इस्लामाबाद: आतंकी सगठनों पर कार्रवाई नहीं करने पर अमेरिका की ओर से पाकिस्तान को रोकी गई सैन्य और अन्य मदद के बाद अब पाक ने भी चेतावनी दी है, कि अफगानिस्तान में अमेरिकी सेनिकों को जो रसद जाती है उसे रोका जा सकता है। बता दें, कि पाकिस्तान पहले भी ऐसा कर चुका है। अमेरिकी कमांडो की कार्रवाई में ओसामा बिन लादेन के मारे जाने के बाद पाक ने साल 2011 में ऐसा किया था।
दूसरी ओर, अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि अगर पाकिस्तान इस तरह का कोई कदम उठाता है, तो उनके पास निपटने के कई विकल्प मौजूद हैं। अमेरिका ने पाक को दी जाने वाली करीब 7 हजार करोड़ रुपए की सैन्य मदद पर रोक लगा दी थी। इसके बाद से दोनों देशों में तनाव है।
अब ब्लैकमेलिंग नहीं कर पाएगा पाक
एक न्यूज एजेंसी ने अमेरिकी अफसरों के हवाले से कहा, 'हम पाकिस्तान के हर कदम पर नजर रख रहे हैं। यूएस एडमिनिस्ट्रेशन ने पाकिस्तान के खिलाफ जो एक्शन लिया है, उसके पहले ही तमाम बातों पर विचार कर लिया गया था। इसका मतलब, पाकिस्तान इस बार सप्लाई चेन रोकने की ब्लैकमेलिंग नहीं कर पाएगा।'
तब समस्या से ऐसे निपटा था अमेरिका
बता दें, कि साल 2011 में अमेरिकी कमांडो ने ऐबटाबाद में ओसामा बिन लादेन को मार गिराया था। इससे नाराज पाकिस्तान ने यूएस आर्मी की अफगानिस्तान में सप्लाई चेन रोक दी थी। करीब 8 महीने बाद इसे बहाल किया गया था। तब अमेरिका ने कार्गो फ्लाइट्स के जरिए अपने सैनिकों तक रसद पहुंचाई थी। यह बहुत महंगा तरीका था।
अमेरिका को बहुत सस्ता पड़ता है यह रास्ता
अफगानिस्तान में जो अमेरिकी फौज है, उसके लिए तमाम तरह का सामान ट्रकों के जरिए पाकिस्तान से ही अफगानिस्तान पहुंचता है। अमेरिका को यह रास्ता बहुत सस्ता पड़ता है। कराची पोर्ट से ट्रकों के जरिए ये रसद अफगानिस्तान के जलालाबाद पहुंचती है। पाकिस्तान के कट्टरपंथी मांग कर रहे हैं कि अमेरिका की सप्लाई चेन को फिर रोका जाए। विपक्ष के नेता अपोजिशन लीडर इमरान खान ने कहा- अब वक्त आ गया है कि हम अमेरिका को उसी की जुबान में सबक सिखाएं। आखिरी वो कब तक मुफ्त में हमारे रास्तों का इस्तेमाल करता रहेगा।
अमेरिका ने तलाशे और रास्ते
अमेरिका के एक सैन्य अधिकारी ने कहा, कि 'अफगानिस्तान की नेशनल डिफेंस फोर्सेस और हमारे सैनिकों पर अब किसी चीज का कोई फर्क नहीं पड़ने वाला। हमने पहले ही साफ कर दिया कि अमेरिका अब सिर्फ नतीजे चाहता है। जॉर्ज टाउन यूनिवर्सिटी की डिफेंस एक्सपर्ट क्रिस्टीन फेयर ने कहा, 'अमेरिका को अब ब्लैकमेल नहीं किया जा सकता। मैंने पेंटागन के अफसरों से बातचीत में यह पाया कि अब अमेरिका के पास सप्लाई चेन रुकने पर भी कई ऑप्शन हैं।' पाक अगर सप्लाई चेन रोकता है तो अमेरिका किर्गिस्तान और रूस के जरिए कार्गों फ्लाइट्स से अपने सैनिकों को रसद पहुंचाएगा। बहुत मुमकिन है कि वो ईरान को पेमेंट कर उसके रास्तों का भी इस्तेमाल करे।
सख्त फैसले के मूड में अमेरिका
अमेरिका जानता है कि पाकिस्तान क्या कुछ कर सकता है। लेकिन, इस बार पेंटागन बहुत सख्त फैसले लेने के मूड में है। हालांकि, वो ये भी जानते है कि नई सप्लाई चेन बनाने पर कुछ ज्यादा पैसा खर्च करना पड़ेगा।