US-Iran War: ईरान सपोर्ट वाले आतंकियों का इराक में मिसाइल हमला, कई अमेरिकी सैनिक घायल
US-Iran War: हमले में ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स के पांच सदस्य भी मारे गए थे, जिसका आरोप तेहरान ने इजरायल पर लगाते हुए जवाबी कार्रवाई की धमकी दी थी।
US-Iran War: पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ाने वाली घटनाओं में लगातार तेजी आ रही है। ताज़ा घटना इराक की है जहां स्थित अल-असद एयर बेस पर ईरान समर्थित आतंकवादियों ने बैलिस्टिक मिसाइल से हमला किया जिसमें वहां तैनात अमेरिका के कई सैन्यकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए। यह हमला इराक और सीरिया में इस्लामिक स्टेट समूह के जिहादियों से लड़ने के लिए तैनात अमेरिका और गठबंधन बलों के खिलाफ दर्जनों हमलों के बीच हुआ है।
अमेरिकी सेंट्रल कमांड के मुताबिक, आतंकवादियों द्वारा अल-असद एयरबेस को निशाना बनाकर कई बैलिस्टिक मिसाइलें और रॉकेट दागे। अधिकांश प्रोजेक्टाइल को बेस की वायु रक्षा प्रणालियों द्वारा आसमान में ही रोक दिया गया था, लेकिन कुछ ने बेस पर प्रभाव डाला। कई अमेरिकी कर्मियों की मस्तिष्क संबंधी चोटों का मूल्यांकन किया जा रहा है। कम से कम एक इराकी सैनिक भी घायल हुआ है।
दर्जनों हमले
अक्टूबर के मध्य से इराक और सीरिया में इस्लामिक स्टेट समूह के जिहादियों से लड़ने के लिए तैनात अमेरिकी और गठबंधन बलों पर दर्जनों हमले हुए हैं। अधिकांश हमलों का दावा "इस्लामी रेसिस्टेंस इन इराक" ग्रुप द्वारा किया गया है। यह ईरान से जुड़े सशस्त्र समूहों का एक गठबंधन है जो गाजा संघर्ष में इज़राइल के लिए अमेरिकी समर्थन का विरोध करता है।इस समूह ने 20 जनवरी को एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि उसने नवीनतम हमले को अंजाम दिया है। हवाई अड्डे पर हमला 7 अक्टूबर को इज़राइल-हमास युद्ध के फैलने के बाद मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव के बीच हुआ है। शनिवार को दमिश्क में हुए हमले में ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स के पांच सदस्य भी मारे गए थे, जिसका आरोप तेहरान ने इजरायल पर लगाते हुए जवाबी कार्रवाई की धमकी दी थी।
हफ्ता भर पहले ईरान ने खुद उत्तरी इराक के स्वायत्त कुर्दिस्तान क्षेत्र में एक घातक हमला किया था। ईरान ने कहा था कि उसने "ज़ायोनी शासन (इजरायल) के जासूसों" द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली साइट को निशाना बनाया था।
हौथी के खिलाफ कार्रवाई
इससे पहले शनिवार को, अमेरिका ने एक हौथी एंटी-शिप मिसाइल के खिलाफ हवाई हमले किए थे। उस मिसाइल का लक्ष्य अदन की खाड़ी में था और लॉन्च करने के लिए तैयार था। अमेरिका ने कहा है कि उसके बलों ने निर्धारित किया कि मिसाइल क्षेत्र में व्यापारिक जहाजों और अमेरिकी नौसेना के जहाजों के लिए खतरा है और इसलिए 'आत्मरक्षा' में मिसाइल को मारा और नष्ट कर दिया। हाल ही में अमेरिका ने यमन में हौथी विद्रोहियों के खिलाफ एक और दौर का हमला करते हुए लाल सागर में तीन जहाज-रोधी मिसाइलों को नष्ट कर दिया था।