Nirav Modi PNB Scam: नीरव मोदी को भारत लाने का रास्ता साफ, ब्रिटेन हाई कोर्ट ने खारिज की 'भगोड़े' की अपील

Nirav Modi PNB Scam: भगोड़े भारतीय कारोबारी नीरव मोदी को भारत लाने का रास्ता साफ हो गया है। ब्रिटेन (UK) के हाई कोर्ट ने नीरव मोदी को भारत भेजने को हरी झंडी दे दी है।

Written By :  aman
Update: 2022-11-09 11:28 GMT

नीरव मोदी  (फोटो:सोशल मीडिया)

Nirav Modi PNB Scam: भगोड़े भारतीय कारोबारी नीरव मोदी को भारत लाने का रास्ता साफ हो गया है। ब्रिटेन (UK) के हाई कोर्ट ने नीरव मोदी को भारत भेजने की हरी झंडी दे दी है। ब्रिटेन के हाई कोर्ट ने उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें भगोड़े कारोबारी के प्रत्यर्पण रोकने की अपील की गई थी। अदालत ने कहा, कि नीरव मोदी का प्रत्यर्पण किसी भी नजरिए से अन्यायपूर्ण नहीं है। 

गौरतलब है कि, स्पेशल PMLA कोर्ट ने दिसंबर 2019 में भारतीय कारोबारी नीरव मोदी को भगोड़ा घोषित कर दिया था। आर्थिक अपराध अधिनियम, 2018 के तहत नीरव मोदी को 'भगोड़ा आर्थिक अपराधी' करार दिया गया था।

PNB स्कैम में 7,000 Cr. रुपए घोटाले का आरोप

नीरव मोदी पर पंजाब नेशनल बैंक (Nirav Modi PNB Scam) से करीब 7,000 करोड़ रुपए निकासी और घोटाले का आरोप है। जब इस मामले की छानबीन होने लगी, तो नीरव मोदी विदेश भाग गया। इस वक्त वह लंदन की एक जेल में बंद है। भारत सरकार भगोड़े कारोबारी को वापस लाने का निरंतर प्रयास करती रही है। सरकार के इन्हीं प्रयासों को आज सफलता मिली। नीरव मोदी ने वर्ष 2017 में अपनी कंपनी 'फायरस्टार डायमंड' के जरिए प्रतिष्ठित रिदम हाउस बिल्डिंग (Rhythm House Building) खरीदी थी। नीरव की योजना इसे हेरिटेज प्रॉपर्टी में बदलने का था। माना जाता है कि उसने अधिकतर संपत्तियां PNB घोटाले से हासिल रकम से अर्जित की थी।

भारतीय जेल में कर सकता है सुसाइड

ब्रिटेन में बैठे नीरव मोदी ने सरकार की कार्रवाई से बचने के लिए कई तर्क दिए। उसने प्रत्यर्पण से बचने के लिए ब्रिटेन हाई कोर्ट में खुद के डिप्रेशन का शिकार होने तक की बात कही। नीरव के वकील ने तर्क में ये भी कहा, कि भारत के जेल में जिस तरह की स्थिति है, वैसे में वहां वो सुसाइड कर सकता है। इसी तर्क पर उसने प्रत्यर्पण का विरोध किया था। मगर, ब्रिटेन की हाई कोर्ट ने दलीलें सुनने के बाद नीरव मोदी की प्रत्यर्पण विरोधी याचिका को खारिज कर दिया।

कोर्ट ने नीरव के सुसाइड तर्क को ख़ारिज किया

इस मामले में पूर्व की सुनवाई के दौरान जस्टिस रॉबर्ट जे (Justice Robert J) ने भारत-ब्रिटेन के अच्छे संबंधों की बात कही थी। साथ ही, उन्होंने 1992 की India-UK Extradition Treaty की भी याद दिलाई। जस्टिस रॉबर्ट जे ने कहा, उस ट्रिटी का सम्मान करना जरूरी है। ब्रिटेन हाईकोर्ट ने अपने आदेश में ये स्पष्ट किया कि, Westminster कोर्ट ने पिछले साल प्रत्यर्पण पर जो फैसला सुनाया था, वह बिलकुल सही था। कोर्ट ने ये कहा, कि सुसाइड का खतरा बताना प्रत्यर्पण के खिलाफ आधार नहीं बन सकता।

खटखटा सकते हैं सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा

हालांकि, हाई कोर्ट के आज के फैसले के खिलाफ भगोड़ा कारोबारी सुप्रीम कोर्ट का रुख कर सकता है। 14 दिन के भीतर नीरव मोदी को ब्रिटेन के सुप्रीम कोर्ट का रुख करना होगा। आज के फैसले पर नीरव मोदी की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

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