ओली की नफरत: नेपाल में भारत विरोधी एजेंडा, बच्चों के दिमाग मे घोलेंगे जहर
ओली सरकार ने भारतीय इलाकों कालापानी, लिपुलेख और लिंपियाधूरा को नेपाल के नक्शे में दिखाकर विवादित नक्शे को मंजूरी दी और अब इस विवाद के जरिए ओली सरकार बच्चों के दिमाग में भारत विरोधी जहर घोलने की तैयारी में जुट गई है।
अंशुमान तिवारी
काठमांड। पिछले कई महीनों से भारत विरोधी एजेंडे को हवा दे रहे नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली अब एक नई शरारत पर उतर आए हैं। पहले ओली सरकार ने भारतीय इलाकों कालापानी, लिपुलेख और लिंपियाधूरा को नेपाल के नक्शे में दिखाकर विवादित नक्शे को मंजूरी दी और अब इस विवाद के जरिए ओली सरकार बच्चों के दिमाग में भारत विरोधी जहर घोलने की तैयारी में जुट गई है। अब कक्षा 9 के बच्चों के लिए तैयार की गई पुस्तक में पढ़ाया जाएगा कि भारत ने नेपाल की भूमि पर जबरन कब्जा कर रखा है।
बच्चे पढ़ेंगे-भारत ने किया कब्जा
नेपाली न्यूज़ की एक वेबसाइट में यह खुलासा किया गया है कि कक्षा 9 के विद्यार्थियों के लिए तैयार की गई एक नई पाठ्यपुस्तक में भारत को नेपाल की जमीन पर कब्जा करने का दोषी ठहराया गया है। माना जा रहा है कि इस किताब के जरिए ओली सरकार बच्चों के दिमाग में भारत विरोधी जहर घोलने की साजिश में जुटी हुई है।
रिपोर्ट के मुताबिक नेपाल का भूभाग और सीमा संबंधी स्वाध्याय सामग्री नामक किताब के जरिए स्कूली बच्चों में भारत विरोधी भावनाएं पैदा करने की तैयारी की गई है। इस बाबत पाठ्यक्रम विकास केंद्र का कहना है कि यह पुस्तक नेपाल के क्षेत्र और सीमाओं के संबंध में बच्चों को जानकारी देने के लिए तैयार की गई है।
नेपाल के मंत्री ने किया अनावरण
मंगलवार को एक वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस किताब का अनावरण किया गया। नेपाल के शिक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री गिरिराज मणि पोखरेल ने इस किताब का अनावरण किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि यह किताब नेपाल के निर्माण और एकीकरण के साथ ही पड़ोसी देशों के संबंधों के बारे में जानकारी देने वाली है।
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इसके साथ ही इसमें छात्रों को देश की सीमा और सीमा विवादों के समाधान के संबंध में भी पूरी जानकारी मिलेगी। उन्होंने कहा कि इस पुस्तक का मकसद सीमाओं की रक्षा करने के साथ ही आवश्यक ज्ञान और विचारों को छात्रों के भीतर विकसित करना है। इसके साथ ही हम छात्रों को सही जानकारी देकर देश की भौगोलिक अखंडता को सुरक्षित बनाए रखना चाहते हैं।
महानिदेशक ने दी अजीब दलील
पाठ्यक्रम विकास केंद्र के महानिदेशक केशव दहल ने नेपाल की उत्तर पश्चिम सीमा में स्थित लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधूरा का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि इस इलाके में भारत के अतिक्रमण से जुड़े ऐतिहासिक और अंतरराष्ट्रीय मानदंडों को पुस्तक में शामिल करके छात्रों को सही जानकारी देने की कोशिश की गई है।
चीन के इशारे पर चल रहा नेपाल
माना जा रहा है कि नेपाल की ओर से यह कदम चीन के इशारे पर उठाया गया है। हाल के दिनों में नेपाल के आंतरिक मामलों में चीन का दखल लगातार बढ़ता जा रहा है और चीनी दबाव के कारण ही नेपाल की ओली सरकार भारत विरोधी भावनाएं भड़काने में लगी हुई है।
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हालांकि इस किताब में इस बात का जिक्र नहीं किया गया है कि चीन किस तरह नेपाल के आंतरिक मामलों में घुसपैठ बढ़ रहा है और नेपाल के भूभागों को हथियाने में जुटा हुआ है। जानकारों का कहना है कि चीनी घुसपैठ से पूरी तरह आंखें मूंदकर यह किताब भारत के साथ सीमा विवाद को ही महत्व देने वाली है।
ओली का भारत विरोधी एजेंडा
मालूम हो कि हाल के दिनों में नेपाल की ओली सरकार लगातार भारत विरोधी कदम उठाने में जुटी हुई है। पिछले दिनों ओली ने भगवान राम और अयोध्या को लेकर भी विवादित बयान दिया था। ओली ने भारत की अयोध्या को नकली अयोध्या बताते हुए असली अयोध्या नेपाल में होने का दावा किया था।
लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधूरा को नेपाल के विवादित नक्शे में शामिल करने पर भारत की ओर से आपत्ति जताई गई थी मगर भारत की आपत्तियों को दरकिनार करते हुए ओली सरकार ने इसे संसद से मंजूरी दिलाई थी।
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