Pakistan: चुनाव हारे तो गहरे संकट में फंस जाएंगे इमरान खान, परवेज मुशर्रफ जैसी हो सकती है सजा
Pakistan News: पाकिस्तान की सियासत के जानकारों का मानना है कि यदि इमरान खान फिर सत्ता में आने में कामयाब नहीं हुए तो एकजुट विपक्ष उन्हें सजा दिलाने में कतई पीछे नहीं रहेगा।
Pakistan: पाकिस्तान में इमरान खान की सरकार के खिलाफ पेश अविश्वास प्रस्ताव को खारिज किए जाने और नेशनल एसेंबली भंग होने के बाद सियासी भूचाल आया हुआ है। देश में अब नए चुनाव का रास्ता खुल गया है और जल्दी ही नए चुनाव की उम्मीद जताई जा रही है। अविश्वास प्रस्ताव खारिज कराकर इमरान खान अपनी इज्जत बचाने में तो जरूर कामयाब हुए हैं मगर उनका यह सियासी दांव खुद उनके गले की फांस बन सकता है।
पाकिस्तान की सियासत के जानकारों का मानना है कि यदि इमरान खान फिर सत्ता में आने में कामयाब नहीं हुए तो एकजुट विपक्ष उन्हें सजा दिलाने में कतई पीछे नहीं रहेगा। विपक्ष की ओर से इमरान के खिलाफ पहले ही राजद्रोह का आरोप लगाया जा रहा है और ऐसे में विपक्षी दलों के चुनाव जीतने की स्थिति में उनके खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा चलना तय माना जा रहा है। पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ को भी ऐसी ही स्थितियों का सामना करना पड़ा था।
इमरान पर विपक्ष का बड़ा आरोप
नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव पेश होने के बाद इमरान खान विपक्ष के नेताओं को लगातार गद्दार बता रहे हैं। उनका कहना है कि विपक्षी दलों ने विदेशी ताकतों के साथ मिलकर उनके और पाकिस्तान के खिलाफ साजिश रची है। दूसरी ओर विपक्षी दलों का आरोप है कि इमरान खान ने अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग न कराकर संविधान का उल्लंघन किया है।
पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज के अध्यक्ष शहबाज शरीफ समेत अन्य विपक्षी देला नेता इमरान को देशद्रोही बता रहे हैं। ऐसे में यह तय माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में इमरान खान की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। हालांकि पूरा मामला अब सुप्रीम कोर्ट की दहलीज पर पहुंच चुका है और हर किसी को इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का बेसब्री से इंतजार है।
चुनाव में इमरान की राह आसान नहीं
पाकिस्तान के सियासी जानकारों का मानना है कि इमरान के भविष्य का फैसला चुनाव नतीजों से तय होगा। यदि इमरान खान की पार्टी पीटीआई अगले चुनाव में बहुमत हासिल करने में कामयाब नहीं हुई तो विपक्षी नेता उन्हें छोड़ने वाले नहीं हैं। विपक्षी दलों की ओर से इमरान पर खुलकर देशद्रोही होने का आरोप लगाया जा रहा है और यदि वे चुनाव नहीं जीते तो उन पर राजद्रोह का मुकदमा चलना तय माना जा रहा है।
इमरान ने नेशनल असेंबली के डिप्टी स्पीकर से अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कराने के बाद राष्ट्रपति आरिफ अल्वी के साथ मिलकर नेशनल असेंबली भंग करवा दी थी। अब देश में नए चुनाव का मार्ग प्रशस्त हो गया है और चुनाव के दौरान इमरान खान की राह आसान नहीं मानी जा रही है।
मुशर्रफ जैसा हो सकता है हश्र
पाकिस्तान की राजनीति को नजदीक से जानने वालों का मानना है कि चुनावी नतीजे पक्ष में न होने पर इमरान खान का भी हाल पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ जैसा ही हो सकता है। परवेज मुशर्रफ ने 1999 में तत्कालीन नवाज शरीफ सरकार का तख्तापलट करके शरीफ को जेल में डाल दिया था। इसके बाद मुशर्रफ 2008 तक पाक की हुकूमत चलाते रहे। बाद में विपक्ष का दबाव बढ़ने पर मुशर्रफ को देश में चुनाव कराने पड़े थे और इस चुनाव में पीपीपी को कामयाबी मिली थी।
बाद में 2013 के चुनाव में पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज को कामयाबी मिली और नवाज शरीफ एक बार फिर प्रधानमंत्री बने। नवाज शरीफ की सरकार ने मुशर्रफ के खिलाफ देशद्रोह का मामला चलाया था और इस मामले में मुशर्रफ को फांसी की सजा सुनाई गई।
मुशर्रफ इलाज कराने के बहाने 2016 में दुबई चले गए थे और तब से उन्होंने वहीं पर डेरा डाल रखा है। अब माना जा रहा है कि यदि इमरान भी चुनाव जीतने में कामयाब नहीं हुए तो उनका भी हश्र मुशर्रफ जैसा ही होगा क्योंकि विपक्ष की ओर से उनके खिलाफ भी देशद्रोह का मुकदमा चलाया जाना तय माना जा रहा है।