Silicon Valley Bank Crisis: सिलिकॉन वैली बैंक फेल होने से खलबली, स्टार्टअप्स पर टूटी मुसीबत
Silicon Valley Bank Crisis:टेक्नोलॉजी सेक्टर की कुछ सबसे नामचीन कंपनियों को ऋण देने वाले मशहूर "सिलिकॉन वैली बैंक" दीवालिया हो गया है।
Silicon Valley Bank Crisis: टेक्नोलॉजी सेक्टर की कुछ सबसे नामचीन कंपनियों को ऋण देने वाले मशहूर "सिलिकॉन वैली बैंक" दीवालिया हो गया है।2008 के वित्तीय संकट के बाद से फेल होने वाला सबसे ये बड़ा बैंक है। इस घटना के चलते बैंक में लगभग 175 अरब डॉलर का कस्टमर डिपॉजिट अमेरिका के फेडरल डिपॉजिट इंश्योरेंस कार्पोरेशन के नियंत्रण में चला गया है।
भारतीय स्टार्टअप्स
कई भारतीय स्टार्ट अप के खाते सिलिकॉन वैली बैंक में खाते थे। इनमें से प्रत्येक की जमा राशि और उनमें 2,50,000 डॉलर से अधिक की है। परेशानी की बात ये है कि अमेरिकी नियामकों ने कहा है कि सिर्फ 2,50,000 डॉलर तक की जमा राशि का ही बीमा उनके द्वारा किया जाएगा। दरअसल, टेक उद्योग सिलिकॉन वैली बैंक का सबसे बड़ा ग्राहक है, जिसमें बड़ी संख्या में भारतीय स्टार्ट-अप हैं।
क्या है मामला
अमेरिका के कैलिफोर्निया में वित्तीय सुरक्षा और नवाचार विभाग ने 10 मार्च को सिलिकॉन वैली बैंक को बंद कर दिया। इसके दो दिन ही पहले बैंक ने अपने ग्राहकों को पैसे नहीं निकालने के लिए राजी करने की पुरजोर कोशिश की थी, क्योंकि ग्राहकों में ये खबर फैल गई थी कि बैंक के पास उपलब्ध नकदी बहुत कम हो गई है। बहरहाल, बैंक बन्द कर दिया गया और नियामक ने फेडरल डिपॉजिट इंश्योरेंस कॉर्प (एफडीआईसी) को रिसीवर के रूप में नियुक्त कर दिया।
निवेश बेकार गया
कई स्टार्टअप्स की नकदी से भरपूर सिलिकॉन वैली बैंक ने एक साल से अधिक समय पहले बड़ी मात्रा में बांड खरीदे थे। अन्य बैंकों की तरह, सिलिकॉन वैली बैंक ने जमा राशि की एक छोटी राशि को हाथ में रखा और शेष को रिटर्न अर्जित करने की उम्मीद के साथ निवेश कर दिया। जब तक फेडरल रिजर्व ने मुद्रास्फीति को कम करने के लिए पिछले साल ब्याज दरों में बढ़ोतरी शुरू नहीं की थी, तब तक यह अच्छा काम करता रहा। लेकिन उसी समय स्टार्टअप्स की फंडिंग सूखने लगी, जिससे बैंक के कई ग्राहकों पर दबाव पड़ा और उन्होंने अपना पैसा निकालना शुरू कर दिया। ग्राहकों को भुगतान करने के लिए सिलिकॉन वैली बैंक को अपने कुछ निवेशों को उस समय बेचने के लिए मजबूर होना पड़ा जब उनके मूल्य में गिरावट आ चुकी थी। अब एक चौंकाने वाले खुलासे में बैंक ने बताया है कि उसे करीब 2 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है।
दूसरे बैंकों की चिंता बढ़ी
सिलिकॉन वैली बैंक अमेरिका के सबसे बड़े बैंकों की तुलना में बहुत छोटा है। इसकी 209 बिलियन डॉलर की संपत्ति जेपी मॉर्गन चेज़ की 3 ट्रिलियन डॉलर की संपत्ति के आगे कुछ नहीं है। लेकिन कोई भी बैंक उस समय फेल हो सकता है जब ग्राहक या निवेशक घबरा जाएं और अपनी जमा राशि निकालना शुरू कर दें। फिलहाल सबसे तात्कालिक चिंता यह बनी हुई कि सिलिकॉन वैली बैंक की विफलता अन्य बैंकों के ग्राहकों को डरा देगी। सैन फ्रांसिस्को स्थित फर्स्ट रिपब्लिक बैंक और न्यूयॉर्क में सिग्नेचर बैंक के शेयर शुक्रवार को 20 फीसदी से अधिक नीचे चले गए थे। लेकिन जेपी मॉर्गन, वेल्स फ़ार्गो और सिटीग्रुप सहित देश के कुछ सबसे बड़े बैंकों के शेयरों में गुरुवार को गिरावट के बाद शुक्रवार को अधिक उछाल आया।
स्टार्टअप्स परेशान
कुछ उद्यमी और स्टार्टअप्स जिनका पैसा बैंक में फंसा हुआ है, वे अपने कर्मचारियों को पेमेंट करने के लिए दूसरे स्रोतों से कर्जा ले रहे हैं।सिलिकॉन वैली बैंक की वेबसाइट के अनुसार इस बैंक ने लगभग आधे वेंचर कैपिटल समर्थित टेक्नोलॉजी और लाइफ साइंस कंपनियों को बैंकिंग सेवाएं प्रदान की हुईं थीं। इसके अलावा बैंक 2,500 से अधिक वेंचर कैपिटल फर्म, जिनमें लाइटस्पीड, बैन कैपिटल और इनसाइट पार्टनर्स शामिल हैं, को वित्तीय सेवाएं दे रहा था।