अपने ही घर जाने के लिए चुकाने पड़ रहे 10 लाख रुपए, आवामी लीग के नेताओं की हालत बदतर
Bangladesh News: शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद स्थिति कुछ सामान्य होने पर आवामी लीग के नेता घर वापस लौट रहे हैं। मगर उन्हें अपने घर में जाने के लिए लाखों की कीमत देनी पड़ रही है।
Bangladesh News: बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद उनके नेताओं की हालत बदतर होती जा रही है। सरकार में रहने पर हनक दिखाने वाले आवामी लीग के नेताओं के बुरे दिन चल रहे हैं। शेख हसीन की सरकार गिरे करीब दो महीने होने वाले हैं मगर स्थिति अभी सामान्य नहीं हो रही है। कई नेताओं की जान चली गई। कुछ को भारत की सीमा पर गिरफ्तार किया गया। अभी भी कई नेता छिपे हुए हैं। मीडिया रिपोर्ट कि माने तो कुछ नेताओं को अपने घर लौटने के लिए लाखों रुपए चुकाने पड़ रहे हैं। पैसे चुकाने के बाद भी उन्हें घर में कैद होकर रहना पड़ रहा है। इस वसूली के लिए खालिदा जिया की पार्टी बीएनपी के नेताओं पर आरोप लगाया जा रहा है।
घर जाने के लिए देने पड़ रहे 10 लाख रुपए
बांग्लादेश में तख्तापलट के करीब डेढ़ महीने बाद स्थिति थोड़ी सामान्य हुई है। इसी को देखेते हुए अंडर ग्राउंड हुए आवामी लीग के नेता अब अपने घरों को लौट रहे हैं। मगर इसके लिए उन्हें भारी कीमत चुकानी पड़ रही है। कहा जा रहा है कि जो लोग पैसे नहीं दे रहे हैं उन्हें इलाके में घुसने से मना कर दिया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक कुछ इलाकों में आवामी लीग के नेताओं की गिरफ्तारी भी हुई है। बीबीसी कि रिपोर्ट के अनुसार कुछ नेता पैसे चुका कर वापस लौटे हैं कुछ अभी इंतजार में हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अपने घर लौटने के लिए उन्हें 10 लाख रुपए तक देने पड़ रहे हैं। इसके बाद भी उन्हें घर से निकलने की मनाही है। पैसे चुकाने के बाद भी उन्हें नजरबंद होकर रहना पड़ रहा है। यह उगाही करने का आरोप खालिदा जिया की पार्टी के प्रभावशाली नेताओं पर लग रहा है।
बदतर हुए हालात
शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद उनके नेताओं की हालत बदतर होती जा रही है। इस वक्त शेख हसीना भारत में हैं। बांग्लादेश उन्हें वापस लाने का प्रयास कर रहा है। यूनुस सरकार ने हसीना पर नरसंहार, हत्या और अपहरण समेत कई संगीन जुर्म के 100 से ज्यादा मुकदमे दर्ज कराए हैं। इन मुकदमों की सुनवाई का लाइव प्रसारण किया जाएगा। इस बीच बांग्लादेश में रह रहे आवामी लीग के नेताओं की हालत बदतर होती जा रही है। बुरे हालात के साथ ही उनकी जान को भी खतरा है। सभी डर से माहौल में जीने को मजबूर हैं। बांग्लेदेश छोड़ने की कोशिश में भी कई नेताओं को भारत की सीमा पर गिरफ्तार किया गया है।