Pakistan Bomb Blast: कैसे पाकिस्तान में हुआ भयानक धमाका, कौन है 45 लोगों की मौत का जिम्मेदार ?
Pakistan Bomb Blast: जिस जगह से नेताओं के जोशीले भाषण और उत्साही कार्यकर्ताओं के द्वारा लगाए जा रहे गगनभेदी नारे सुनाई दे रहे थे, वहां से केवल अब चीख सुनाई दे रहे थी।
Pakistan Bomb Blast: रविवार शाम पाकिस्तान एक जोरदार धमाके से थर्रा उठा। इस धमाके को एक राजनीतिक रैली के आयोजन के दौरान अंजाम दिया गया। हमले के दौरान रैली चल रही थी, मंच पर नेता पूरे जोश के साथ भाषण देने में मशगूल थे और नीचे उनके कार्यकर्ता जिंदाबाद-जिंदाबाद के नारे लगा रहे थे। तभी एक तेज आवाज के साथ कुछ फटने की आवाज आई और सेकेंड में घटनास्थल पर धूल और धुंध का गुबार खड़ा हो गया। जब ये धुंध छटी तो आसपास क्षत-विक्षत शव बिखरे पड़े मिले।
जिस जगह से नेताओं के जोशीले भाषण और उत्साही कार्यकर्ताओं के द्वारा लगाए जा रहे गगनभेदी नारे सुनाई दे रहे थे, वहां से केवल अब चीख सुनाई दे रहे थी। भीषण ब्लास्ट की चपेट में आए लोग दर्द से कराह रहे थे और मदद की भीख मांग रहे थे। घटनास्थल का मंजर काफी दिल दहला देने वाला था। हर जगह खून और इंसानी अंग और मांस के टुकड़े बिखड़े हुए थे। पाकिस्तान में ये दर्दनाक वाकया खैबर पख्तूनख्वाह प्रांत के बाजौर जिले की खार तहसील में हुआ है।
सत्ताधारी दल की रैली को बनाया गया निशाना
रविवार को जिस सियासी दल की रैली को निशाना बनाया गया है, वह पाकिस्तान सरकार में साझीदार है। जमीयत उलेमा इस्लाम-फजल (जेयूआई-एफ) सत्तारूढ़ पाकिस्तान डेमोक्रेटिम मुवमेंट (पीडीएम) गठबंधन का एक अहम घटक दल है। 30 जुलाई को हुए इस हमले में पार्टी के एक सीनियर नेता मौलाना जिया उल्लाह खान समेत 45 कार्यकर्ता मारे गए। इसके अलावा हमले में करीब 200 कार्यकर्ता जख्मी भी हुए हैं, जिनमें से कईयों की हालत नाजुक बताई जा रही है। पाक मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मृतकों की संख्या बढ़ सकती है।
फिदायीन हमले की आशंका
जेयूआई-एफ जलसे में हुए धमाके को फिदायीन हमले के चश्मे से भी देखा जा रहा है। पाकिस्तानी अधिकारियों के मुताबिक, अधिक से अधिक संख्या में लोगों को हताहत करने के इरादे से एक बड़ी पार्टी की रैली को निशाना बनाया गया है। उनका मानना है कि हमलावर पार्टी समर्थकों के बीच ही मौजूद था। इसलिए इसे आत्मघाती हमला माना जा रहा है।
जेयूआई-एफ के चीफ मौलाना फजलुर रहमान ने घटना पर दुख प्रकट करते हुए अपने कार्यकर्ताओं को फौरन अस्पताल पहुंचने को कहा है और रक्तदान की अपील भी की। रहमान ने पाक पीएम शहबाज शरीफ से मिलकर उन्हें घटना की पूरी जानकारी दी है और सख्त कार्रवाई की मांग की है। सरकार की ओर से जांच के आदेश जारी कर दिए गए हैं।
किसने करवाया हमला ?
मौलाना फजलुर रहमान की पार्टी जमीयत उलेमा इस्लाम-फजल (जेयूआई-एफ) एक कट्टरपंथी इस्लामी पार्टी है। जिसके पाकिस्तान तालिबान और अफगान तालिबान दोनों से बेहतर संबंध हैं। इस पार्टी का प्रभाव अफगानिस्तान और पाकिस्तान के सीमावर्ती इलाकों में सबसे अधिक है। फजलुर रहमान ने ही तालिबान और पाकिस्तान सरकार के बीच शुरू करवाई थी, जो बाद में असफल रही थी। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर किस आतंकी या कट्टरपंथी संगठन ने इस वीभत्स हमले को अंजाम दिया है।
खैबर पख्तूनख्वाह (केपी) प्रांत पूर्व पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान का गढ़ माना जाता रहा है। यहां पर उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक ए-इंसाफ (पीटीआई) की सरकार भी रही है। इसी साल जब केंद्र से उनकी रूखसती हुई तो केपी प्रांत से उनकी सरकार की विदाई भी हो गई। खैबर पख्तूनख्वाह मौलाना फजलुर रहमान का भी गढ़ है। रहमान के पिता इस प्रांत के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं।
रहमान और खान के बीच की अदावत पुरानी है। 2018 में जब इमरान खान प्रधानमंत्री की कुर्सी तक पहुंचे थे, तब भी उन्होंने खान को रोकने के लिए पूरा जोर लगा दिया था। उन्हें सत्ता से बाहर करने में भी उनका अहम योगदान रहा है। पिछले दिनों जब इमरान खान को गिरफ्तार किया गया था, तो उनके समर्थकों ने देशभर में बवाल काटा था। इसके विरोध में मौलाना फजलुर रहमान की पार्टी जेयूआई-एफ के कार्यकर्ता भी सड़कों पर उतर गए थे। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के अंदर प्रवेश करने तक की कोशिश की थी। ऐसे में कुछ लोग रविवार शाम को जेयूआई-एफ के जलसे में हुए हमले को इमरान खान और फजलुर रहमान के बीच जारी वर्षों पुरानी सियासी अदावत से जोड़कर भी देख रहे हैं।