नवाज के राजनीतिक अंत की अंतिम कील बनेगा पनामागेट

Update: 2017-06-02 13:44 GMT

इस्लामाबाद : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के छोटे पुत्र हसन नवाज शुक्रवार को पनामा पेपर्स मामले की जांच के लिए उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित संयुक्त जांच दल(जेआईटी) के सामने पहली बार पेश हुए। डॉन की रपट के मुताबिक, हसन पाकिस्तान मुस्लिम लीग(नवाज) के नेताओं के साथ जेआईटी के समक्ष अपना बयान दर्ज कराने के लिए संघीय न्यायिक अकादमी पहुंचे।

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एक दिन पहले शरीफ के बड़े पुत्र हुसैन नवाज शरीफ परिवार द्वारा लंदन में खरीदी गई संपत्तियों में धन संबंधी मामलों की सुनवाई में बचाव के लिए जेआईटी के समक्ष पिछले पांच दिनों के अंदर तीसरी बार पेश हुए थे।

जेआईटी सचिवालय से बाहर आने के बाद हुसैन ने कहा था कि किसी भी गलत या गैरकानूनी कार्य को उनके, उनके पिता, भाई और बहन द्वारा किए जाने के किसी भी प्रकार के जरा से साक्ष्य भी नहीं हैं।

हुसैन को जेआईटी द्वारा पूछताछ के चौथे दौरे के लिए तलब किया गया है, लेकिन यह पता नहीं चल सका है कि जेआईटी के समक्ष अगली बार वह कब पेश होंगे।

पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय द्वारा छह सदस्यों वाली जेआईटी का गठन शरीफ परिवार द्वारा लंदन के पार्क लेन में खरीदी गईं चार इमारतों में वित्तीय लेनदेन की जांच करने के लिए किया गया था।

जेआईटी ने कतर के शाह हमाद बिन जासिम बिन जबेर अल-थानी को भी समन किया था। पनामागेट मामले में प्रधानमंत्री के बच्चों के प्रतिनिधियों की उच्चतम न्यायालय द्वारा सुनवाई के दौरान कतर के शाह द्वारा हस्ताक्षरित दो पत्रों को शीर्ष न्यायालय में पेश किया गया था।

जेआईटी के समक्ष पहली बार पेश होने के दौरान, हुसैन ने जांच दल द्वारा किए गए सवालों के जबाव देने से इंकार कर दिया था और कहा था कि जेआईटी की स्थिति का मामला विचाराधीन है और उन्होंने पहले ही उच्चतम न्यायालय के समक्ष इसके दो सदस्यों को हटाने संबंधी एक याचिका दाखिल की थी।

इसके बाद उच्चतम न्यायालय ने हुसैन की जेआईटी के दो सदस्यों को इस जांच दल से बाहर करने संबंधी याचिका को खारिज कर दिया था। दो सुनवाइयों के बाद प्रधानमंत्री के बड़े पुत्र ने पत्रकारों से कहा था कि उन्होंने जेआईटी के सदस्यों द्वारा उनके समक्ष रखे गए सभी सवालों के जबाव दे दिए हैं।

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