इमरान की हालत खराब: नहीं आ रही होगी नींद, कल होगा असेम्बली में इम्तिहान
Pakistan Prime Minister Imran Khan: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अपनी ओर से सत्ता बचाने की पूरी कोशिश में लगे हुए हैं।
Pakistan Prime Minister Imran Khan: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान कल यानी 3 अप्रैल को नेशनल असेम्बली में अविश्वास प्रस्ताव का सामना करेंगे। जिस तरह इमरान के सहयोगियों ने उनका साथ छोड़ दिया है उससे तो उनका जाना तय है।
इस बीच इमरान ने शनिवार को कहा कि उन्हें हटाने का कदम अमेरिका द्वारा शासन परिवर्तन का एक प्रयास है। इमरान खान ने विदेशी पत्रकारों के एक समूह से कहा कि, मुझे हटाने का कदम अमेरिका द्वारा घरेलू राजनीति में स्पष्ट हस्तक्षेप है। इमरान दावा करते रहे हैं कि उनके खिलाफ विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव उनकी स्वतंत्र विदेश नीति के कारण एक "विदेशी साजिश" का परिणाम था और उन्हें सत्ता से बेदखल करने के लिए विदेशों से धन का इस्तेमाल किया जा रहा था। इमरान खान ने कहा कि "निर्वाचित प्रधानमंत्री" को हटाने की कोई भी साजिश तब तक सफल नहीं हो सकती जब पूरा देश एक साथ खड़ा है।पाकिस्तान के पीएम ने कहा कि दो ताकतें देश को एक साथ रख रही हैं- पाकिस्तानी सेना और उनकी पार्टी पीटीआई। उन्होंने कहा, दो ताकतें हैं जो पाकिस्तान की रक्षा कर रही हैं: हमारी सेना, और पीटीआई क्योंकि हम आज सही अर्थों में एकमात्र 'राष्ट्रीय पार्टी' हैं। ये साजिश सेना और पीटीआई दोनों के खिलाफ निर्देशित है।
इमरान खान ने कहा कि देश को तय करना चाहिए कि अच्छे पक्ष के साथ खड़ा होना चाहिए या बुरा, देश के लोगों से कल सड़कों पर उतरने का आग्रह करना चाहिए और भ्रष्ट गद्दारों को "आपका भविष्य हड़पने" नहीं देना चाहिए।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अपनी ओर से सत्ता बचाने की पूरी कोशिश में लगे हुए हैं। वे पाकिस्तान की जनता के सामने अपनी सफाई देने और विरोधियों को नीचा दिखाने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं।
इमरान खान ने कहा कि हमने अमेरिका का हमेशा साथ दिया। लेकिन उसने पाकिस्तान पर प्रतिबंध लगाए। 9/11 को अमेरिका में हुए हमले में कोई पाकिस्तानी नहीं था। मुशर्रफ का अमेरिका का हिमायती बनना सबसे बड़ी गलती थी। इमरान खान ने कहा, ''22 करोड़ की जनता के सामने कोई बाहरी मुल्क आएगा और कहेगा कि मुझे आपकी विदेश नीति पसंद नहीं है क्योंकि आप रूस चले गए थे। वो ऐसा कहना चाहते हैं मानो हम उनके नौकर हों। वो चाहते हैं कि इमरान को चले जाना चाहिए लेकिन उनके (विपक्ष) के आने से कोई दिक्कत नहीं होगी। दागी नेता अमेरिका की मदद से सत्ता हासिल करना चाहते हैं।