तबाही से चीखी दुनिया: आया ऐसी भयानक आपदाएं लेकर, सबसे बुरा रहा 2020
पूरी दुनिया में सिर्फ कोरोना वायरस ने ही नहीं बल्कि तमाम प्राकृतिक आपदाओं ने भी कहर ढाया है। मुसीबतों से भले इस साल को लोग भूलाना चाहेंगे तो भी नहीं भूला पाएगें। इन में से विश्व पर कुछ हादसे,घटनाएं तो खुद प्रकृति ने बरपाया। कुछ हादसे जो मानवजनित क्लाइमेट बदलाव की वजह से हुए हैं।
नई दिल्ली। साल 2020 दुनियाभर के लिए काफी यादगार साल रहेगा। इस साल पूरी दुनिया में सिर्फ कोरोना वायरस ने ही नहीं बल्कि तमाम प्राकृतिक आपदाओं ने भी कहर ढाया है। मुसीबतों से भले इस साल को लोग भूलाना चाहेंगे तो भी नहीं भूला पाएगें। इन में से विश्व पर कुछ हादसे,घटनाएं तो खुद प्रकृति ने बरपाया। कुछ हादसे जो मानवजनित क्लाइमेट बदलाव की वजह से हुए हैं। ऐसे में ये साल 2020 केवल बीमारियों के लिए ही नहीं, बल्कि आपदाओं के लिए काफी हद तक यादगार रहेगा।
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प्राकृतिक आपदा ने धरती के एक बड़े हिस्से पर
28 जनवरी 2020 में कैरीबियन में 7.7 तीव्रता का भूकंप आया था। ये भूकंप इतना ज्यादा ताकतवर था कि इसका प्रभाव जमैका और क्यूबा तक में महसूस किया गया। हालाकिं इस भूकंप से किसी की मौत तो नहीं हुई। पर इस प्राकृतिक आपदा ने धरती के एक बड़े हिस्से को हिलाकर रख दिया था।
साल की शुरूआत में ही फिलिपींस का ताल ज्वालामुखी 12 जनवरी को फटा। ये आपदा इतनी भयानक थी, कि इसके धुएं और राख के गुबार आसमान में 14 किलोमीटर की ऊंचाई तक जा रहे थे। ये ज्वालामुखी लगभग 40 साल बाद फटा था।
जिसके राख और धुएं के गुबार 100 किलोमीटर दूर तक फैला। जिससे राजधानी मनीला में भी अंधेरा छा गया था। वहीं इस ज्वालामुखी के फटने के बाद 39 लोगों की मौत हुई थी।
24 जनवरी को तुर्की में 6.7 तीव्रता का भूकंप आया। इस भूकंप का केंद्र एलाजिग प्रांत था। वैसे तो ये भूकंप छोटा था, लेकिन हमला जानलेवा था। इनके झटकों से 41 लोगों की मौत हो गई और 1000 लोग जख्मी हो गए, साथ ही दर्जनों इमारतें गिर गईं।
और फिर वो ऑस्ट्रेलिया की आग। इस घटना को तो कोई भूल ही नहीं सकता। इस घटना की तस्वीरे अभी भी नाम लेते ही जिहन में मंडराने लगती हैं। इस आग ने 1.20 करोड़ हेक्टेयर जमीन को जलाकर खाक कर दिया। इस घटना में 33 लोगों की मौत हुई और करीब 100 करोड़ जीव-जंतु मारे गए।
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एक बड़ी प्राकृतिक घटना
फिर 23 जून को मेक्सिको के ओक्साका में 7.4 तीव्रता का भूंकप आया था। इसका केंद्र सांता मारिया जडानी के तट पर 9 किलोमीटर की गहराई पर था। उस दौरान इस भूकंप की वजह से 10 लोगों की मौत हुई थी।
इसके बाद अलास्का में इस साल का सबसे ज्यादा तेज भूकंप आया था। इसकी रिक्टर पैमाने पर तीव्रता 7.8 थी। इसमें 22 जुलाई को आए इस भूंकप से किसी की मौत नहीं हुई लेकिन एक बड़ी प्राकृतिक घटना दर्ज की गई।
जुलाई के बाद 16-17 अगस्त के दौरान बिजली गिरने की वजह से कैलिफोर्निया के जंगलों में आग लग गई। जिससे ऑस्ट्रेलिया के बाद एक और जंगल की आग ने दुनिया का ध्यान अपनी तरफ खींचा। इस भयानक आग से 16.5 लाख हेक्टेयर जमीन जल गई। जिसमें 10,448 इमारतें खाक हो गईं और 33 लोगों की मौत हुई।
फिर 13 नवंबर को चक्रवाती तूफान आइओटा ने कैरीबियन और मध्य अमेरिका में मौत की तबाही मचाई। इस भयानक तूफान की वजह से 260 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से हवाएं चलीं। जिससे इस तूफान में 45 लोग मारे गए।
इसके बाद 14 दिसंबर को इटली में ज्वालामुखी माउंट एटना फट गया। इसने इतना राख और धुआं उड़ाया कि इसकी वजह से इटली में कुछ समय के लिए हवाई सेवाएं बंद करनी पड़ी। लोगों को इलाके से दूर रहने के लिए कहा गया।
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