Pakistan News: आतंकी गुट के सामने झुका पाकिस्तान, तहरीक-ए-तालिबान के 36 आतंकी किये रिहा

Pakistan News: पाकिस्तान ने आतंकी ग्रुप तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के सामने सर झुकाते हुए इस गुट के 36 कैदियों को रिहा कर दिया है।

Written By :  Neel Mani Lal
Published By :  Deepak Kumar
Update:2022-02-20 20:51 IST

तहरीक ए तालिबान। (Social Media) 

Pakistan News: पाकिस्तान ने आतंकी ग्रुप तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (Terrorist group Tehreek-i-Taliban Pakistan) के सामने सर झुकाते हुए इस गुट के 36 कैदियों को रिहा कर दिया है। टीटीपी, अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच कबायली क्षेत्रों पर अधिक नियंत्रण के साथ-साथ अपने हिसाब से शरीयत लागू करने की मांग करते हुए शांति के लिए पाकिस्तान (Pakistan) के प्रस्ताव को लगातार खारिज करता आया है। टीटीपी कैदियों को रिहा करने का पाकिस्तान का हालिया कदम एक स्थायी युद्धविराम और एक शांति समझौते की ओर कदम बताया जा आरहा है।

टीटीपी (Terrorist group Tehreek-i-Taliban Pakistan) ने हाल के दिनों में आम नागरिकों की बजाये पाकिस्तानी सुरक्षा बलों पर अपने हमलों में काफी वृद्धि की हुई है। यह टीटीपी की रणनीति में एक बड़ा बदलाव है क्योंकि पहले ये गुट पाकिस्तान में नागरिकों सहित सॉफ्ट टारगेट को निशाना बनाया करता था। माना जाता है कि अफगानिस्तान (Afghanistan) के पक्तिया और खोस्त प्रांतों में कबायली जिरगाओं के प्रयासों के बाद हाल में शांति वार्ता फिर से शुरू हुई है।

दुर्दांत हक्कानी नेटवर्क (Durdant Haqqani Network) के नेता सिराजुद्दीन हक्कानी (Leader Sirajuddin Haqqani) ने भी पाकिस्तानी सरकार (Pakistan Government) और टीटीपी के बीच शांति स्थापित करने के प्रयासों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। सुरक्षा विश्लेषकों के अनुसार पाकिस्तान सरकार टीटीपी के साथ मध्यस्थता के लिए बुजुर्ग कबाइली नेताओं का इस्तेमाल कर रही है जबकि ज्यादातर कबाइली नेता टीटीपी के प्रति हमदर्दी रखते हैं। इन्हीं कबीलाई बुजुर्गों की सहानुभूति के चलते टीटीपी आदिवासी बेल्ट में अपने सेल संचालित करने में सक्षम है। अधिकांश कबाइली बुजुर्गों के मन में टीटीपी के हित सर्वोपरि बताये जाते हैं।

रक्षा विश्लेषक फरान जेफरी ने किया ट्वीट

रक्षा विश्लेषक फरान जेफरी (Defense Analyst Faran Jeffrey) ने ट्विटर पर लिखा है कि अफगान तालिबान की तरह, टीटीपी ने भी डूरंड रेखा के दोनों ओर के इन कबीलाई बुजुर्गों में से कई के साथ अच्छे संबंध बनाए रखे हैं। टीटीपी के साथ कबाइली संबंध और टीटीपी की विचारधारा के प्रति सहानुभूति यहां मौजूद है। यह अफगानिस्तान में उस प्रकरण की पुनरावृत्ति है, जहां आदिवासी बुजुर्गों ने आतंकियों के आत्मसमर्पण की सुविधा दी थी।

जेफरी का मानना है कि नागरिकों पर हमला नहीं करने और पाकिस्तान के सुरक्षा बलों पर हमलों पर ध्यान केंद्रित करने की टीटीपी की रणनीति ने उन्हें कई कबीलाई बुजुर्गों की सहानुभूति हासिल करने में मदद की है, जो खुद पाकिस्तान के सुरक्षा बलों के बारे में एक आदर्श राय नहीं रखते हैं।

क्या है टीटीपी

तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (Terrorist group Tehreek-i-Taliban Pakistan) या पाकिस्तानी तालिबान, एक पश्तून इस्लामी सशस्त्र छात्र संगठन है। ये अफगान-पाकिस्तान सीमा (Afghan-Pakistan Border) पर स्थित एक आतंकवादी समूह है। पाकिस्तान में अधिकांश तालिबान समूह टीटीपी के तहत एकजुट होते हैं। दिसंबर 2007 में बैतुल्लाह महसूद के नेतृत्व में लगभग 13 समूह टीटीपी बनाने के लिए एकजुट हुए थे। टीटीपी के घोषित उद्देश्यों में पाकिस्तानी राज्य के खिलाफ प्रतिरोध है। टीटीपी का उद्देश्य पाकिस्तान के सशस्त्र बलों और राज्य के खिलाफ आतंकवादी अभियान चलाकर पाकिस्तान की सरकार को उखाड़ फेंकना है। टीटीपी अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीमा पर कबायली पट्टी पर निर्भर है, जहां से वह अपने रंगरूटों को खींचता है। टीटीपी अल-कायदा से वैचारिक मार्गदर्शन प्राप्त करता है और उसके साथ संबंध बनाए रखता है; लेकिन अफगान तालिबान से एक अलग समूह है, और अक्सर इसका विरोध करता है।

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