इजराइल की एयरस्ट्राइक: बर्बाद फिलिस्तीन ने अमेरिका से लगाई गुहार, तीसरे देश की मध्यस्थता को तैयार
फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने अमेरिका से गुहार लगाई है कि वह इजराइल को हमला करने से रोके।
नई दिल्ली: इजराइल (Israel) और हमास (Hamas) के बीच चल रही भीषण जंग में इजराइली डिफेंस फोर्स (आईडीएफ) की गाजा टॉवर (Gaza Tower) पर हुई बड़ी कार्रवाई के बीच खबर मिल रही है कि फिलीस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास (palestine President Mahmoud Abbas) ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (US President Joe Biden) से फोन पर बात की है। उन्होंने अमेरिका से गुहार लगाई है कि वह इजराइल को हमला करने से रोके। फिलिस्तीन ने मामले में तीसरे देश की मध्यस्थता की पेशकश की है।
फिलिस्तीन की समाचार एजेंसी वाफा ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ टेलीफोन बातचीत की खबर जारी की है। इसके अनुसार फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास और जो बाइडन के बीच हुई बातचीत में फिलिस्तीन ने अमेरिका से हस्तक्षेप की गुहार लगाई है। फिलिस्तीन राष्ट्रपति ने कहा कि उनके देश के नागरिक शांति चाहते हैं। इजराइल को हमला करने से अमेरिका रोके और अपनी शक्ति का प्रयोग करे। उन्होंने इजराइल व फिलिस्तीन के बीच जारी विवाद को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुलझाने की पेशकश की और कहा कि वह किसी भी तीसरे देश की मध्यस्थता स्वीकार करने के लिए तैयार हैं।
दूसरी ओर इजराइल ने फिलिस्तीन के 12 मंजिला अपार्टमेंट गाजा टावर को तबाह कर दिया है। इजरायली सेना ने जिस गाजा टावर को निशाना बनाया है वहां एसोसिएट प्रेस (एपी) और अलजजीरा समेत कई प्रमुख समाचार समूहों के दफ्तर थे।
इजरायली डिफेंस फोर्स ने हमला करने से पहले इस टावर को खाली करने के संबंध में एक अनाउंसमेंट किया और एक घंटे बाद बमबारी शुरू कर दी। इजराइली बमबारी में कुछ ही सेकंड में 12 मंजिला यह टावर पूरी तरह तबाह हो गया।
मीडिया पर हमले के आरोप पर सफाई
इजराइल की इस बड़ी कार्रवाई के बाद उस पर मीडिया पर हमले का आरोप लगाया जा रहा है। हालांकि आईडीएफ की ओर से इस बाबत सफाई भी दी गई है। आईडीएफ का कहना है कि हमारे लड़ाकू विमानों ने जिस गाजा टावर को मार गिराया है उसमें हमास की पॉलिटिकल विंग का भी दफ्तर था। इजराइल ने आरोप लगाया है कि हमास प्रेस और मीडिया हाउसों को कवच की तरह इस्तेमाल करने की कोशिश में जुटा हुआ था।
आईडीएफ का यह भी कहना है कि गाजा टावर पर हमले से पहले बिल्डिंग खाली करने के लिए पर्याप्त समय दिया गया था। इसलिए इसराइल पर दोषारोपण करना पूरी तरह गलत है।
जंग में फिलिस्तीन को ज्यादा नुकसान
इजरायल और हमास के बीच चल रहे भीषण संघर्ष में अब तक 126 लोग मारे जा चुके हैं। मरने वालों में 31 बच्चे भी शामिल हैं। दोनों ओर से किए जा रहे हमले में 950 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। अभी तक की जंग में इजरायल की अपेक्षा फिलिस्तीन को ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा है। मरने वालों में इजराइल के नौ लोग शामिल हैं जबकि बाकी सभी फिलिस्तीन हैं।
अधिकांश राकेट को हवा में मार गिराया
इजराइल की ओर से जारी बयान में यह भी बताया गया है कि शुक्रवार की रात से शनिवार सुबह तक हमास की ओर से लगातार इसराइल पर रॉकेट से हमला किया गया। इजराइल के मुताबिक गाजा पट्टी से 200 से अधिक राकेट इजराइल पर दागे गए। इजराइल का कहना है कि इनमें से सौ से ज्यादा रॉकेट को हवा में ही मार गिराया गया क्योंकि इनसे इजरायल की आबादी वाले इलाकों में बड़ा नुकसान होने की आशंका थी।
इजराइल के मुताबिक हमास की ओर से दागे गए रॉकेट में से 30 मिसफायर होकर गाजा पट्टी में ही गिर गए। सीरिया की ओर से भी इसराइल पर तीन राकेट दागे गए। अब तक हमास की ओर से इसराइल पर 2000 से अधिक रॉकेट दागे जा चुके हैं।
जंग के बाद कई शहरों में भड़के दंगे
इजरायल और फिलिस्तीन के बीच शुरू हुई जंग के बाद दोनों देशों के कई शहरों में दंगे भड़क गए हैं। फिलिस्तीन की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार पिछले एक दिन के दौरान दंगे की घटनाओं में 9 लोग मारे गए हैं।
इजराइल का भी कहना है कि गाजा के बाद अब वेस्ट बैंक की तरफ से इजराइल में पथराव और बम फेंके जाने की घटनाएं हो रही हैं। दंगे की सबसे ज्यादा घटनाएं यरूशलम, लॉड, हाइफा और सखनिन शहर में हो रही हैं। लॉड में तो हालात इतने ज्यादा खराब हो चुके हैं कि वहां इमरजेंसी घोषित की गई है।
सुरक्षा परिषद की बैठक में होगी चर्चा
इस बीच संयुक्त राष्ट्र ने भी इजराइल और फिलिस्तीन के मुद्दे पर चिंता जताई है। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने बताया कि रविवार को सुरक्षा परिषद की बैठक में इस मुद्दे पर गहराई से विचार किया जाएगा। उन्होंने दुनिया के बड़े देशों की इस मुद्दे पर खामोशी पर दुख जताया।
सुरक्षा परिषद की बैठक पहले गुरुवार को होने वाली थी मगर अमेरिका ने आपत्ति जताते हुए इस बैठक को रोक दिया था। फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने मौजूदा घटनाक्रम पर दुख जताते हुए संयुक्त राष्ट्र से इस मामले में दखल देने की मांग की है। हालांकि इस बैठक को लेकर भी कोई विशेष उम्मीदें नहीं दिख रही है क्योंकि अमेरिका की ओर से खुलकर इजराइल का समर्थन किया जा रहा है।