समाप्त हो प्रौद्योगिकी एकाधिकार, जी-7 सम्मेलन में मोदी बोले- भारत को 2047 तक विकसित बनाना हमारा संकल्प
PM Modi Italy: पीएम मोदी ने शुक्रवार को अपुलिया में आयोजित जी-7 सम्मेलन के आउटरीज सत्र को संबोधित किया। मोदी ने कहा कि ग्लोबल साउथ के देश दुनियाभर में अनिश्चितताओं और तनावों का खामियाजा भुगत रहे हैं।
PM Modi Italy: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इटली की अपनी एक दिवसीय यात्रा के दौरान अपुलिया में आयोजित जी-7 सम्मेलन में शामिल हुए और उन्होंने यहां पर आउटरीज सत्र में भाग लेते हुए वैश्विक मंच पर भारत के विजिन को आगे रखा। पीएम मोदी ने कहा कि प्रौद्योगिकी में एकाधिकार को खत्म करने का समय आ गया है। समावेशी समाज की नींव रखने के लिए इसको रचनात्मक बनाए जाना चाहिए। भारत के संदर्भ में वैश्विक मंच से पीएम मोदी ने कहा कि 2047 तक भारत को विकसित बनाना हमारा संकल्प है। यह हमारी प्रतिबद्धता है कि समाज का कोई भी वर्ग पीछे नहीं छुटे।
अनिश्चितताओं से ग्लोबल साउथ के देश भुगत रहे खामियाजा
पीएम मोदी ने शुक्रवार को अपुलिया में आयोजित जी-7 सम्मेलन के आउटरीज सत्र को संबोधित किया। मोदी ने कहा कि ग्लोबल साउथ के देश दुनियाभर में अनिश्चितताओं और तनावों का खामियाजा भुगत रहे हैं। भारत ने ग्लोबल साउथ के देशों की प्राथमिकताओं और चिंताओं को विश्व मंच पर रखना अपनी जिम्मेदारी समझी है। इन प्रयासों में हमने अफ्रीका को उच्च प्राथमिकता दी है। हमें गर्व है कि भारत की अध्यक्षता में जी-20 ने अफ्रीकी यूनियन को स्थायी सदस्य बनाया। भारत अफ्रीका के सभी देशों के आर्थिक एवं सामाजिक विकास, स्थिरता व सुरक्षा में योगदान देता रहा है और भविष्य में भी ऐसा करता रहेगा।
मोदी ने दिया एआई तकनीक पर जोर
वैश्विक मंच से पीएम मोदी ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) पर विशेष जोर देते हुए प्रौद्योगिकी में एकाधिकार समाप्त करने के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी को रचनात्मक बनाना चाहिए, विनाशकारी नहीं। तभी हम समावेशी समाज की नींव रख पाएंगे। भारत इस मानव-केंद्रित दृष्टिकोण से बेहतर भविष्य के लिए प्रयास कर रहा है। भारत एआइ पर राष्ट्रीय रणनीति तैयार करने वाले पहले कुछ देशों में से एक है। इस रणनीति के आधार पर हमने इस वर्ष एआइ मिशन शुरू किया है। इसका मूल मंत्र एआइ फार आल है। एआइ के लिए वैश्विक साझेदारी के संस्थापक सदस्य और नेतृत्वकर्ता के रूप में हम सभी देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा दे रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले वर्ष भारत द्वारा आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन में एआइ के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय शासन के महत्व पर जोर दिया था। उन्होंने कहा, ''भविष्य में भी हम एआइ को पारदर्शी, निष्पक्ष, सुरक्षित, सुलभ और जिम्मेदार बनाने के लिए सभी देशों के साथ मिलकर काम करना जारी रखेंगे।
नेट जीरो के लक्ष्य को पाने के लिए हो रहा प्रयास
पीएम मोदी ने ऊर्जा के क्षेत्र में भारत के दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि ऊर्जा के क्षेत्र में भारत का दृष्टिकोण भी चार सिद्धांतों पर आधारित है। इसमें उपलब्धता, पहुंच, किफायत और स्वीकार्यता शामिल है। उन्होंने कहा कि हम 2070 तक नेट जीरो के लक्ष्य को प्राप्त करने की अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। हमें आने वाले समय को हरित युग बनाने के लिए सभी को मिलकर प्रयास करना की जरूरत है और करना भी चाहिए।