Pakistan: पाक क्यों बने किसी का पायदान ?

Pakistan: यह सच है कि अमेरिका दुनिया के सभी देशों पर दबाव डाल रहा है कि वे रूस-विरोधी रवैया अपनाएं।

Written By :  Dr. Ved Pratap Vaidik
Published By :  Monika
Update:2022-04-03 09:15 IST

इमरान खान (फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

Pakistan PM Imran Khan: इमरान खान (Imran Khan) के इस दावे पर उनके विरोधी हंस रहे हैं कि अमेरिका उन्हें उनके प्रधानमंत्री पद से हटाने की कोशिश कर रहा है लेकिन यह सच है कि अमेरिका (America) दुनिया के सभी देशों पर दबाव डाल रहा है कि वे रूस-विरोधी रवैया अपनाएं। इसका सबसे पुख्ता प्रमाण तो अमेरिका के उप- राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार दलीप सिंह (Dalip Singh) की भारत-यात्रा है। भारतीय मूल के इस अधिकारी को दिल्ली क्यों भेजा गया है? इसीलिए कि वह भारत सरकार पर दबाव डाले यूक्रेन के मामले में! उसने कोई कसर नहीं छोड़ी।

उसने हमारे विदेश मंत्री जयशंकर को कह दिया कि यदि आप अमेरिका का समर्थन नहीं करेंगे तो उसके दुष्परिणाम होंगे। उसने यह डर भी दिखाया कि अगर चीन ने भारत पर हमला कर दिया तो रूस बचानेवाला नहीं है। जयशंकर को चाहिए था कि वे दलीपसिंह से पूछते कि क्या अमेरिका यूक्रेन को बचा रहा है? उसे अमेरिका ने पानी पर चढ़ाकर अकेले मरने को छोड़ रखा है। अमेरिका ने पाकिस्तान को अपना दुमछल्ला बनाकर कई दशकों तक अधर में लटकाए रखा। उसे सोवियत संघ और भारत के खिलाफ भड़काता रहा लेकिन क्या 1965, 1971 और कारगिल के युद्धों में उसने पाकिस्तान का साथ दिया? बिल्कुल नहीं। इसी बात को ध्यान में रखकर इमरान ने बिल्कुल ठीक कहा कि भारत की विदेश नीति एकदम सही रास्ते पर चल रही है और वे भी उसे स्वतंत्र रास्ते पर चलाना चाहते हैं। वे पाकिस्तान को किसी महाशक्ति का पायदान नहीं बनने देना चाहते हैं। उनके रूस जाने पर अमेरिका का भड़कना बिल्कुल अनुचित है। उनकी रूस-यात्रा यूक्रेन-विवाद के पहले ही तय हो चुकी थी।

भारतीय विदेश नीति की खुले-आम तारीफ

उन्होंने भी भारत की तरह न रूस का विरोध किया और न ही समर्थन ! इस रवैए से अमेरिका का नाराज़ होना स्वाभाविक है। इसीलिए वाशिंगटन स्थित पाकिस्तानी राजदूत को एक अमेरिकी अफसर ने काफी जोर से हड़काया। इस्लामाबाद में अमेरिकी राजदूत ने भी इमरान को कोई चिट्ठी लिखी है। अब इमरान कह रहे हैं कि वे अमेरिकी साजिश की तहत हटाए जा रहे हैं। इस कथन में ज्यादा दम नहीं है। उन्हें अपने दल की बगावत के कारण यह मुसीबत झेलनी पड़ रही है लेकिन पाकिस्तान के इतिहास की यह अविस्मरणीय घटना बन गई है कि उसके प्रधानमंत्री ने भारतीय विदेश नीति की खुले-आम तारीफ की है। इमरान का भविष्य चाहे जो भी हो, क्या इस घटना से पाकिस्तान कोई सबक लेगा या नहीं? भारत ने जहां अमेरिका के दबाव को रद्द किया है, वहीं उसने रूसी विदेश मंत्री सर्गेइ लावरोव को भी कह दिया है कि वह किसी भी राष्ट्र की संप्रभुता, स्वतंत्रता और क्षेत्रीय सुरक्षा को अक्षुण्ण मानता है। यदि पाकिस्तान भी शुरु से इसी नीति पर चलता तो दुनिया में उसकी इज्जत कहीं ज्यादा होती।

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