14 साल पावर में, जब हुई हार तो सत्ता सौंपी और साइकिल निकालकर पीएमओ से चलते बने इस देश के प्रधानमंत्री

नीदरलैंड में दक्षिणपंथी नेता गीर्ट वाइल्डर्स ने अपनी पार्टी की सफलता के बावजूद भी गठबंधन वार्ता को आगे बढ़ाने के लिए खुद को प्रधानमंत्री के पद से अलग कर लिया था।

Newstrack :  Network
Update:2024-07-07 16:19 IST

Netherland Pm Mark Rutte

Netherland Pm Mark Rutte: इस समय नीदरलैंड के निवर्तमान प्रधानमंत्री मार्क रूट का सोशल मीडिया पर एक वीडियो काफी वायरल हो रहा है। उन्होंने हेग में अपने आफिस से अनोखे अंदाज में विदाई ली। उन्होंने अपनी विदाई साइकिल के साथ की। 14 साल के अपने कार्यकाल के बाद रूट ने पूर्व खुफिया प्रमुख डिक शूफ को प्रधानमंत्री पद की कमान सौंपी। शूफ ने किंग विलेम-अलेक्जेंडर की अध्यक्षता में एक समारोह में देश के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली।बीते साल नवंबर में नीदरलैंड में दक्षिणपंथी नेता गीर्ट वाइल्डर्स की चुनावी जीत के बाद करीब सात महीने तक जटिल बातचीत चली। जिसके बाद नई सरकार का गठन हुआ है। वाइल्डर्स ने अपनी पार्टी की सफलता के बावजूद भी गठबंधन वार्ता को आगे बढ़ाने के लिए खुद को प्रधानमंत्री के पद से अलग कर लिया था।

देखने को मिल रहा बदलाव

वहीं शूफ की बात करें, तो उन्हें देश की पारंपरिक राजनीति से कुछ अलग हटकर देखा जा रह है। ऐसा इसलिए क्योंकि वो किसी भी पार्टी से संबद्धता के बिना नेतृत्व संभाल रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ रूट नाटो के महासचिव की भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं। जो पूरे यूरोप और उत्तरी अमेरिका में सदस्य देशों की सुरक्षा करने वाला एक रणनीतिक गठबंधन है। ऐतिहासिक चुनाव के बाद नीदरलैंड की पहली धुर-दक्षिणपंथी सरकार के आने के बाद राजनीति में बदलाव देखने को मिल रहा है। गीर्ट वाइल्डर्स पार्टी के नेतृत्व में इस गठबंधन ने रूट के लंबे समय तक प्रधानमंत्री बने रहने के बाद शासन में बदलाव का वादा किया है।


डच प्रधानमंत्री डिक शूफ ने संसद में भाषण दिया और अपनी नई सरकार के प्रमुख उद्देश्यों में से एक को प्राथमिकता देने की कसम खाई, जो है आप्रवासन में कमी लाना। उन्होंने कहा, इनमें से प्राथमिक चिंता शरण लेना और प्रवासन है। चाहे किसी का भी दृष्टिकोण कुछ भी हो, यही मुद्दे की जड़ है। गठबंधन सरकार में शामिल चार पार्टियों में से किसी से संबद्ध नहीं होने वाले शूफ ने औपचारिक रूप से लंबे समय से प्रधानमंत्री रहे मार्क रूट से सत्ता हासिल की। वो 67 साल के हैं। साथ ही डच खुफिया एजेंसी और आतंकवाद विरोधी कार्यालय के पूर्व प्रमुख हैं।

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