आर्टिकल 370 पर पाक के सुर बदले, कहा- इसे हटाने से नहीं, 35ए रद्द करने से परेशानी

कुरैशी ने एक इंटरव्यू में कहा है कि हमें कश्मीर में आर्टिकल 370 हटने से किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Published By :  Suman Mishra | Astrologer
Update:2021-05-08 11:51 IST

नई दिल्ली:  पाकिस्तान (Pakistan) में विपक्ष और मीडिया कश्मीर नीति पर इमरान सरकार( Imran Government)  को घेरने में जुटे हुए हैं। इस बीच पाकिस्तान के विदेश मंत्री (Foreign Minister)  शाह महमूद कुरैशी ( Shah Mehmood Qureshi) ने कश्मीर को लेकर एक महत्वपूर्ण बयान दिया है जिस पर हैरानी जताई जा रही है। कुरैशी ने एक इंटरव्यू में कहा है कि हमें कश्मीर में आर्टिकल 370 हटने से किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं है।

उन्होंने कहा कि हमें पहले भी इसे लेकर कोई परेशानी नहीं थी और अब भी नहीं है। हम इसे भारत का अंदरूनी मामला मानते हैं, लेकिन हमें धारा 35ए हटाने पर आपत्ति है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान सरकार इस बाबत पहले भी अपना नजरिया साफ कर चुकी है।

पाक की कश्मीर नीति में बड़ा यूटर्न

पाक विदेश मंत्री के इस बयान को देश की कश्मीर नीति में बड़ा यूटर्न माना जा रहा है क्योंकि कश्मीर में आर्टिकल 370 को हटाए जाने के बाद पाक प्रधानमंत्री इमरान खान खुद संयुक्त राष्ट्र संघ और दुनिया के अन्य मंचों पर इसे लेकर गंभीर आपत्ति जताते रहे हैं।

कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद उन्होंने इस पर कड़ा विरोध जताया था और कहा था कि पाकिस्तानी इसे मूकदर्शक बनकर नहीं देख सकता। अब पाक विदेश मंत्री ने पाकिस्तान की अभी तक की नीति के बिल्कुल विपरीत बयान दिया है। इसलिए इस बयान को लेकर काफी हैरानी जताई जा रही है।

सऊदी अरब के दबाव के संकेत

कुरैशी ने सऊदी अरब की यात्रा पर रवाना होने से ठीक पहले आर्टिकल 370 को लेकर यह महत्वपूर्ण बयान दिया है। पाकिस्तान की मीडिया में इस तरह की खबरें प्रकाशित हो रही हैं कि सऊदी अरब और यूएई ने कश्मीर विवाद का हल निकालने के लिए पाकिस्तान सरकार पर दबाव बढ़ा दिया है। ऐसे में कुछ लोगों का कहना है कि पाकिस्तान सरकार की ओर से दबाव में यह बयान दिया गया है।

भारत का अंदरूनी मामला बताया

सऊदी अरब की यात्रा पर रवाना होने से पहले पाक विदेश मंत्री ने एक इंटरव्यू में कहा कि हमारा मानना है कि आर्टिकल 370 को हटाना भारत का अंदरूनी मामला है और इसलिए इस मुद्दे पर वही जानें। उन्होंने कहा कि भारत के सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को लेकर सुनवाई भी चल रही है। कुरैशी ने कहा कि हमारी असली चिंता धारा 35ए को लेकर है क्योंकि इसके जरिए कश्मीर के भौगोलिक और आबादी के संतुलन को बदलने की कोशिश की जा रही है। हम आर्टिकल 370 को हटाने के मामले को ज्यादा महत्व नहीं देते।

फाइल फोटो( साभार- सोशल मीडिया)

सऊदी अरब से अच्छे रिश्ते का दावा

कुरैशी ने कहा कि यह कहना गलत है कि सऊदी अरब और पाकिस्तान के रिश्ते में खटास आ चुकी है। उन्होंने कहा कि एफएटीएफ में सऊदी अरब ने पाकिस्तान का समर्थन नहीं किया था, लेकिन अब यह बात पुरानी हो चुकी है। हमें पूरी उम्मीद है कि आगे हालात बदलेंगे। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने एफएटीएफ की सभी शर्तों को पूरा किया है और हमें आगे इस मामले में सऊदी अरब से पूरी मदद मिलने की उम्मीद है।

बैक चैनल डिप्लोमेसी नहीं

कुरैशी भारत और पाकिस्तान के बीच बैक चैनल डिप्लोमेसी के सवाल पर उलझ गए। पहले तो उन्होंने इसे बैक चैनल डिप्लोमेसी मानने से ही पूरी तरह इनकार कर दिया, लेकिन जब जब उनसे आईएसआई चीफ और रा चीफ की लंदन और दुबई में हुई मुलाकातों पर सवाल पूछा गया तो कुरैशी कोई जवाब नहीं दे सके। उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान के संबंधों को लेकर कई तरह की दिक्कतें हैं और हम हालात के बारे में आगाह करने और एक-दूसरे की शंकाओं का निवारण करने के लिए ही बीच-बीच में मुलाकात कर रहे हैं।

पाकिस्तान में इन दिनों विपक्ष ने इमरान सरकार की तगड़ी गहरे बंदी कर रखी है। विपक्षी पाकिस्तान सरकार की आर्थिक और कश्मीर संबंधी नीतियों को लेकर काफी हमलावर है। माना जा रहा है कि कुरैशी के आर्टिकल 370 के संबंध में दिए गए बयान के बाद विपक्ष इमरान सरकार पर और हमलावर हो जाएगा।

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