नमाज में गूँजा राष्‍ट्रगान: सड़क पर अजान का ऐसे हुआ विरोध, देखते रह गए कट्टरपंथी

पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक तारिक फतेह ने यह वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया है। इस वीडियो को अब तक 90 हजार बार से ज्यादा बार देखा जा चुका है।

Update: 2020-10-26 10:26 GMT
नमाज में गूँजा राष्‍ट्रगान: सड़क पर अजान का ऐसे हुआ विरोध, देखते रह गए कट्टरपंथी (Photo by social media)

नई दिल्ली: इस्लामिक कट्टरपंथ का सामना कर रहे फ्रांस के नागरिकों ने मजहब के मुकाबले में राष्ट्रवाद को खड़ा कर दिया है। पेरिस की सड़क पर नमाज पढ़ने के लिए इकट्ठा हुए मुस्लिमों के सामने राष्ट्रवादियों का समूह पहुंच गया और राष्ट्रगान शुरू कर दिया।

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कनाडाई नागरिक तारिक फतेह ने यह वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया है

पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक तारिक फतेह ने यह वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया है। इस वीडियो को अब तक 90 हजार बार से ज्यादा बार देखा जा चुका है। इस वीडियो में दिखाई दे रहा है कि सड़क के किनारे पर मुस्लिम समाज के लोग इकट्ठा होकर नमाज पढ़ रहे हैं। लाउड स्पीकर पर अजान की आवाज गूंज रही है। इसी बीच फ्रांस के नागरिकों का एक समूह हाथ में बैनर थामे हुए सड़क पर आ जाता है और नमाज कर रहे लोगों के सामने खड़े होकर फ्रांस का राष्ट्रगान गाना शुरू कर देता है। दोनों ही ओर से लाउ डस्पीकर पर एक बराबर आवाज गूंजने लगती है।

अजान और राष्ट्रगान के स्वपर एक-दूसरे में मिल गए। कुछ भी साफ सुनाई नहीं दे रहा है। मौके पर कुछ मीडियाकर्मी भी दिखाई दे रहे हैं जो इस पूरे घटनाक्रम को कैमरों में कैद कर रहे हैं। इससे पता चलता है कि सड़क पर नमाज अदा करने के विरोध में फ्रांस के नागरिकों ने यह तरीका निकाला है।

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इस वीडियो पर कई लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया में लिखा भी है

दरअसल सड़क पर नमाज या इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन करने से सार्वजनिक यातायात प्रभावित होता है और लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। तारिक फतेह के इस वीडियो पर कई लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया में लिखा भी है कि सउदी अरब की तरह ही पूजा और नमाज भी धर्म स्थल अथवा अपने मकान के अंदर ही की जानी चाहिए। किसी को भी इस तरह की छूट नहीं दी जानी चाहिए कि वह सार्वजनिक सुविधाओं में बाधा उत्पन्न करे। दूसरी ओर कुछ हिंदू वादी यह भी कह रहे हैं कि इसी तरह हिंदुओं को भी मंगलवार के दिन सड़क पर उतरकर सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए।

फ्रांस में इस्‍‍लामिक कट्टरता का हो रहा है तीखा विरोध

फ्रांस के एक स्कूल में स्वतंत्रता की अभिव्यक्ति का पाठ पढ़ाने के दौरान एक शिक्षक ने पैगंबर मोहम्मद का कार्टून दिखाया था। इस कार्टून को दिखाने को लेकर उनकी सिर काटकर हत्या कर दी गई थी। फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने हमलावर को इस्लामिस्ट करार दिया है। इस घटना के बाद से ही फ्रांस में इस्लामिक कट्टरपंथ को लेकर बहस और तेज हो गई है।



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राष्ट्रपति मैक्रों ने अरबी भाषा में एक ट्वीट किया है कि हम कभी घुटने नहीं टेकेंगे। हम शांति कायम करने के लिए सभी तरह के मतभेदों का सम्मान करते हैं। लेकिन हम नफरत फैलाने वाले भाषणों को स्वीकार नहीं करेंगे। हम तार्किक बहस को संरक्षण देंगे।



हम हमेशा मानव के गौरव और मूल्यों की तरफ खड़े होंगे। मैक्रों ने इस्लामिक कट्टरपंथ की आलोचना करते हुए पैगंबर मोहम्मद के कार्टून प्रकाशित होने का बचाव किया।

अखिलेश तिवारी

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