैसे होता है इन्फेक्शन
-फीलपांव पैरासाइटिक इन्फेक्शन होता है। मच्छर के काटने के बाद पैरासाइट ट्रांसमिट होते हैं।
-ये पैरासाइट मनुष्य की स्किन में जमा होते हैं, फिर शरीर की लिम्फैटिक वेस्सेल में घुस कर मैच्योर वर्म में बदल जाते हैं।
-इसके लार्वा प्रजनन करते हैं और साल भर की अवधि में मैच्योर हो जाते हैं।
-इससे लिम्फैटिक सिस्टम डैमेज होता है, जो इम्यून सिस्टम, किडनी और लिम्फ नॉड्स को नुकसान पहुंचाता है।
मुश्किल है पहचानना
-आमतौर पर यह इन्फेक्शन बचपन में होता है। लेकिन लक्षण बड़े होने पर ही दिखना शुरू होते हैं।
-एक बार रोग लग जाने के बाद इस पर नियंत्रण मुश्किल होता है।
-लेकिन इसके पैरासाइट को दवाओं की मदद से निकाला जा सकता है।
सुधार है रेमंडो में
-साओ जोस रिओ प्रीटो की एक क्लीनिक में रैमंडो का इलाज चल रहा है।
-यह क्लीनिक भी पहली बार इस रोग का इलाज कर रही है।
-डॉक्टरों ने कुछ हफ्तों में ही काफी प्रोग्रेस कर ली है।
-लेकिन वे भी मानते हैं, कि रैमंडों को अभी लंबा सफर तय़ करना है।