ओली की बड़ी सच्चाई आई सामनेः खजाने से कम नहीं है रिश्वत का ये ढेर

नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली पर आरोप है कि उन्होंने चीन से करोड़ो रुपये की रिश्वत ली है। पीएम ओली को चीनी सरकार मिलियल डॉलर्स यानी करोड़ों रुपये तक की रिश्वत दे रही है।

Update: 2020-07-14 09:49 GMT

नई दिल्ली: नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली पर आरोप है कि उन्होंने चीन से करोड़ो रुपये की रिश्वत ली है। जानकारी के मुताबिक, पीएम ओली को चीनी सरकार मिलियल डॉलर्स यानी करोड़ों रुपये तक की रिश्वत दे रही है। कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री के जेनेवा बैंक अकाउंट में करीब 41.34 करोड़ रुपए जमा हैं।

भारत के खिलाफ भड़काने की है कोशिश

चीनी सरकार ऐसा करके नेपाल सरकार को भारत के खिलाफ भड़काने में जुटी हुई है। वहीं, इसके बदले में ओली ने चीन को नेपाल में अपना बिजनेस प्लान लागू करने में सहायता प्रदान की है। नेपाल में चीनी राजदूत होउ यांक्वी इस प्लान में मदद कर रही हैं।

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पीएम ओली की संपत्ति मे कई गुना हुई वृद्धि

चीन अपने गरीब अर्थव्यवस्था वाले अपने पड़ोसी मूल्कों के नेताओं को अपने समर्थन में लाकर भारत के खिलाफ साजिश रचने का काम कर रहा है। ग्लोबल वॉच एनालिसिस की हालिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि उसने नेपाल में केपी ओली के माध्यम से अपनी पैठ बनाई है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछले कुछ सालों में पीएम ओली की संपत्ति मे कई गुना वृद्धि हुई है।

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विदेशों में भी हैं ओली की काफी संपत्तियां

बताया जा रहा है कि ओली की विदेशों में भी काफी संपत्तियां हैं। पीएम ओली का स्विट्जरलैंड के जेनेवा स्थित मिरबॉड बैंक में भी अकाउंट है, जिसमें करीब 41.34 करोड़ रुपए जमा है। ओली द्वारा यह राशि लॉन्ग टर्म डिपॉजिट और शेयर के तौर पर जमा किए गए हैं। वहीं इस अकाउंट में पैसे रखने से पीएम ओली और उनकी पत्नी राधिका शाक्य को सालाना करीब दो करोड़ रुपये का भी लाभ मिलता है।

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टेलिफोन सेक्टर में किया था निवेश

ग्लोबल वॉच एनालिसिस के मुताबिक, ओली ने 2015-16 में कंबोडिया के टेलिफोन सेक्टर में भी काफी पैसे निवेश किए थे। तब नेपाल में चीनी राजदूत वू चुन्टाई ने उनकी सहायता की थी। इस सौदे को ओली के करीबी बिजनेसमैन अंग शेरिंग शेरपा ने कराया था। इस सौदे में चीन के राजनयिक बो जियांगेओ और कंबोडिया के प्रधानमंत्री हूं सेन भी शामिल थे।

डिजिटल एक्शन रूम बनाने की डील

इसके अलावा ओली ने दिसंबर, 2018 में चीनी कंपनी हुवावे को डिजिटल एक्शन रूम बनाने की डील दे दी थी। ऐसा करके प्रधानमंत्री ने सरकार और अंतरराष्ट्रीय नियमों को दरकिनार किया था। फिर मई, 2019 में नेपाल टेलीकम्युनिकेशन ने हॉन्गकॉन्ग की चीनी कंपनी के साथ रेडियो एक्सेस नेटवर्क तैयार करने को लेकर डील किया।

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4G नेटवर्क लगाने का सौदा

वहीं, इस साल चीनी कंपनी जेटीई के साथ 4G नेटवर्क लगाने का सौदा किया है। इन दोनों प्रोजेक्ट के लिए करीब 1107 करोड़ रुपये की लागत आएगी। हालांकि इन कंपनियों को काम देने के तरीके के लिए पीएम ओली का देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी काफी विरोध किया गया।

इसके अलावा नेपाल ने कोरोना वायरस की लड़ाई को आसान बनाने के लिए चीन से पीपीई किट और टेस्टिंग किट खरीदे थे, जिसकी लागत 621 करोड़ रुपये के करीब थी। हालांकि इनमें से ज्यादातर उपकरण खराब निकले थे। इसे लेकर नेपाल में छात्रों ने बड़ा प्रदर्शन किया था।

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