Molnupiravir: आ गई कोरोना की खास दवा, अब मरीजों को जल्द मिलेगी राहत, मात्र इतने रुपये का है कोर्स

Molnupiravir : मोलनुपिरावीर एक एंटीवायरल दवा है जिसे मर्क एंड कंपनी और रिजबैक बायोथेरेप्यूटिक्स कंपनी में अस्पताल में भर्ती नहीं होने वाले कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए तैयार किया है।

Report :  Neel Mani Lal
Published By :  Vidushi Mishra
Update:2022-01-05 10:49 IST

मोलनुपिरावीर (फोटो-सोशल मीडिया)

Molnupiravir : कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ अमेरिकी फार्मा कंपनी मर्क द्वारा विकसित की गई ओरल एंटी वायरल दवा 'मोलनुपिरावीर' भारतीय बाजार में लांच कर दी गयी है। इसे हाल में केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन ने आपात इस्तेमाल की मंजूरी दी है।

मोलनुपिरावीर एक एंटीवायरल दवा है जिसे मर्क एंड कंपनी और रिजबैक बायोथेरेप्यूटिक्स कंपनी में अस्पताल में भर्ती नहीं होने वाले कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए तैयार किया है। इसे एक टैबलेट के रूप में तैयार किया है और इसका उपयोग भी बहुत आसान है।

इन्फ्लूएंजा के इलाज के लिए 

मोलनुपिराविर मूल रूप से इन्फ्लूएंजा के इलाज के लिए विकसित की गई थी। ये दवा वायरस के जेनेटिक कोड में गड़बड़ी कर उसकी फोटोकॉपी होने से रोकती है। इसे कोरोना के शुरुआती लक्षणों के दौरान दिया जाना है।

इस वर्ष अप्रैल में हेटेरो ने मोलनुपिरावीर दवा के वितरण के लिए मर्क एंड कंपनी के साथ लाइसेंसी समझौते पर हस्ताक्षर किया था। मर्क ने मार्च और अप्रैल के बीच सिप्ला और डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज सहित कई भारतीय जेनेरिक दवा निर्माताओं से बातचीत की थी। मर्क का इरादा था कि दवा के उत्पादन का विस्तार किया जाए और भारत में इसकी उपलब्धता को तेज किया जाए। मर्क ने अप्रैल के अंत में कहा था कि भारत और 100 से अधिक निम्न और मध्यम आय वाले देशों को मोलनुपिरवीर बनाने और आपूर्ति करने का लाइसेंस दिया गया है।

- टेबलेट के रूप में ली जाने वाली 'मोलनुपिरावीर' को ट्रायल में कोरोना से मौत और अस्पताल में भर्ती होने से रोकने में 50 प्रतिशत प्रभावी पाया गया है। इसका मतलब ये दवा कोरोना संक्रमितों के मरने या अस्पताल में भर्ती होने की आशंका को लगभग आधा कर देती है। विशेषज्ञों ने इसे गेम-चेंजिंग दवा बताया है।

- मर्क कंपनी ने कहा है कि अभी तक के ट्रायल और वायरस सीक्वेंसिंग में मोलनुपिरावीर को कोरोना वायरस के सभी वेरिएंट के खिलाफ प्रभावी पाया गया है। यानी ये डेल्टा तक के सभी वेरियंट्स पर काम करती है। ओमीक्रान के बारे में कोई जानकारी नहीं है।

- भारत की प्रमुख जेनरिक दवा कंपनी हेटेरो ने जुलाई में दवा के आपात इस्तेमाल की मंजूरी के लिए ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया के समक्ष आवेदन किया था। 28 दिसंबर को इसे आपात इस्तेमाल की मंजूरी दे दी गयी थी। उसके बाद से विभिन्न दवा कंपनियों में इसे बाजार में उतारने की होड़ मच गई। अब यह जल्द ही देशभर के बाजारों में उपलब्ध हो सकेगी।

- मर्क ने मोलनुपिरावीर के उत्पादन, वितरण और परीक्षण के लिए हेटेरो, सिप्ला, डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज, सन फार्मास्युटिकल इंडस्ट्रीज, टोरेंट फार्मास्युटिकल्स, एमक्योर फार्मास्युटिकल्स, बीडीआर फार्मास्यूटिकल्स, नैटको माइलान सहित आठ और कंपनियों ने दवा बनाने के लिए करार किया था। यानी देश की 13 जेनेरिक दवा कंपनियां इस गेम चेंजिंग दवा का उत्पादन कर रही हैं।

- मोलनुपिरावीर के उत्पादन के लिए मैनकाइंड फार्मा ने बीडीआर फार्मास्यूटिकल्स से करार किया था। दवा को मंजूरी मिलने के महज पांच दिन बाद ही कंपनी ने इसे मोलुलाइफ 200 मिलीग्राम के नाम से प्रमुख शहरों में उतार दिया है। कंपनी ने इसके पूरे कोर्स (पांच दिन में 40 गोली) की कीमत 1,399 रुपये रखी है।

- सनफार्मा इसे मोल्क्सवीर नाम से बाजार में उतारेगी। कंपनी ने इसके पूरे कोर्स की कीमत (molnupiravir india price) 1,500 रुपये रखी है। कंपनी के अनुसार, कोरोना संक्रमित को मोलनुपिराविर 800 एमजी की खुराक पांच दिन तक दिन में दो बार खाने का परामर्श दिया गया है।

किसको नहीं खानी है

- मर्क कंपनी के अनुसार मोलनुपिरावीर की खुराक 18 साल से कम उम्र के बच्चों और गर्भवती महिलाओं को नहीं दी जानी चाहिए। यह दवा बच्चों में हड्डी और उनके मांसपेशियों के विकास को बाधित कर सकती है। ये गर्भवती महिला के भ्रूण को भी नुकसान पहुंचा सकती है।

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