North Korea: आर्थिक संकट से त्रस्त उत्तर कोरिया की कारस्तानी, हैकर्स के बदौलत खजाना भरने की कर रहा कोशिश

North Korea: यूनाइटेड नेशन के विशेषज्ञों ने साइबर विशेषज्ञों के हवाले से छपी एक रिपोर्ट में उत्तर कोरिया पर बड़े गंभीर आरोप लगाए हैं।

Written By :  Krishna Chaudhary
Published By :  Monika
Update:2022-02-07 11:52 IST

आर्थिक संकट से त्रस्त उत्तर कोरिया की कारस्तानी (फोटो : सोशल मीडिया )

North Korea: अपनी सनकपन को लेकर दुनियाभर में बदनाम उत्तर कोरिया (North Korea) का तानाशाह किम जोंग (kim jong) उन इन दिनों बेहद आर्थिक तंगी से जुझ रहा है। कोरोना और सख्त अंतराष्ट्रीय प्रतिबंधों के कारण नॉर्थ कोरिया (North Korea) का दिवाला निकल चुका है। इंटरनेशनल प्रेस में छपी रिपोर्टस की माने तो वहां अनाज (grain) के लाले तक पड़ गए हैं। तानाशाह किम जोंग उन ने अपने देश के लोगों से कम खाने की अपील भी कर चुका है। इस विषम आर्थिक परिस्थितियों के बावजूद नार्थ कोरिया हथियारों पर जमकर पैसे उड़ा रहा है। ऐसे में सवाल उठता है कि इस देश के पास इतने पैसे आखिर आ कहां से रहे हैं। इसको लेकर साइबर विशेषज्ञों ने एक बड़ा खुलासा किया है।

यूनाइटेड नेशन के विशेषज्ञों ने साइबर विशेषज्ञों (cyber experts)के हवाले से छपी एक रिपोर्ट में उत्तर कोरिया पर बड़े गंभीर आरोप लगाए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि उत्तर कोरियाई हैकर्स (North Korean Hackers) लगातार वित्तीय संस्थानों (financial institutions), क्रिप्टोकरेंसी फर्मों (cryptocurrency firms) और एक्सचेंजों (exchanges) को अपना निशाना बना रहे हैं। हैकर्स अब तक यहां से करोड़ों डॉलर की रकम उड़ा चुके हैं (millions of dollars)। संयुक्त राष्ट्र के पैनल ने कहा कि इन हैकर्स ने 2020 और 2021 के बीच नार्थ अमेरिका, यूरोप और एशिया में कम से कम तीन क्रिप्टोकरेंसी फर्मों से 50 मिलियन डॉलर की चोरी की है।

इसके अलावा विशेषज्ञों ने अपनी रिपोर्ट में एक अज्ञात सुरक्षा फर्म का हवाला देते हुए बताया कि 2021 में नार्थ कोरियाई हैकर्स ने क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों और निवेश फर्मों में सेंध लगाकर 400 मिलियन डॉलर की क्रिप्टोकरेंसी चुरा ली थी। नार्थ कोरिया पर लगे प्रतिबंधों की निगरानी करने वाले एक्सपर्ट्स के पैनल ने यूएन की रिपोर्ट में कहा कि हैकर्स क्रिप्टोकरेंसी की रकम को कैश आउट करने के लिए सावधानीपूर्वक से धन शोधन की प्रकिया से गुजरते हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि हैकर्स फिशिंग लालच कोड शोषण, मैलवेयर और उन्नत सोशल इंजीनियरिंग के जरिए साइबर हमलों को अंजाम दे रहे हैं।

चोरी के पैसे हथियारों पर खर्च कर रहा उत्तर कोरिया

संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में बताया गया है कि ये अवैध धन उत्तर कोरिया के मिसाइल और परमाणु कार्यक्रम में खर्च होने वाले पैसे का प्रमुख स्त्रोत है। तमाम आर्थिक विषमताओं के बावजूद नार्थ कोरिया ने इन अवैध पैसों के बदौलत ही अपने मिसाइल और परमाणु कार्यक्रमों को जारी रख पाया है। यूएन के विशेषज्ञों के अनुसार तमाम अंतराष्ट्रीय प्रतिबंधों के बावजूद नार्थ कोरिया परमाणु हथियारों की रेस में आगे बढ़ने की कोशिश कर रहा है। समय – समय पर वहां से मिसाइलों के प्रक्षेपन के वीडियो आते रहते हैं।

बता दें कि उत्तर कोरिया को चीन जैसी शक्तिशाली ताकत का वदहस्त प्राप्त है। उत्तर कोरिया में जरूरत के सारे सामना चीन से ही आते हैं। यही वजह है कि तमाम प्रतिबंधों के बावजूद उसके तेवर ढीले नहीं पड़ते।

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