पाकिस्तान भिखारियों का अड्डा: नौकरी है भीख मांगना, शहर में आए हजारों मंगते

विदेशी कर्ज के बोझ तले लगातार पाकिस्तान दबता जा रहा है। ऐसे में अब ये खबर आई है कि लोग पेशे का नया रूप सामने लाए हैं। ये नया पेशा भीख मंगने का है। पाकिस्तान की रावलपिंडी में पुलिस इन दिनों पेशेवर भिखारियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियानों मेें तेजी लाई है।

Update: 2021-03-05 10:23 GMT
एंटी बैगिंग स्क्वैड सिटी ट्रैफिक पुलिस के इंचार्ज ने लोगों से अनुरोध करते हुए कहा है कि वे पेशेवर भिखारियों को हतोत्साहित करने में अपनी भूमिका निभाएं।

नई दिल्ली: पाकिस्तान की खस्ता-हाल आर्थिक स्थिति से कोई भी अनभिज्ञ नहीं है। विदेशी कर्ज के बोझ तले लगातार पाकिस्तान दबता जा रहा है। ऐसे में अब ये खबर आई है कि लोग पेशे का नया रूप सामने लाए हैं। ये नया पेशा भीख मंगने का है। पाकिस्तान की रावलपिंडी में पुलिस इन दिनों पेशेवर भिखारियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियानों मेें तेजी लाई है। जिसकी वजह से सिर्फ फरवरी में ही 1269 भिखारियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।

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कई पेशेवर भिखारी

ऐसे में एंटी बैगिंग स्क्वैड सिटी ट्रैफिक पुलिस के इंचार्ज ने लोगों से अनुरोध करते हुए कहा है कि वे पेशेवर भिखारियों को हतोत्साहित करने में अपनी भूमिका निभाएं। इस बारे में इंचार्ज ने बताया कि सीटीपी ने अलग-अलग इलाकों से भिखारियों को गिरफ्तार किया है और शहर के विभिन्न पुलिस स्टेशनों में इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।

फोटो-सोशल मीडिया

इस मामले में पुलिस अधिकारी ने कहा कि वह शहर की सड़कों पर भीख मांगने वाले इस पेशे को खत्म करना चाहते हैं और कई पेशेवर भिखारियों को पकड़ा भी गया है, जो जेल के भीतर हैं।

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जितने भी भिखाड़ी गिरफ्तार

साथ ही स्क्वैड के प्रमुख ने बताया कि जितने भी भिखाड़ी गिरफ्तार किए गए हैं, उनमें से लगभग 80 प्रतिशत पेशेवर भिखारी हैं। मतलब वो लोग जो भीख किसी मजबूरी में नहीं, बल्कि पेशे के तौर पर मांग रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘शहर की सड़कों पर भीख मांगने वाले जिन भिखारियों को पकड़ा गया है, उनमें से 60 प्रतिशत स्वस्थ और फिट हैं। वहीं केवल 20 प्रतिशत ही विकलांग हैं और 20 प्रतिशत को ड्रग्स की लत है।’ वह कहते हैं कि रावलपिंडी में अधिकतर भिखारी उत्तरी पंजाब, खैबर पख्तूनख्वा, सिंध और अन्य दूर दराज के इलाकों से आए हैं. जो कॉन्ट्रैक्टर्स के जरिए अपना काम करते हैं।

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