सिर्फ एक वीडियो ने दिला दिया Pulitzer Award 2021, जानिए क्यों चर्चा का विषय बनी यह अश्वेत किशोरी

Pulitzer Award 2021 : 17 साल की अश्वेत लड़की डेरनेला फ्रेजियर ने साल 25 मई को अमेरिका में अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस के हाथों हुई हत्या को उजागर करने में बड़ी भूमिका निभाई थी।

Written By :  Anshuman Tiwari
Published By :  Shivani
Update:2021-06-12 10:46 IST

 पुलित्जर अवॉर्ड 2021 से सम्मानित डेरनेला फ्रेजियर (Photo Social media) 

Pulitzer Award 2021 : पिछले साल 25 मई को अमेरिका में अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस के हाथों हुई हत्या की घटना पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बनी थी। इस घटना के बाद अमेरिका के कई इलाकों में हिंसा भड़क उठी थी और लोगों ने सड़कों पर उतरकर विरोध जताया था। अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड को एक पुलिस अफसर ने गला घोटकर मार डाला था जिसे पूरी दुनिया में मानवाधिकार उल्लंघन की बड़ी घटना माना गया।

17 साल की अश्वेत लड़की डेरनेला फ्रेजियर (Darnella Frazier) की इस घटना को उजागर करने में बड़ी भूमिका थी जिसने अपने मोबाइल फोन में पुलिस अफसर की इस घटिया करतूत को रिकॉर्ड कर लिया था। बाद में यह वीडियो ही पुलिस अफसर के लिए काल बन गया क्योंकि इसे अदालत में सबूत के रूप में पेश किया गया। बहादुरी के साथ इस पूरी घटना का वीडियो बनाने वाली फ्रेजियर को अब स्पेशल पुलित्जर अवार्ड देने की घोषणा की गई है।

घटनास्थल के पास मौजूद थी फ्रेजियर

दरअसल पुलिस को धोखाधड़ी के एक मामूली से मामले में जॉर्ज फ्लॉयड की तलाश थी। पुलिस फ्लॉयड को गिरफ्तार करने पहुंची हुई तो वे घर पर नहीं मिले। घर से लौटते समय सड़क पर फ्लॉयड के दिखाई पड़ने पर पुलिस ने उन्हें घेर कर गिरा दिया। इसके बाद डेरेक चौविन नामक पुलिस अफसर ने घुटनों से फ्लॉयड की गर्दन दबा दी। उन्होंने करीब आठ मिनट तक तक फ्लॉयड की गर्दन को घुटनों से दबाए रखा जिससे फ्लॉयड की मौत हो गई।

घटनास्थल के करीब ही मौजूद 17 वर्षीया फ्रेजियर ने पुलिस की इस वहशियाना करतूत का पूरा वीडियो बना लिया। वायरल होने के बाद यह वीडियो पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बन गया है। इसे पूरी दुनिया के मीडिया में दिखाया गया।

अदालत में सबूत बना फ्रेजियर का वीडियो

बाद में इस वीडियो की फॉरेंसिक जांच भी की गई और इसे असली और उसी दिन का माना गया जिस दिन पुलिस के हाथों जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या की गई थी। अदालत में भी इस वीडियो को सबूत के तौर पर पेश किया गया। फ्लॉयड की हत्या की घटना के बाद अमेरिका ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में उसकी प्रतिक्रिया हुई थी और ब्लैक लाइव्स मैटर आंदोलन ने पूरी दुनिया में ताकत दिखाई थी।
अमेरिका के कई शहरों में तो इस घटना के बाद हिंसा की घटनाएं और विरोध प्रदर्शन की बाढ़ आ गई थी। लोगों ने सड़कों पर उतरकर ट्रंप प्रशासन के खिलाफ अपना गुस्सा जताया था। माना जाता है कि इस घटना ने भी पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को चुनाव में काफी नुकसान पहुंचाया।

फ्रेजियर के साहस को सलाम
पुलित्जर बोर्ड ने फ्रेजियर के साहस को सलाम करते हुए उन्हें स्पेशल अवार्ड देने की घोषणा की है। बोर्ड का कहना है कि फ्लॉयड की हत्या का वीडियो बनाकर फ्रेजियर ने पूरी दुनिया के सामने साहस की मिसाल पेश की है। इस वीडियो के जरिए ही पूरी दुनिया यह जानने में सफल हो सकी कि पुलिस किस हद तक वहशियाना हो सकती है।
फ्रेजियर के वीडियो ने ही पुलिस करतूत की सच्चाई को पूरी दुनिया के सामने उजागर किया और इसी कारण उन्हें पुलित्जर स्पेशल अवार्ड दिया गया है। पुलित्जर अवार्ड की पूरी दुनिया में प्रतिष्ठा है और यह पुरस्कार आमतौर पर जर्नलिज्म के लिए दिया जाता है। 1917 में शुरू किए गए इस पुरस्कार को पाकर फ्रेजियर पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बन गई हैं।
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