UN Meeting: मोदी, पुतिन और जिनपिंग नहीं शामिल होंगे यूएन बैठक में, सुरक्षा परिषद विस्तार पर रहेगी निगाह

UN Meeting: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन इसमें शामिल होंगे और देखना यह है कि क्या वह सुरक्षा परिषद में सुधारों के मसला उठाते हैं। अमेरिका ने भारत को सुरक्षा परिषद में शामिल किए जाने का समर्थन किया हुआ है।

Written By :  Neel Mani Lal
Update:2023-09-16 13:30 IST

UN Meeting (फोटो: सोशल  मीडिया )

UN Meeting: संयुक्त राष्ट्र महासभा के 78वां स्तर 18 सितंबर को शुरू हो रहा है। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रूसी राष्ट्रपति पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग इस सत्र में शामिल नहीं होंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन इसमें शामिल होंगे और देखना यह है कि क्या वह सुरक्षा परिषद में सुधारों के मसला उठाते हैं। अमेरिका ने भारत को सुरक्षा परिषद में शामिल किए जाने का समर्थन किया हुआ है।

आगामी सत्र में दो मुख्य मुद्दे चर्चा का विषय होंगे : यूक्रेन में चल रहा संघर्ष और ग्लोबल साउथ से संबंधित मुद्दे। ऐसा इसलिए है क्योंकि कई देशों का एक वर्ग यूक्रेन में संघर्ष को अपनी चिंताओं पर हावी पाता है।

यूक्रेन और रूस

यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की व्यक्तिगत रूप से न्यूयॉर्क में होने वाली बैठक में उपस्थित होंगे और 19 सितंबर को महासभा और 20 सितंबर को सुरक्षा परिषद को संबोधित करेंगे। उन्होंने पिछले सितंबर में वीडियो लिंक के माध्यम से अपने साथी नेताओं से बात की थी।रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव उसी सत्र में भाग लेंगे, लेकिन दोनों के एक-दूसरे के आमने-सामने होने की संभावना कम है, क्योंकि जब सर्गेई बोलेंगे तो वे बाहरी कक्ष में रहेंगे।

एस जयशंकर जाएंगे

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर 26 सितंबर को सत्र में भाग लेंगे। रूस का प्रतिनिधित्व लावरोव करेंगे, जबकि चीन की ओर से उपराष्ट्रपति हान झेंग भाग लेंगे। समझा जाता है कि यूक्रेन और रूस, सत्र के दौरान सबसे अधिक बहस और चर्चा वाले मुद्दों में से एक होंगे। इसके अलावा संभवतः भारतीय उपमहाद्वीप के देश अन्य अंतरराष्ट्रीय संकटों और चुनौतियों को उजागर करने का प्रयास करेंगे जिसमें ग्लोबल साउथ की चिंताएं शामिल होंगी।

उल्लेखनीय है कि 2022 के संयुक्तराष्ट्र महासभा सत्र में रूस-यूक्रेन संघर्ष हावी रहा था। इस बार ग्लोबल साउथ के राजनयिक उम्मीद कर रहे हैं कि उनकी चिंता के मुद्दों को भी महत्व दिया जाएगा।

यूक्रेन संघर्ष और सतत विकास लक्ष्य

इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र द्वारा सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी), जिसमें अत्यधिक गरीबी को समाप्त करना और पर्यावरण की सुरक्षा करना शामिल है, को महत्व दिया जा सकता है। यूक्रेन में संघर्ष और महामारी सतत विकास लक्ष्य के लिए एक झटका है। महासभा के अध्यक्ष, त्रिनिदाद और टोबैगो के डेनिस फ्रांसिस 18 और 19 सितंबर को एसडीजी की दिशा में त्वरित प्रगति हासिल करने के लिए एक विशेष शिखर सम्मेलन बुलाएंगे।

सुरक्षा परिषद सुधारों पर बात

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन 19 सितंबर को उच्च स्तरीय सत्र के शुरुआती वक्ताओं में से एक होंगे। देखना होगा कि क्या बिडेन संयुक्तराष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार के बारे में बात करते हैं और परिषद में भारत की स्थायी सीट का मुद्दा उठाते हैं। उन्होंने जी 20 शिखर सम्मेलन में इस बारे में पीएम मोदी को आश्वासन दिया था।

जिन सत्रों को यूक्रेनी राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की संबोधित करेंगे और भाग लेंगे, उसमें काला सागर अनाज पहल भी चर्चा का एक प्रमुख बिंदु होगी। नवंबर में दुबई में होने वाले कॉप 28 शिखर सम्मेलन से पहले जलवायु परिवर्तन पर भी एक सत्र होने की भी संभावना है।

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