Japan Political Assassinations: जापान में खूब हुई है राजनीतिक हत्याएं

Japan Political Assassinations: जापान की छवि एक ऐसे देश की बनी हुई है जहां हमेशा अमन चैन और सुकून का माहौल रहता है। लेकिन आज तक जापान में कई राजनीतिक हत्याएं हो चुकी हैं।

Written By :  Neel Mani Lal
Update:2022-07-08 23:00 IST

जापान में खूब हुईं हैं राजनीतिक हत्याएं। (Social Media)

Japan Political Assassinations: जापान की छवि एक ऐसे देश की बनी हुई है जहां हमेशा अमन चैन और सुकून का माहौल रहता है। लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की हत्या (Former Japan PM Shinzo Abe assassinated) ने राजनीतिक हिंसा से मुक्त एक शांतिपूर्ण देश के रूप में जापान की धारणा को तोड़ दिया है। सच्चाई ये भी है कि जापान में राजनीतिक हिंसा भले ही असामान्य हो लेकिन इस देश के लिए पूरी तरह से अनसुनी चीज नहीं है।

शिंजो आबे(Former Prime Minister Shinzo Abe) दरअसल छठे जापानी प्रधानमंत्री हैं जो राजनीतिक रूप से प्रेरित हत्या का शिकार हुए हैं। 1885 में अपने पहले प्रधानमंत्री के बाद से जापान के 64 नेताओं में से, 9 प्रतिशत मारे गए हैं। हालांकि इनमें से कई की हत्या अंतर-युद्ध काल में हुई जब सेना अपनी शक्ति को मजबूत करने के लिए संघर्ष कर रही थी। जापान में राजनीतिक हिंसा के ज्यादातर कांड दक्षिणपंथी चरमपंथियों द्वारा उन लिगों को टारगेट करके किये गए हैं जिनसे वे असहमति रखते थे।

राजनीति से प्रेरित हिंसा

किसी जापानी प्रधानमंत्री की हत्या का आखिरी वाकया 1931 में हुआ था, जब 76 वर्षीय त्सुयोशी इनुकाई (Tsuyoshi Inukai) को उनके टोक्यो निवास में नौसेना के ग्यारह जूनियर अधिकारियों ने गोली मार दी थी। इस हत्या के बाद जापान में सैन्य - साम्राज्य सरकार ने सत्ता संभाली और इसका अंजाम जापान के लिए विनाशकारी द्वितीय विश्व युद्ध के रूप में सामने आया। वैसे, जापान में सेना के कार्यपालिका पर अपना नियंत्रण स्थापित करने से पूर्व के काल में नेताओं की हत्या अपेक्षाकृत आम बात थी।

पहले देश के पहले प्रधानमंत्री, हिरोबुमी इतो, को 1909 में एक कोरियाई राष्ट्रवादी द्वारा गोली मार दी गई थी। उसके बाद 1921 और 1932 में प्रधानमंत्री रहे ताकाहाशी कोरेकियो की सैन्य खर्च में कटौती के बाद 1936 में सेना द्वारा हत्या कर दी गई थी।

1918 से 1921 तक प्रधानमंत्री रहे ताकाशी हारा की दक्षिणपंथी चरमपंथियों ने चाकू मारकर हत्या कर दी थी। 1929 से 1931 तक प्रधानमंत्री रहे ओसाची हमागुची की हत्या एक दक्षिणपंथी चरमपंथी ने गोली मारकर की थी।

  • जापान की राजनीतिक हिंसा का एक अजीब कांड 1970 में हुआ था।अंतरराष्ट्रीय स्तर के प्रसिद्ध लेखक युकिओ मिशिमा ने देश में तख्तापलट करना चाहा और मध्य टोक्यो में एक सैन्य अड्डे में प्रवेश करके उसके कमांडेंट को बंधक बना लिया। युकिओ मिशिमा जापानी सम्राट के नाम पर एक सैन्य विद्रोह को प्रेरित करके जापान के 1947 के संविधान को खत्म करना चाहते थे। उन्होंने सैन्य अड्डे के बाहर इकट्ठे सैनिकों से विद्रोह की अपील की। जब मिशिमा को यह साफ हो गया कि सैनिकों को उससे जुड़ने में कोई दिलचस्पी नहीं है, तो उसने आत्महत्या कर ली।
  • इसके भी एक दशक पहले, एक प्रमुख जापानी समाजवादी नेता इनेजिरो असानुमा को एक टेलीविजन बहस के दौरान एक युवक ने पारंपरिक जापानी छोटी तलवार घोंप दी थी। टीवी पर प्रसारित हो रहे कार्यक्रम में लाखों दर्शकों के लिए इस हिंसक हत्या को देखा। इस घटना से पूरे देश में सदमा और आक्रोश फैल गया था। बताया गया कि हमलावर एक 17 वर्षीय युवक था जिसे इनेजिरो असानुमा के विचार पसंद नहीं थे।
  • 2007 में नागासाकी के मेयर इचो इतोह की एक संगठित आपराधिक गिरोह के एक सदस्य ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। आपराधिक गिरोहों को हाल के दशकों में अन्य हमलों के लिए भी जिम्मेदार माना गया है। एक छोटे से शहर, मिटेक के मुखर मेयर योशीरो यानागावा पर 1996 में घर पर जानलेवा हमला किया गया था।
  • 2006 में लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता कोइची काटो के घर को एक दक्षिणपंथी चरमपंथी द्वारा आग के हवाले कर दिया गया था। ये कांड इसलिए किया गया क्योंकि काटो ने सेना से जुड़े एक विवादास्पद मंदिर में जाने के लिए प्रधानमंत्री की आलोचना की थी।
  • 1990 में नागासाकी के मेयर हितोशी मोटोशिमा को एक दक्षिणपंथी ने गोली मार दी थी। मेयर हितोशी ने इसके पहले सार्वजनिक रूप से कहा था कि द्वितीय विश्व युद्ध के फैलने की जिम्मेदारी सम्राट ने ली थी।
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