अटैक के बाद पहली बार सामने आये सलमान रुश्दी, बोले-'मैं लकी था जो न्यूयॉर्क हमले में बच गया, आते हैं डरावने सपने'
Salman Rushdie: भारतीय मूल के लेखक सलमान रुश्दी पर पिछले साल न्यूयॉर्क के एक कार्यक्रम के दौरान हमला हुआ था। जिसमें उनकी एक आंख खराब हो गई। उन्होंने इंटरव्यू में कई बातें कही।
Salman Rushdie: बुकर प्राइज (Booker Prize) विनर लेखक सलमान रुश्दी लंबे समय बाद नजर आए। पिछले साल 12 अगस्त को न्यूयॉर्क (New York) में एक कार्यक्रम के दौरान रुश्दी पर जानलेवा हमला हुआ था। जिसके बाद उनकी कोई खबर नहीं थी। अपने ऊपर हुए हमले के बाद पहली बार सलमान रुश्दी ने मीडिया से बात की। उन्होंने कहा, वो स्वयं को भाग्यशाली मानते हैं कि इतने खतरनाक हमले में बच गए।
75 वर्षीय ब्रिटिश-अमेरिकी लेखक सलमान रुश्दी (Salman Rushdie) 12 अगस्त, 2022 को न्यूयॉर्क के चौटौक इंस्टीट्यूशन में स्पीच दे रहे थे, तभी एक हमलावर ने उन पर चाकू से वार कर दिया। इस जानलेवा हमले में रुश्दी गंभीर रूप से घायल हो गए। उनकी एक आंख की रोशनी चली गई है।
रुश्दी बोले- आते हैं डरावने सपने
भारतीय मूल के ब्रिटिश लेखक सलमान रुश्दी इन दिनों अमेरिका में रह रहे हैं। पिछले साल 12 अगस्त को अपने ऊपर हुए जानलेवा हमले के बाद उन्होंने पहली बार इंटरव्यू दिया। न्यूयॉर्क हमले में रुश्दी की दाहिनी आंख की रोशनी चली गई। मीडिया से बात करते हुए सलमान रुश्दी ने कहा, उन्हें अब लिखने में दिक्कत होती है। उन्हें डरावने सपने के बारे में भी खुलासा किया। उन्होंने बताया हमले के बाद से उन्हें डरावने सपने आते हैं।
'मैं अब ठीक हो रहा हूं'
सलमान रुश्दी (Salman Rushdie) ने न्यूयॉर्क में सोमवार को प्रकाशित अपने इंटरव्यू में कहा है, कि 'अब मैं पहले से बेहतर महसूस कर रहा हूं। लेकिन, मेरे साथ जो हुआ, उस पर गौर करते हुए मुझे लगता है कि मैं इतना बुरा भी नहीं हूं।' सलमान ने डेविड रेमनिक (David Remnick) को दिए इंटरव्यू में कहा, 'जिस्म पर लगी बड़ी चोटें ठीक हो गई हैं। मुझे अपने अंगूठे, हथेली आदि में दर्द महसूस होता रहता है। इसके लिए मैं कई तरह की हैंड थेरेपी ले रहा हूं। उन्होंने कहा, मैं अब ठीक हो रहा हूं।'
रुश्दी बोले- मुझे अपने जीवन पर कोई पछतावा नहीं
प्रसिद्ध इंग्लिश लेखक ने आगे कहा, 'मैंने कई किताबें लिखी हैं। 'द सेटेनिक वर्सेज़' मेरी पांचवीं पुस्तक और चौथा उपन्यास था। इसी तरह 'विक्ट्री सिटी' (Victory City) मेरी 21वीं किताब है। इसलिए एक लेखक के रूप में मेरी तीन-चौथाई किताबें फतवा के बाद प्रकाशित हुईं। इसलिए मुझे अपने जीवन पर कोई पछतावा नहीं। सलमान रुश्दी ने ये भी कहा, 'वो दुनियाभर में लोगों की सहानुभूति से बेहद प्रभावित हुए। उन्होंने मौत को बहुत करीब से देखा, जिससे वह पहले से ज्यादा दृढ़ संकल्पित हुए हैं।'
हमलावर को माफ कर चुके हैं रुश्दी
अपने इस इंटरव्यू में सलमान रुश्दी ने हमलावर मतार को 'मूर्ख व्यक्ति' बताया। अपनी बातचीत में उन्होंने कहा, 'मतार को लेकर उनके भीतर कोई गुस्सा या नाराजगी नहीं है। उन्होंने आगे कहा, 'मैंने पिछले कई वर्षों में आरोप-प्रत्यारोप और कटुता से बचने की कई कोशिशें की, लेकिन ऐसा संभव नहीं हो सका। इस पूरे मामले से निपटने का एकमात्र तरीका ये है कि मैं आगे की तरफ देखूं न, कि पीछे की ओर। कल क्या हुआ, कि तुलना में कल क्या होगा, वह ज्यादा अहम है।
सलमान रुश्दी ने ये इंटरव्यू अपने नए उपन्यास 'विक्ट्री सिटी' के प्रकाशन के ठीक पहले दिया है। रुश्दी ने बताया कि, उन्होंने इस उपन्यास को अपने ऊपर हुए हमले से एक महीने पहले ही पूरा किया था।