पाकिस्तान का प्लान फेल: मुस्लिम देशों का नहीं मिला साथ, ये बनी वजह

सऊदी अरब और ईरान दोनों ही देशों ने अपने यहां स्थित पाकिस्तानी दूतावासों को 27 अक्‍टूबर को काला दिवस मनाने की इजाजत नहीं दी है। इससे पाकिस्तान को बड़ा झटका लगा है। 

Update: 2020-10-29 09:24 GMT
पाकिस्तानी दूतावास को नहीं मिली काला दिवस मनाने की इजाजत

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद से ही पाकिस्तान बौखलाया हुआ है। कश्मीर मुद्दे को कई बार प्रधानमंत्री इमरान खान ने वैश्विक मंचों पर भी उछालने की कोशिश की, लेकिन उन्हें हर बार मुंह की ही खानी पड़ी। उसके बाद इमरान खान ने दूसरा प्लान तैयार किया और इस मुद्दे पर मुस्लिम देशों का समर्थन हासिल करना चाहा। लेकिन इस बीच पाकिस्तान को शिया और सुन्‍नी दोनों ही गुटों से कश्‍मीर के मुद्दे पर बड़ा झटका लगा है।

सऊदी अरब और ईरान ने दिया बड़ा झटका

दरअसल, सऊदी अरब और ईरान दोनों ही देशों ने अपने यहां स्थित पाकिस्तानी दूतावासों को 27 अक्‍टूबर को काला दिवस मनाने की इजाजत नहीं दी है। बता दें कि पाकिस्तानी दूतावास 27 अक्‍टूबर को जम्‍मू-कश्‍मीर के भारत में विलय के दिन पर काला दिन मनाना चाहता था। लेकिन उसे इसके लिए अनुमति ही नहीं मिली।

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क्या था दूतावास का प्रस्ताव?

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस मामले से जुड़े लोगों ने बताया कि पाकिस्‍तानी दूतावास की तरफ से ईरान के तेहरान यूनिवर्सिटी (Tehran University) में काला दिवस (Black Day) मनाने के लिए एक कार्यक्रम रखने का प्रस्‍ताव दिया गया था। पाकिस्तान के इस कदम पर ईरान ने उसे इसके लिए इजाजत देने से मना कर दिया। इसके बाद पाकिस्‍तानी दूतावास सिर्फ एक ऑनलाइन सेमिनार करने पर मजबूर हो गया।

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(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

पाकिस्तान को नहीं मिल रहा मुस्लिम देशों का साथ

ईरान के इस कदम से यह साफ जाहिर है कि जम्मू-कश्मीर से 370 के खत्म किए जाने के मामले में पाकिस्तान मुस्लिम देशों का समर्थन भी नहीं हासिल कर पा रहा है। साथ ही सऊदी अरब ने भी इस्लामाबाद को कार्यक्रम आयोजित करने से इनकार कर दिया। विशेषज्ञों की मानें तो ताकतवर मुस्लिम देशों सऊदी अरब और ईरान से पाकिस्तान को मिला झटका इस इलाके में बदलते समीकरण को दर्शाता है।

तुर्की से दोस्ती पड़ी भारी

बता दें कि कभी सऊदी के भरोसे पलने वाले पाकिस्तान ने अब तुर्की से दोस्ती गहरा ली है और उसे अपना आका बना लिया है। केवल इतना ही नहीं हाल ही में पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी तुर्की के साथ मिलकर सऊदी अरब से अलग एक और इस्‍लामिक गुट बनाने की चेतावनी भी दे चुके हैं। ऐसा करके पाकिस्तान ने सऊदी अरब से दुश्मनी मोड़ ले ली है।

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