हाफिज सईद को मिली सजा: क्या सच में पाकिस्तान ने आतंक पर उठाया ये बड़ा कदम...
पाकिस्तान की लाहौर कोर्ट ने बुधवार को बड़ा फैसला सुनाते हुए टेरर फंडिंग के आरोपी हाफिज सईद को 5 साल की सजा सुना दी। ये फैसला एफएटीएल की बैठक से पहले आया है।
दिल्ली: आतंक के खिलाफ पाकिस्तान ने बड़ा फैसला लिया है। दरअसल, पाकिस्तान की कोर्ट ने हाफिज सईद को 5 साल की सजा सुना दी गयी है। बता दें कि ये सजा आतंकवादी हाफिज सईद पर आतंकी फंडिंग के मामले में सुनाई गयी है।
आतंक को लेकर पाकिस्तान पर लगातार विश्व के कई देशों से लगातार दबाव में था। लेकिन अब पाकिस्तान की लाहौर कोर्ट ने बुधवार को बड़ा फैसला सुनाते हुए टेरर फंडिंग के आरोपी हाफिज सईद को 5 साल की सजा सुना दी है। गौरतलब बात ये हैं कि पाकिस्तान की कोर्ट का ये फैसला एफएटीएफ की आगामी बैठक से पहले आई है। ऐसे में माना जा रहा है कि पाकिस्तान ने ये कदम काली सूची न जाने और विश्व के अन्य देशों के दबाव में उठाया है।
कोर्ट ने फैसला किया था सुरक्षित:
दरअसल, हाफिज के खिलाफ एटीसी ने छह फरवरी को फैसला सुरक्षित रख लिया था। सईद के खिलाफ आतंकी फंडिंग, मनी लॉन्ड्रिंग और अवैध कब्जे के कुल 29 मामले दर्ज हैं। शनिवार को अदालत को इन दो मामलों पर फैसला सुनाना था, लेकिन उसकी सुनवाई मंगलवार 11 फरवरी को करने का फैसला किया था। एटीसी का कहना था कि फैसला सुनाने से पहले वह सभी मामलों पर सुनवाई कर लेना चाहता है।
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कौन है हाफिज सईद:
हाफिज सईद भारत में 26/11 अटैक के मास्टरमाइंड है। हाफिज सईद के सहयोगियों हाफिज अब्दुल सलाम बिन मोहम्मद, मोहम्मद अशरफ और प्रोफेसर जफर इकबाल को भी आतंकवाद विरोधी कानून 1997 के तहत गिरफ्तार किया गया था।
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इस मामले में सरकार की तरफ से मुफ्ती अब्दुर रऊफ वाटो ने अपना पक्ष रखा और गवाहियां पेश कीं। उनके मुताबिक इस दौरान 23 गवाहों के बयान दर्ज किए गए। वाटो के मुताबिक हाफिज सईद आतंकवादियों के लिए चैरिटी के जरिये गैरकानूनी तरीके से फंड जमा करता रहा है।
एफएटीएफ से बचने का नया पैतरा:
माना जा रहा है कि पाकिस्तान ने आतंकवादियों को फंडिंग देने वाले संगठनों पर रोक लगाने में नाकाम रहने के आरोपों के मद्देनजर ये कार्रवाई तेज कर दी है। हाल ही में फाइनेंशियल एक्शन टास्कफोर्स (एफएटीएफ) ने पाकिस्तान को चेतावनी दी थी कि अगर पाकिस्तान आतंकी फंडिंग रोकने में कारगर नहीं हुआ तो उसे ग्रे लिस्ट से ब्लैक लिस्ट में दाल दिया जाएगा।