Russia-Ukraine War: यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को सुरक्षित रास्ते के लिए भारत ने संयुक्त राष्ट्र में चिंता जतायी

Russia Ukraine update : रूस-यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के चलते हालात बदतर होते जा रहे हैं। भारी मात्रा में ऐसे विदेशी नागरिक युद्ध के बीच यूक्रेन में बुरी तरह से फंस गए ।

Report :  Rajat Verma
Published By :  Ragini Sinha
Update:2022-03-08 08:52 IST
Russia Ukraine war (Social media)

Russia Ukraine War: रूस-यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के चलते भारत समेत अन्य देशों के तमाम नागरिक यूक्रेन की राजधानी कीव सहित कई अन्य जगहों पर फंस गए हैं। इन हालातों में उनका बचकर निकलना और अपने देश वापस जा पाना खतरे से खाली नहीं है। सभी देश अपनी क्षमता के अनुरूप अपने नागरिकों को सुरक्षित निकालने को लेकर लगातार प्रयासरत हैं। भारत ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को बताया कि वह यूक्रेन के सूमी में भारतीय छात्रों के लिए मानवीय आधार पर रास्ता उपलब्ध न कराए जाने से चिंतित है। जबकि वह रूस और यूक्रेन दोनों से इस तरह के गलियारे की अनुमति देने का आग्रह कर चुका है।

रूस के यूक्रेन पर हुए आक्रमण ने यूरोप के सबसे बड़े मानवीय संकट को जन्म दिया है, जिसमें भारतीय और अन्य विदेशी छात्र भी  फंस गए हैं। रिपोर्टों के अनुसार, लगभग 700 भारतीय नागरिक, जिनमें से कई सूमी स्टेट यूनिवर्सिटी के मेडिकल छात्र हैं, पूर्वी यूक्रेनी शहर में फंसे हुए हैं, क्योंकि लगातार गोलाबारी के कारण निकासी के प्रयास विफल हो गए हैं। 

इस बीच दुनियाभर में सबसे चर्चित इन यूक्रेन-रूस की जंग को लेकर संयुक्त राष्ट्र संघ में बैठक का आयोजन हुआ। इस बैठक में भारत द्वारा यूक्रेन में फंसे भारतीय और अन्य देशों के निर्दोष नागरिकों को सुरक्षित रूप से बाहर निकालने की बात की गई।

भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकालने पर चर्चा

रूस-यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के चलते हालात दिन-ब-दिन बदतर होते जा रहे हैं। ऐसे में इस बीच भारी मात्रा में ऐसे विदेशी नागरिक भी हैं, जो युद्ध हालातों के बीच यूक्रेन में बुरी तरह से फंस गए हैं। भारत सरकार द्वारा यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों को सुरक्षित रूप से निकालने को लेकर ऑपरेशन गंगा चलाया जा रहा है। इसी के साथ भारत ने संयुक्त राष्ट्र संघ में भी इस मुद्दे को उठाया, जिसमें भारत ने यूक्रेन में फंसे निर्दोष नागरिकों को सुरक्षित रूप से बाहर निकालने की बात की गई। 

आपको बता दें कि बीते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेन्स्की से बात कर यूक्रेन से भारतीय नागरिकों और छात्रों को निकालने में यूक्रेन सरकार द्वारा दी गई सहायता के लिए उन्हें धन्यवाद दिया देने के साथ ही सूमी इलाके से भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए जारी प्रयासों में यूक्रेन सरकार से निरंतर समर्थन मांगा था।

 तीसरे दौर को वार्ता भी बेनतीजा रही।

इन हालातों के मद्देनज़र अब युद्ध विराम की स्थिति उत्पन्न होती नजर नहीं आ रही है, ऐसे में बीते दिन बेलारूस में आयोजित हुई रूस और यूक्रेन के बीच की तोसरे दौर को वार्ता भी बेनतीजा रही।

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