PM Modi Dubai Visit: दो दिवसीय दुबई दौरे पर आज रवाना होंगे पीएम मोदी, क्लाइमेट समिट में लेंगे हिस्सा

PM Modi Dubai Visit: पीएम मोदी के दौरे से पहले यूएई में भारत के राजदूत संजय सुधीर ने कहा कि भारत ने जलवायू परिवर्तन पर जो कुछ भी कहा, वह करके दिखाया है।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update:2023-11-30 08:41 IST

PM Modi Dubai Visit  (photo: social media )

PM Modi Dubai Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यानी गुरूवार 30 नवंबर को दो दिवसीय संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के दौरे पर रवाना होंगे। यहां दुबई में आयोजित विश्व जलवायु कार्रवाई शिखर सम्मेलन कॉप-28 में वो हिस्सा लेंगे। यूएई के राष्ट्रपति और अबुधाबी के शासक शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान के आमंत्रण पर पीएम मोदी आज और कल यानी 30 नवंबर और एक दिसंबर को दुबई में रहेंगे। इस दौरान प्रधानमंत्री कुछ नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठक भी करेंगे।

पीएम मोदी के दौरे से पहले यूएई में भारत के राजदूत संजय सुधीर ने कहा कि भारत ने जलवायू परिवर्तन पर जो कुछ भी कहा, वह करके दिखाया है। हर कोई इस मुद्दे पर पीएम मोदी का दृष्टिकोण जानने के लिए उनका बेसब्री से इंतजार कर रहा है। उन्होंने कहा कि कॉप-28 शिखर सम्मेलन को भारत अहम मानता है। पीएम मोदी का यहां आना दिखाता है कि यह आयोजन कितना बड़ा है।

संजय सुधीर ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर पीएम मोदी के विजन के तहत भारत ने नेतृत्वकारी भूमिका निभाई है। भारत में दुनिया की आबादी का छठा हिस्सा रहता है, जिसकी अपनी चुनौतियां हैं। मगर इसके बावजूद भारत ने अंतरराष्ट्रीय सौर ऊर्जा गठबंधन पहल शुरू की है। इसके अलावा तमाम ऐसे कदम उठाए, जो भारत को जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर उसकी गंभीरता को दर्शाते हैं।

कब तक चलेगी कॉप-28 समिट

कॉप-28 क्लाइमेट समिट 12 दिसंबर तक चलेगी। इसमें पोप, किंग चार्ल्स समेत दुनियाभर के 167 नेता जलवायु परिवर्तन और इसके समाधान के मुद्दे पर चर्चा करेंगे। बैठक में क्लाइमेट फाइनेंस यानी क्लाइमेट चेंज से निपटने के लिए आर्थिक मदद देने पर भी चर्चा होगी। दरअसल, कॉप-27 की बैठक में जलवायु परिवर्तन के लिए जिम्मेदार अमीर देशों को गरीब और विकासशील देशों में होने वाले कार्बन उत्सर्जन में कटौती की जा सके, इसके लिए फंड बनाने को कहा गया था। कॉप-28 की बैठक में तय किया जाएगा कि किस देश को कितना मुआवजा और किस आधार पर मिलेगा। कौन-कौन से देश मुआवजा देंगे इस पर भी फैसला होगा।

बता दें कि कॉप-28 क्लाइमेट समिट का आयोजन इस बार एक ऐसे देश में हो रहा है, जो दुनिया में जीवाश्म ईंधन (पेट्रोलियम) के सबसे बड़े उत्पादकों में से है। यूएई की अर्थव्यवस्था उसके विशाल तेल भंडार पर टिकी हुई है। जिसे दुनिया में प्रदूषण के लिए एक बड़ी वजह माना जाता है। यूएई के राष्ट्रपति अल नाहयान पर समिट से इतर बिजनेस डील करने के आरोप भी लग रहे हैं।

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