Pakistan Political Crisis: सियासी गतिरोध बरकरार, सुप्रीम कोर्ट में आज भी नहीं हो पाया फैसला
Pak Political Crisis: सुप्रीम कोर्ट में आज भी अविश्वास प्रस्ताव के खारिज होने और नेशनल एसेंबली भंग होने के मामले में फैसला नहीं हो पाया है।
Pak Political Crisis: पाकिस्तान में सियासी संकट लंबा खींचता जा रहा है। संसद में प्रधानमंत्री इमरान खान (Pak PM Imran Khan) से मात खाने के बाद विपक्ष अब देश की सर्वोच्च अदालत (Supreme Court) में पाक पीएम को पटखनी देनी की कोशिश में लगा हुआ है। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार यानि आज भी अविश्वास प्रस्ताव (No Confidence Motion) के खारिज होने और नेशनल एसेंबली (Pakistan Parliament) भंग होने के मामले में कोई फैसला नहीं सुनाया है। सुनवाई गुरूवार सुबह 10 बजे तक के लए टाल दी गई है।
पाक सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
पाकिस्तान में सुप्रीम कोर्ट में आज हुई सुनवाई में अदालत ने इमरान सरकार (Imran Khan Government) के वकील को कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने इमरान सरकार के वकील बाबर अवान से कुछ तीखे सवाल भी किए। कोर्ट ने पूछा- किस आधार पर डिप्टी स्पीकर ने अविश्वास प्रस्ताव को खारिज किया। और इस फैसले का आधार क्यों नहीं बताया गया।
चीफ जस्टिस उमर अता बंदियाल (Chief Justice Umar Ata Bandial) ने सरकार के वकील से एनएससी की बैठक (NSC Meeting) के मिनट्स मांगे हैं। दरअसल, इसी बैठक के दौरान पीएम इमरान खान ने विदेशी साजिश वाला लेटर साझा करने का दावा किया था। चीफ जस्टिस ने इस दौरान कहा कि डिप्टी स्पीकर का फैसला आरोपों पर आधारित था न कि तथ्य पर।
सेना ने इमरान की बढ़ाई मुश्किल
प्रधानमंत्री इमरान खान विपक्ष द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को शुरू से ही विदेशी साजिश बताते रहे हैं। बकौल इमरान कुछ विदेशी ताकतें उन्हें सत्ता से बेदखल करना चाहती है। इमरान खान दावा कर चुके हैं कि उन्होंने पाकिस्तान की शक्तिशाली संस्था फौज और आईएसआई को भी इस संबंध में जरूरी सबूत दिखा जा चुके हैं और वे उनसे सहमत भी हैं। लेकिन फौज ने इमरान के इस दावे को अब नकार दिया है।
पाकिस्तानी मीडिया में एक आर्मी अफसर के हवाले से छपी खबर के मुताबिक, सेना ने इमरान खान और डिप्टी स्पीकर के विदेशी साजिश वाले बयान को खारिज कर दिया है। इस बारे में पाक पीएम को अवगत भी करा दिया गया है। बता दें कि बीते दिनों पाक सेना प्रमुख द्वारा अमेरिका की तारीफ और रूस की आलोचना करने के बाद ये स्पष्ट हो गया था कि सेना अब इमरान खान के पाले में नहीं खड़ी है।
इलेक्शन कमीशन ने भी दिया झटका
अपना कार्यकाल पूरा करने से एक साल पहले ही भयानक सियासी संकट में फंसे प्रधानमंत्री इमरान खान के लिए धीरे-धीरे चीजें मुश्किल होती जा रही है। फौज का साथ छोड़ने के बाद अब देश की प्रमुख संस्थाएं भी इमरान सरकार और उनकी पार्टी पर परोक्ष रूप से निशाना साध रही है। पाकिस्तान इलेक्शन कमीशन ने उन अफवाहों पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है जिसमें इमरान सरकार के मंत्री कह रहे हैं कि चुनाव आयोग ने 90 दिनों में देश में आम चुनाव कराने से मना कर दिया है। उसे कम से कम इसकी तैयारी के लिए छह माह का समय चाहिए।
चुनाव आयोग ने इन अफवाहों को खारिज करते हुए कहा कि उसने कभी तीन महीने के अंदर चुनाव कराने से इनकार नहीं किया। पाकिस्तान अखबार डॉन से बातचीत में चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने जनता से इन अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है। चुनाव आयोग को जो भी जिम्मेदारियां दी जाएगी, उसे निभाने के लिए तैयार है। हम आने वाले तीन माह में चुनाव कराने के लिए भी तैयार हैं।
बता दें कि बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई के बीच पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने चुनाव आय़ोग को एक खत लिखा है। खत में राष्ट्रपति ने आयोग से 90 दिनों के भीतर आम चुनाव कराने को कहा है।
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