बड़ा खुलासा: सामने आई जॉर्ज फ्लॉयड की पोस्टमार्टम रिपोर्ट, नहीं बचेगा पुलिस अधिकारी

25 मई को मिनियापोलिस में एक दुकान के बाहर पुलिस ने हिरासत में लिया था। इसके बाद उसकी मौत हो गई। हिरासत के दिन जारी हुए वीडियो में उसे एक श्वेत पुलिस अधिकारी डेरेक शोविन ने गिरफ्तार किया था।

Update:2020-06-04 19:08 IST

नई दिल्ली: अमेरिका में अश्वेत नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के कारण अमेरिका में लगातार विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं। प्रदर्शनकारियों ने वाइट हाउस को भी घेर लिया था जिसकी वजह से राष्ट्रपति ट्रंप बंकर में छुपना पड़ा था। पुलिस हिरासत में हुई अश्वेत नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की इस मौत के बाद पूरी दुनिया का ध्यान इस घटना की तरफ गया है। जॉर्ज फ्लॉयड के बारे में एक और खुलासा हुआ है कि वह अप्रैल में ही कोरोना वायरस से भी संक्रमित हो चुका था।

20 पन्नों की रिपोर्ट

दरअसल, मिनियापोलिस में पुलिस हिरासत में मरने वाले जॉर्ज फ्लॉयड की पोस्टमार्टम रिपोर्ट बुधवार को जारी की गई। इसमें खुलासा हुआ कि फ्लॉयड कोविड-19 से संक्रमित भी रह चुका था। हेनेपिन काउंटी के चिकित्सा परीक्षक कार्यालय ने फ्लॉयड परिवार की अनुमति के बाद 20 पन्नों की रिपोर्ट जारी की है।

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रिपोर्ट में ये साफ़ नहीं कि मौत संक्रमण से हुई

मुख्य चिकित्सा परीक्षक की रिपोर्ट यह भी बताया गया है कि फ्लॉयड तीन अप्रैल को कोविड-19 से संक्रमित पाया गया था लेकिन उसमें बीमारी के कोई लक्षण नहीं थे। हालांकि यह भी बताया गया कि फ्लॉयड के फेफड़े स्वस्थ दिख रहे थे। हालांकि ऐसा कोई संकेत नहीं मिला कि उसकी मौत की वजह के पीछे संक्रमण भी है।

पुलिस अधिकारी पर लगा थर्ड डिग्री मर्डर का आरोप

मालूम हो कि जॉर्ज फ्लॉयड को 25 मई को मिनियापोलिस में एक दुकान के बाहर पुलिस ने हिरासत में लिया था। इसके बाद उसकी मौत हो गई। हिरासत के दिन जारी हुए वीडियो में उसे एक श्वेत पुलिस अधिकारी डेरेक शोविन ने गिरफ्तार किया था। जॉर्ज के गले को घुटने से दबाने वाले पुलिस अधिकारी पर थर्ड डिग्री मर्डर का आरोप लगाया गया है।

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पुलिस द्वारा घुटनों से गर्दन को दबाया गया

जॉर्ज फ्लॉयड को कैब से उतारकर जमीन पर लिटाकर घुटनों से उसकी गर्दन को दबाया, जिसके बाद उसकी मौत हो गई। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इसके बाद से पूरे अमेरिका में धरने-प्रदर्शन चल रहे हैं।

खरीददारी में फर्जी नोट के इस्तेमाल का आरोप

पुलिस के मुताबिक, जॉर्ज पर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने 20 डॉलर (करीब 1500 रुपये) के फर्जी नोट के जरिए एक दुकान से खरीदारी की कोशिश की। पुलिस का कहना था कि जॉर्ज ने गिरफ्तारी का शारीरिक रूप से विरोध किया, इसके बाद बल प्रयोग किया गया।

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अमेरिका के करीब एक दर्जन शहरों में प्रदर्शन

इधर जॉर्ज के लिए न्याय की मांग करते लोग सड़कों पर उतर आए। अमेरिका के करीब एक दर्जन शहरों में प्रदर्शन हुए हैं। प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि पुलिस वालों को गिरफ्तार किया जाना चाहिए और उन पर हत्या का केस दर्ज होना चाहिए। हालात ये हो गए थे कि पिछले दिनों व्हाइट हाउस के बाहर सैकड़ों लोग प्रदर्शन करने लगे तो राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को एक बंकर में जाना पड़ा।

जॉर्ज श्वेत होते तो आज जिंदा होते

इस घटना के बाद प्रतिक्रियाओं का दौर भी शुरू हो गया। घटना को लेकर मिनियापोलिस के मेयर जैकब फ्रे ने कहा कि अगर जॉर्ज श्वेत होते तो आज जिंदा होते। वहीं, पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा कि 2020 के अमेरिका में ऐसी घटना सामान्य नहीं होनी चाहिए

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