इंतजार की घड़ी खत्म! कुछ देर बाद करतापुर कॉरिडोर का उद्घाटन करेंगे पीएम मोदी

करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन से पहले 2200 सिख श्रद्धालुओं का जत्था पाकिस्तान के पंजाब प्रांत पहुंच चुका है। पाकिस्तान के गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब के लिए शनिवार को जब भारत से श्रद्धालुओं का पहला जत्था रवाना होगा, तो 72 सालों से की जा रही सिखों की अरदास पूरी हो जाएगी।

Update:2019-11-09 09:07 IST

जयपुर: करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन से पहले 2200 सिख श्रद्धालुओं का जत्था पाकिस्तान के पंजाब प्रांत पहुंच चुका है। पाकिस्तान के गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब के लिए शनिवार को जब भारत से श्रद्धालुओं का पहला जत्था रवाना होगा, तो 72 सालों से की जा रही सिखों की अरदास पूरी हो जाएगी।

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सालों बाद श्री गुरु नानक देव जी से जुड़े गुरुधाम के दर्शन करेंगे। जो नानकदेव के 550वें प्रकाश पर्व पर पूरी हो रही है। पीएम नरेंद्र मोदी शनिवार को गुरदासपुर में बनाए गए कॉरिडोर के पैसेंजर टर्मिनल का उद्घाटन कर ऐतिहासिक पल के गवाह बनेंगे। पिछले 72 सालों से सिख श्रद्धालु दूरबीन से करतारपुर साहिब के दर्शन कर रहे थे, लेकिन अब वे कॉरिडोर के माध्यम से गुरुद्वारा साहिब जाकर वहां सर झुका सकते हैं। भारत-पाक बंटवारे के बाद श्री ननकाना साहिब, श्री पंजा साहिब और श्री करतारपुर साहिब जैसे कई गुरुद्वारे पाकिस्तान में है। जिनके दर्शन अबतक संभव नहीं थें।

कार्यक्रम

सुबह नौ बजे पीएम मोदी सुल्तानपुर लोधी स्थित गुरुद्वारा श्री बेर साहिब में नतमस्तक होंगे।11 बजे डेरा बाबा नानक में पैसेंजर टर्मिनल का उद्घाटन करेंगे। 11.30 बजे बीएसएफ के मुख्यालय शिकार माछिया में संगत को संबोधित करेंगे।12 बजे पहले जत्थे को श्री करतारपुर साहिब के लिए रवाना करेंगे। इसके बाद वे दिल्ली लौट जाएंगे।

 

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इससे दुखी सिख संप्रदाय सुबह-शाम की अरदास में इन पंक्तियों को जोड़ा- 'श्री ननकाना साहिब ते होर गुरुद्वारेयां, गुरुधामां दे, जिनां तों पंथ नूं विछोडय़ा गया है, खुले दर्शन दीदार ते सेवा संभाल दा दान खालसा जी नूं बख्शो।' इसका मतलब है- श्री ननकाना साहिब और बाकी गुरुद्वारे या गुरुधाम जो बंटवारे के चलते पाकिस्तान में है, उनके खुले दर्शन सिख कर सकें, यह प्रार्थना है। हर साल केवल तीन-चार मौकों पर ही दो-चार हजार लोगों को पाकिस्‍तान जाने की इजाजत थी।

आज भले ही करतारपुर साहिब के दर्शन की इजाजत मिल गई है, लेकिन सिख सम्प्रदाय का कहना हा कि ये अरदास ऐसी ही होता रहेगा।इसमें कोई बदलाव नहीं होगा। क्योंकि आज भी बहुत से धार्मिक स्थान पाकिस्तान में हैं, जिनके दर्शन दुर्लभ है।

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पहले पाकिस्तान ने निशुल्क दर्शन की बात की थी अब पहले जत्थे व प्रकाश पर्व में आए श्रद्धालुओं से 20 डॉलर फीस लिया जाएगा।साथ ही अब, पाक सेना पासपोर्ट को अनिवार्य बता रही है जबकि इमरान सरकार ने इसे जरूरी नहीं बताया था।

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