Schools Initiative: अनोखे स्कूल जो ट्यूशन फीस के बदले लेते हैं कचरा!

Nigeria: माई ड्रीम स्टीड स्कूल आज नाइजीरिया के लागोस में 40वां कम लागत वाला स्कूल है, जो ट्यूशन फीस के बदले रिसाइकिल योग्य कचरे को स्वीकार करता है।

Update:2023-06-09 15:23 IST

Nigeria: दुनिया में बहुत से लोग समाज और आम लोगों के भले के लिए बहुत अभिनव काम कर रहे हैं। ऐसे ऐसे काम जिनके बारे में सुन कर हैरानी होती है। ऐसा ही कुछ हो रहा है अफ्रीकी देश नाईजीरिया में जहां 40 ऐसे स्कूल हैं जो बच्चों से फीस के बदले में कचरा-कबाड़ लेते हैं। गरीब परिवारों पर फ़ीस का बोझ नहीं पड़ता और स्वच्छता का काम हो जाता है, वह अलग।

कमाई का अच्छा इस्तेमाल

नाइजीरिया में पिछले चार वर्षों से पर्यावरण संगठन 'अफ्रीकी स्वच्छता पहल' ने माता-पिता द्वारा स्कूल में लाई गई बोतलें, पानी के डिब्बे, प्लास्टिक के बक्से जैसे कबाड़ एकत्र किए हैं और उन्हें रिसाइकल करने वालों को बेचा है।कबाड़ की बिक्री से प्राप्त आय का इस्तेमाल शिक्षकों को वेतन देने, स्कूल ड्रेस, पेन-पेंसिल, किताबें खरीदने के लिए किया जाता है। पर्यावरण ग्रुप के संस्थापक अलेक्जेंडर अखिग्बे ने कहा है कि इस अभिनव कार्यक्रम को स्कूल से ड्रॉपआउट होने वाले बच्चों की संख्या को कम करने और साथ ही साथ लागोस शहर की सड़कों पर सफाई के लिए डिज़ाइन किया गया था।

"माई ड्रीम स्टेड स्कूल" में सालाना ट्यूशन फीस 130 डॉलर है और स्कूल में 120 छात्र पढ़ते हैं। 2019 में जब स्कूल खुला था तो महज 7 छात्रों का नामांकन था। माई ड्रीम स्टीड स्कूल आज नाइजीरिया के लागोस में 40वां कम लागत वाला स्कूल है, जो ट्यूशन फीस के बदले रिसाइकिल योग्य कचरे को स्वीकार करता है।
बच्चे अपने पेरेंट्स के साथ कचरे के थैले के साथ स्कूल पहुंचते हैं। स्कूल में ही कचरा तौला जाता है और उसकी कीमत छात्रों के खाते में डाल दी जाती है। बच्चों को अगर किसी चीज को खरीदना है तो स्कूल बता देता है कि उन्हें कितना कचरा लाने की जरूरत है।

करोड़ों बच्चे स्कूल नहीं जाते

यूनेस्को की 2022 की रिपोर्ट के अनुसार, उप-सहारा अफ्रीका में कुल 98 मिलियन बच्चे स्कूल में नामांकित नहीं हैं, जिनमें से 20 मिलियन अकेले नाइजीरिया से हैं। नाइजीरिया ब्यूरो ऑफ़ स्टैटिस्टिक्स की 2022 गरीबी रिपोर्ट के अनुसार, 133 मिलियन नाइजीरियाई या देश की 63 फीसदी आबादी बेहद गरीब है जिससे नाइजीरिया दुनिया में सबसे अधिक गरीबी दर वाला देश बन गया है।

वॉयस ऑफ अमेरिका के एक हालिया लेख के अनुसार, लागोस अकेले सालाना 450,000 मीट्रिक टन प्लास्टिक कचरा पैदा करता है, जबकि नाइजीरिया सालाना अनुमानित 32 मिलियन टन ठोस कचरा पैदा करता है, जिसमें से 2.5 मिलियन टन प्लास्टिक कचरे का होता है।

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