Pakistan SCO Summit: पकिस्तान में हुआ एस जयशंकर का जोरदार स्वागत, जानें क्या है इसके मायने

Pakistan SCO Summit: पाकिस्तान में हो रहे एससीओ समिट में कल भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भाग लिया।

Report :  Sonali kesarwani
Update:2024-10-16 08:32 IST

Pakistan SCO Summit

Pakistan SCO Summit: मंगलवार को पाकिस्तान में चल रहे दो दिवसीय एससीओ समिट में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भाग लिया है। मंगलवार को वो पकिस्तान के इस्लामाबाद पहुंचे। शिखर सम्मेलन के पहले दिन मंगलवार को विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों के स्वागत में डिनर का आयोजन किया गया। डिनर से पहले का वीडियो सामने आया है, जिसमें शहबाज सभी देशों के प्रतिनिधियों से मिल रहे हैं। उन्होंने डॉ. एस जयशंकर से भी हाथ मिलाया और 20 सेकंड से भी कम समय तक बात की। इस मुलाकात को लेकर भी पाकिस्तानी मीडिया में बातें लिखी गई। उन्होंने एक न्यूज आउटलेट में लिखा, 'एक दशक की चुप्पी के बाद, पाकिस्तान और भारत ने 20 सेकंड का संक्षिप्त अभिवादन साझा किया।'

पकिस्तान में हो रहा SCO समिट

पाकिस्तान में शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन चल रहा है। जिसमें चीन, भारत, रूस, पाकिस्तान, ईरान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान और बेलारूस देश शामिल हैं। लेकिन इस मीटिंग में सबकी नजरे जिसपर टिकी है वो है भारत पर। आपको बता दें कि भारत की तरफ से कोई मंत्री पाकिस्तान में पूरे नौ साल बाद गया है। इससे पहले सुषमा स्वराज पाकिस्तान गई हुई थीं। 

एस जयशंकर के दौरे पर पाकिस्तान ने क्या बोला

पाकिस्तान में एस जयशंकर के आगमन और शाहबाज से मुलाक़ात पर पाकिस्तानी मीडिया ने कई बातें लिखी हैं। पाकिस्तानी मीडिया ने लिखा कि दोनों देशों के बीच लगभग एक दशक से रिश्ते ख़राब चल रहे हैं। उन्होंने आगे लिखा कि जयशंकर की यह यात्रा लगभग 10 वर्षों में किसी भारतीय मंत्री की पहली पाकिस्तान यात्रा है। 2015 में आखिरी बार सुषमा स्वराज ने इस्लामाबाद में अफगानिस्तान पर एस सम्मेलन में भाग लिया था। उस दौरान भी डॉ. जयशंकर उनके साथ थे।

पाकिस्तान में चल रहे एससीओ समिट में कई देशों ने हिस्सा लिया है। कल यानी मंगलवार को चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग ने मंगलवार को इस्लामाबाद के ऐवान-ए-सद्र में राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के साथ मीटिंग की। मीटिंग के दौरान ली ने सीपीईसी से जुड़ी विकास परियोजनाओं में तेजी लाने की आवश्यक्ता पर जोर दिया। उन्होंने चीन-पाकिस्तान संबंधों के भविष्य के बारे में उम्मीद जताते हुए कहा कि आने वाले वर्षों में यह और भी मजबूत होगा।

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