HIV खोजने वाले नोबेल विजेता का बड़ा दावा, ये वैक्सीन बनाने में लैब से निकला कोरोना

चीन के वुहान से फैला कोरोना वायरस दुनियाभर में तबाही मचा रहा है। इस जानलेवा वायरस को लेकर बहस छिड़ी हुई है कि कहां से आया और कैसे दुनिया में फैला। इस वायरस को लेकर कोई पुख्ता जानकारी नहीं है।

Update: 2020-04-18 17:11 GMT

नई दिल्ली: चीन के वुहान से फैला कोरोना वायरस दुनियाभर में तबाही मचा रहा है। इस जानलेवा वायरस को लेकर बहस छिड़ी हुई है कि कहां से आया और कैसे दुनिया में फैला। इस वायरस को लेकर कोई पुख्ता जानकारी नहीं है, लेकिन कई थिअरी जरूर सामने आ चुकी हैं।

इसी बीच HIV की खोज करने वाले नोबेल विजेता ने चौंकाने वाला दावा किया है और उनका कहना है कि कोरोना वायरस लैब से ही निकला है। उनका कहना है कि SARS-CoV-2 वायरस AIDS की वैक्सीन बनाने की कोशिश में पैदा हो गया है और गलती से फैल गया।

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मेडिसिन का नोबेल जीतने वाले फ्रांस के प्रोफेसर Luc Montagneir का कहना है कि नोवल कोरोना वायरस के जीनोम में HIV (ह्यूमन इम्यूनोडिफिशंसी वायरस) और मलेरिया फैलाने वाले जर्म का भी हिस्सा है। उनके मुताबिक 2000 के दशक से वुहान की नेशनल बायोसेफ्टी लैब में कोरोना वायरस पर रिसर्च की जा रही है।

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कोरोना वायरस के जीनोम में HIV का जेनेटिक सीक्वेंस जोड़ना किसी लैब में किया जा सकता है और इसके लिए मॉलिक्यूलर टूल्स की जरूरत होती है। उन्होंने कहा कि नेचर में किसी मॉलिक्यूल के साथ छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं की जाती है। उन्होंने कहा कि किसी अप्राकृतिक बदलाव को नेचर रिजेक्ट कर देता है और इसलिए अगर कोई वैक्सीन नहीं भी बनाई गई तो नेचर खुद ही इसे खत्म कर देगा। उन्होंने दावा किया कि हालात सुधर जाएंगे।

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हो रहा है विरोध

लेकिन उनके इस दावे को आलोचना का सामना करना पड़ा है। पेरिस के एक वायरोलिज्सट का दावा है कि लूक की बात में कोई दम नहीं है, क्योंकि ऐसे जेनिटिक सीक्वेंस दूसरे कोरोना वायरस में भी पाए जाते हैं। कुछ जीनोम के हिस्से पौधों या बैक्टीरिया जैसे भी लगते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि नेचर अपने आप इसे खत्म नहीं कर सकता।

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